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भ्रष्टाचार में लिप्त योगी सरकार, आप सांसद संजय सिंह ने लगाया बड़ा आरोप

यूपी की योगी सरकार पर लगातार हमलावार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधा है।

Newstrack
Published on: 4 Sept 2020 12:53 PM IST
भ्रष्टाचार में लिप्त योगी सरकार, आप सांसद संजय सिंह ने लगाया बड़ा आरोप
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आप सांसद संजय सिंह ने साधा योगी सरकार पर निशाना (file photo)

लखनऊ: यूपी की योगी सरकार पर लगातार हमलावार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधा है। आप सांसद ने सुल्तानपुर के भाजपा विधायक के मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे गए एक पत्र का हवाला देते हुए कोविड सर्वे किट बाजार दर से ज्यादा दाम पर खरीदे जाने का गंभीर आरोप लगाया है।

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संजय सिंह ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर कहा

संजय सिंह ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर कहा है कि योगी जी कृप्या ध्यान दे। आनलाइन खरीदने पर भी आक्सीमीटर की कीमत 800 रुपये, थर्मामीटर की कीमत 1800 रुपये है तो डीएम सुल्तानपुर ने 9950 रुपये में कोविड सर्वे किट क्यों खरीदा किसने कितनी दलाली खाई कोरोना के नाम पर भ्रष्टाचार श्मशान में दलाली के समान है।



आप सांसद ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री कार्यालय की एक चिट्ठी भी अटैच की है

आप सांसद ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री कार्यालय की एक चिट्ठी भी अटैच की है। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को संबोधित मुख्यमंत्री कार्यालय की इस चिट्ठी में लिखा है कि सुल्तानपुर के लम्भुआ से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने बताया है कि सुल्तानपुर में पल्स आक्सीमीटर और आई आर थर्मामीटर की आपूर्ति ग्राम पंचायतों में शासनादेश के विपरीत 2800 रुपये के स्थान पर 9950 रुपये में जबरन जिलाधिकारी के द्वारा वसूली करवाई जा रही है एवं जिले के अधिकांश ग्राम पंचायतों में जबरन किट की आपूर्ति करने वाली फर्म को डोंगलल लगवा कर भुगतान भी करवा दिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामलें की जांच करा कर जल्द आख्या देने को कहा है।

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बता दे कि इससे पहले भी हाल ही में हुए विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान लम्भुआ के भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी उस समय चर्चा में आ गए थे, जब उनके द्वारा विधानसभा की प्रक्रिया और संचालन नियमावली 1958 के तहत प्रश्न सूचीबद्ध कराने के लिए प्रपत्र देकर यूपी सरकार के 03 साल के कार्यकाल में ब्राह्मणों की हत्या और सुरक्षा को लेकर सवाल पूछा गया था। हालांकि पत्र के वायरल होने के बाद उन्होंने इससे किनारा करते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं जारी किया है और पत्र को फर्जी बताते हुए हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया था।

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