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योगी मंत्रिमंडल से राजेश अग्रवाल की इस फार्मूले के हिसाब से तो तय है विदाई
पचहत्तर पार के फार्मूले पर छुट्टी के सिद्धांत पर अमल के चलते ही लालकृष्ण आडवाणी और डा.मुरली मनोहर जोशी मार्गदर्शक मंडल के सदस्य बने। यही नहीं लोकसभा की स्पीकर रहीं सुमित्रा महाजन को पचहत्तर पार होने के चलते ही लोकसभा के टिकट से वंचित होना पड़ा।
योगेश मिश्र
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के क्या कैबिनेट से छुट्टी के दिन आ गए हैं या फिर इनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने फार्मूले को बदलने को तैयार हो जाएंगे। यह सवाल इन दिनों योगी मंत्रिमंडल के रद्दोबदल में सबसे अधिक परेशान कर रहा है। तीन मंत्रियों के सांसद बन जाने के नाते योगी मंत्रिमंडल में विस्तार और रद्दोबदल की अटकलें तेज हैं। पार्टी के फार्मूले के मुताबिक पचहत्तर पार का नेता मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बना दिया जाता है। राजेश अग्रवाल एक साल पहले पचहत्तर पार कर चुके हैं।
पचहत्तर पार के फार्मूले पर छुट्टी के सिद्धांत पर अमल के चलते ही लालकृष्ण आडवाणी और डा.मुरली मनोहर जोशी मार्गदर्शक मंडल के सदस्य बने। यही नहीं लोकसभा की स्पीकर रहीं सुमित्रा महाजन को पचहत्तर पार होने के चलते ही लोकसभा के टिकट से वंचित होना पड़ा। कलराज मिश्रा को 75 पार होते ही अपना विभाग छोड़ना पड़ा। नजमा हेपतुल्ला को भी इसी फार्मूले के तहत ही मंत्री पद से हटा कर राज्यपाल बनाया गया। योगी मंत्रिमंडल के मंत्री राजेश अग्रवाल 1993 से लगातार विधायक हैं।
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उत्तर प्रदेश विधानसभा की साइट पर राजेश अग्रवाल की जन्मतिथि 18 सितंबर 1943 दर्ज है। हालांकि उनके विकीपीडिया और दूसरी साइटों पर जन्मतिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती। कल्याण सिंह मंत्रिमंडल से चिकित्सा मंत्री रहे डा. दिनेश जौहरी की विदाई के बाद 1993 में भाजपा ने संघ के महानगर कार्यवाह राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा तबसे वह लगातार अपराजेय पारी खेल रहे हैं।
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लेकिन विधानसभा की साइट पर दर्ज उनकी जन्मतिथि के हिसाब से वह 75 पार के हो गए हैं। ऐसे में अगले मंत्रिमंडल विस्तार में उनके ड्राप होने की खबरों का तेज हो जाना लाजमी है।