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BJP सरकार के अदूरदर्शी फैसलों के चलते श्रमिकों की जिंदगी हुई नर्क: अखिलेश
सपा अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार के रवैये से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश भर के मजदूर आक्रोशित है। इससे सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने औरैया सड़क हादसे में मृत श्रमिकों और घायलों को एक साथ खुले ट्रक में रवाना किए जाने पर कहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के कारनामों से मानवता शर्मसार हो रही है। समझ में नहीं आता कि कोई सरकार कैसे इतनी अमानवीय हो सकती है। अखिलेश ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि श्रमिक की किसी भी हादसे में मौत पर प्रत्येक के परिजन को दस लाख रुपयें की आर्थिक मदद तत्काल दी जाए।
हादसे का शिकार हुए मजदूरों के लिए मुआवजे की मांग
सपा अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार के रवैये से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश भर के मजदूर आक्रोशित है। इससे सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा है। लाॅकडाउन के चलते सपा ने सरकार को तमाम तरह के सुझाव दिए और लगातार जमीनी सच्चाई उजागर की, लेकिन मुख्यमंत्री की टीम-11 अहंकार में डूबी रही। अब हालात नियंत्रण के बाहर अराजकता तक पहुंच गये है। आखिर इस संकट की जिम्मेदारी किसकी है?
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सीमाओं को अचानक बंद करने के आदेश से स्थिति और गम्भीर हो चली है। प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में प्रवासी मजदूर भूख प्यास से व्याकुल और चीख पुकार करते हुए पुलिसवालों से प्रदेश की सीमा में प्रवेश पाने के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। जो लोग बीच प्रदेश में फंसे है उनके साथ पुलिस दुव्र्यवहार कर रही है।
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अखिलेश ने सरकार पर श्रमिकों की जिंदगी नर्क बनाने का लगाया आरोप
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार के अदूरदर्शी फैसलों के चलते गरीब और बेबस श्रमिकों की जिंदगी नर्क हो गई है। मथुरा में कोसीकलाॅ से फरह तक हाईवे पर जमा श्रमिकों को जब 7 घंटे तक खाना पानी नहीं मिला, बसों की व्यवस्था नहीं हुई तो उनके आक्रोश व्यक्त करने पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। लाठियों की यह चोट गरीब जनता कभी नहीं भूलेगी।
सैकड़ों मील दूर से आ रहे लोगों को घर भिजवाने की करें व्यवस्था
सपा मुखिया ने यूपी सरकार से आग्रह किया है कि वह संवेदनशील होने का परिचय दे। जो लोग सैकड़ों मील चलकर जहां भी पहुंचे हैं, अब वहीं से आगे उन्हें घर भिजवाने की तुरन्त व्यवस्था की जाए। सरकार की इससे ज्यादा अक्षमता का प्रमाण क्या मिल सकता है कि समय से निर्णय नहीं कर सकी। लाचार श्रमिकों को अपने ही गृह राज्य में उत्पीड़न और अपमानित होना पड़ रहा है।
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सीएम की टीम-11 की बैठकों के नतीजा पर नहीं हो रहा अमल
मुख्यमंत्री की टीम-11 की बैठकों का नतीजा आज तक अमल में नहीं आया। कोरोना पीड़ितों की संख्या में लगातार वृद्धि तो होती जा रही है। टीम इलेवन के कारण पूरा प्रशासन पस्त हो गया है। सरकारी मशीनरी निष्क्रिय है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि मजदूरों को उनके गंतव्य स्थल तक सम्मानपूवर्क एवं सुविधा से पहुंचायें, और उनके जीवनयापन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
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