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सपा की योगी सरकार से मांग, कोरोना वायरस पर बुलाएं विशेष सत्र
अखिलेश ने कहा कि सत्ता और विपक्ष की संयुक्त भूमिका से ही प्रदेश के समक्ष उत्पन्न गम्भीर समस्याओं का निदान हो सकता है। सपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लम्बी चलने वाली है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वर्तमान सामाजिक व आर्थिक स्थिति तथा कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न समस्याओं के समाधान पर कारगर कदम उठाने के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाना चाहिए।
अखिलेश बोले-राज्य सरकार केवल अधिकारियों के भरोसे
अखिलेश ने कहा कि सत्ता और विपक्ष की संयुक्त भूमिका से ही प्रदेश के समक्ष उत्पन्न गम्भीर समस्याओं का निदान हो सकता है।
सपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लम्बी चलने वाली है। अभी तक राज्य सरकार केवल अधिकारियों के भरोसे है। विपक्ष संकट के समाधान में ऐसे सुझाव दे सकता है जिससे प्रभावी नियंत्रण होने में आसानी हो।
इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने में दिक्कत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि पहले भी गत वर्ष तीन अक्टूबर को राष्ट्रसंघ के विकास लक्ष्यों पर और नवम्बर 26 को संविधान दिवस पर विशेष अधिवेशन बुलाए जा चुके हैं।
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मुख्यमंत्री का नौकरशाही पर पूरी तरह भरोसा ठीक नहीं: अखिलेश
सपा मुखिया ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री का लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का नौकरशाही पर पूरी तरह भरोसा ठीक नहीं। लाॅकडाउन की लम्बी अवधि में जनता की तकलीफें बढ़ी है। किसान पर बे-मौसम बरसात और ओलावृष्टि की मार पड़ी है। उसकी फसल को खरीद के लिए क्रय केन्द्र नहीं खुले हैं।
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गिनाई कोरोना वायरस से जन समस्याएंः
दूसरे प्रांतों से पलायन कर बड़ी संख्या में श्रमिक आए हुए हैं। उद्योग-धंधे बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी है। अभी तक लाखों श्रमिक और छात्र दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति गम्भीर है। रोजी-रोटी के अभाव में हालात बिगड़ने की आशंका है। लोकतंत्र में जनहित सर्वोपरि है।
कोरोना पाॅजिटिव सैफई अस्पताल के लिए रवाना, पर अस्पताल प्रशासन को सूचना तक नहीं
अखिलेश ने कहा कि विगत एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है। जबकि लाॅकडाउन की अवधि में राज्य की जनता घरों में है। कुछ जनपदों में कोरोना का प्रकोप अभी भी जारी है। अस्पतालों में अन्य बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। कोरोना इलाज के भय से जनता सहमी हुई है। जांच किट की पर्याप्त उपलब्धता के अभाव में मरीजों की सही-सही संख्या का भी पता नहीं चल रहा है।
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प्रशासनिक तालमेल की कमी की स्थिति यह है कि आगरा से रात में ही एक बस भर कर कोरोना पाॅजिटिव को सैफई अस्पताल के लिए रवाना कर दिया, लेकिन सैफई के अस्पताल के प्रशासन को सूचना तक नहीं दी गई। सैफई में मरीज घंटों बाहर सड़क पर भर्ती के लिए इंतजार में बैठे रहे।
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