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23 कांग्रेसी नेताओं की आई शामत: पत्र लिखकर बुरा फंसे, खिलाफ हो गयी पार्टी
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने आनंद शर्मा पर पत्र लिखने का आरोप लगाया और खेद व्यक्त किया। अंबिका सोनी ने पत्र लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
लखनऊ : कांग्रेस में पार्टी नेतृत्व को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। एक तरफ 23 वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हैं, जिन्होंने पार्टी में बदलाव और नेतृत्व को लेकर मांग उठाई है, वहीं दूसरा खेमा उन नेताओं का है, जो पत्र खिलने वालों के खिलाफ हो गए हैं। उनका कहना है कि सोनिया गांधी या राहुल गांधी से अच्छा नेतृत्व कांग्रेस को नहीं मिल सकता।
अहमद पटेल ने पत्र लिखने पर आनंद शर्मा के खिलाफ जताई नराजगी
इसी कड़ी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आज कई नेताओं ने अपना अपना पक्ष रखा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आनंद शर्मा पर पत्र लिखने का आरोप लगाया और खेद व्यक्त किया कि आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता उस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में शामिल थे।
इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। अंबिका सोनी ने तो पत्र लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी अनुशासनहीनता की है, उस पर कांग्रेस के संविधान के अनुसार निर्णय लिया जाना चाहिए। हालंकि बैठक के अंत में ये फैसला लिया गया है कि सोनिया गांधी फिलहाल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी।
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सोनिया गांधी ने कहा था कि वो अब आगे पार्टी अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहती हैं
बता दें कि कांग्रेस में नेतृत्व संकट के बीच आज कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक चल रही थी। इस दौरान नेतृत्व के सवाल पर खुलकर बात हुई। बैठक के दौरान पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि वो अब आगे पार्टी अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहती हैं। लेकिन कई नेताओं ने उन्हें पद पर बने रहने की अपील की थी।
नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह बात सामने आई कि पार्टी में अंदरूनी रार छिड़ गयी है। सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यमक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की और साथ में उस चिट्ठी का जवाब भी दिया जिसमें नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद कांग्रेस समिति दो भागों में बंट गई। एक तरफ गांधी परिवार के समर्थन में लोग दिखे तो दूसरी तरफ बागी नेताओं ने भी अपने तेवर सख्त अख्तियार कर खुली चुनौती दे दी है।
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सीनियर नेताओं की चिट्ठी के बाद बुलाई गई थी बैठक
बता दें कि CWC की इस बैठक में यह तय करना था कि सोनिया गांधी आगे कांग्रेस का नेतृत्व जारी रखेंगी या नहीं बल्कि गांधी परिवार से ही पार्टी के नेतृत्व के सवाल पर खुली चर्चा हो सकती है।
चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई CWC की ये बैठक
सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं को बता दिया था कि उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष का 1 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है और अब पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ना चाहती हैं। इसी सिलसिले में CWC की ये बैठक सोनिया गांधी को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी।
बता दें कि कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, UPA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में सशक्त केंद्रीय नेतृत्व के साथ पार्टी को चलाने की सही रणनीति पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि नेतृत्व ऐसा हो जो सक्रिय हो और जमीन पर काम करता दिखे।
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