×

विधानसभा उपचुनाव: तंजीन का बेड़ा पार लगाने 19 को रामपुर जायेंगे अखिलेश

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामपुर की सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना दिया है। इस सीट को फिर से अपनी पार्टी के खाते में ड़ालने के लिए वह अब आगामी 19 अक्टूबर को रामपुर जाएंगे।

Aditya Mishra
Published on: 26 Aug 2023 7:53 AM GMT
विधानसभा उपचुनाव: तंजीन का बेड़ा पार लगाने 19 को रामपुर जायेंगे अखिलेश
X

लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामपुर की सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना दिया है। इस सीट को फिर से अपनी पार्टी के खाते में ड़ालने के लिए वह अब आगामी 19 अक्टूबर को रामपुर जाएंगे। यहां पर वे सपा प्रत्याशी और पार्टी सांसद आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा के लिए चुनावी जनसभा करेंगे।

अखिलेश ने जबसे पार्टी की कमान संभाली है वह उप चुनाव में स्वयं को प्रचार से दूर ही रखते है। इस बार भी 11 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सपा मुखिया ने किसी भी प्रत्याशी का प्रचार या उसके पक्ष में जनसभा नहीं की लेकिन रामपुर की सीट उनके लिए खास है।

अखिलेश किसी भी कीमत पर रामपुर विधानसभा सीट खोना नहीं चाहते है। बता दे कि जिन 11 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहा है, उनमे से केवल रामपुर विधानसभा सीट ही ऐसी थी, जिस पर सपा का कब्जा था।

ये भी पढ़ें...विरोधी आवाजों को देशद्रोही करार देने का असंवैधानिक काम कर रही बीजेपी: अखिलेश

आजम खां 80 से ज्यादा मुकदमों में घिरे है: अखिलेश

रामपुर में बीते कई चुनावों से चुनाव की धुरी आजम खां के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है, रामपुर विधानसभा सीट से नौ बार विधायक चुने जा चुके सपा के सियासी दिग्गज आजम खां 80 से ज्यादा मुकदमों में घिरे है और इन दिनों खासी मुश्किल में हैं।

सपा ने आजम की पत्नी तंजीन फातिमा को प्रत्याशी बनाया है। अपनी पत्नी तंजीन के पूरे प्रचार के दौरान चुनावी जनसभाओं में आजम खान ने प्रशासन की कार्रवाई को हथियार बनाकर लगातार भावुक अपील कर रहे हैं।

वे अपनी सभाओं में अपने और परिवार के खिलाफ दर्ज मुकदमों की दास्तां सुनाकर कई बार रो भी चुके हैं। लेकिन शायद बात बन नहीं पा रही है और सपा मुखिया अखिलेश जानते है कि उपचुनाव में रामपुर की जीत-हार का एक बड़ा संदेश होगा जो आगामी विधानसभा चुनाव पर असर डालेगा।

इस सीट से यूपी के मुस्लिम वोटों पर सपा की पकड़ की आजमाइश भी होनी है। इधर पहली बार उपुचनाव लड़ने का ऐलान करके बहुजन समाज पार्टी ने भी सपा की मुश्किले बढ़ा दी है।

बसपा के दलित-मुस्लिम गठजोड़ की नई कमेस्ट्री का लिटमस टेस्ट भी रामपुर में होगा। जबकि कांग्रेस भी अपने इस पुराने गढ़ पर परचम फहरा कर प्रदेश के मुस्लिम वोटों पर अपना हक वापस पाने की जुगत में लगी हुई है।

दरअसल, रामपुर सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक होने के कारण सभी गैर भाजपा पार्टिंयां यहां अपनी उपस्थिति जताने के लिए ताकत लगा रही हैं।

बसपा ने मुस्लिम वोटरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कस्टम विभाग के पूर्व अधिकारी जुबेर मसूद खान को टिकट दिया है।

ये भी पढ़ें...अखिलेश यादव ने बीजेपी पर बोला करारा हमला, कही ये बड़ी बात

दलित-मुस्लिम समीकरण से बीजेपी को रोका जा सकता है: अखिलेश

एक पूर्व कोआर्डिनेटर कहते हैं कि बसपा के लिए इस बार अच्छा मौका है, क्योंकि भाजपा को जीतने से रोकने के लिए दलित-मुस्लिम समीकरण ही मजबूत दिखता है।

कांग्रेस द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी अरशद अली खां गुड्डू को चुनाव मैदान में उतार देने से बसपा की यह नई सोशल इंजीनयरिंग गड़बड़ाती लग रही है। लेकिन कांग्रेस और बसपा द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी उतार देने से सपा के लिए रामपुर की राह थोड़ी ज्यादा मुश्किल हो गयी हैं।

बहरहाल, अखिलेश यादव शनिवार 19 अक्टूबर को रामपुर के किला मैदान में ढाई बजे समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी तजीन फातमा के लिए चुनावी सभा करेंगे और मतदाताओं से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को विजयी बनाने की अपील करेगें।

अखिलेश यादव को इसके अलावा दूसरी सीटों से भी बुलावा आया है, लेकिन देखने वाली बात है कि रामपुर के बाद वो किस सीट पर प्रचार के लिए जाएंगे। रामपुर विधानसभा क्षेत्र की प्रत्याशी तंजीफातिमा के पक्ष में होने वाली इस जनसभा में पश्चिमी यूपी के सभी नेताओं से शामिल होने के लिए कहा गया है।

ये भी पढ़ें...अखिलेश यादव का बड़ा बयान, जिम कार्बेट पार्क में सीता ने दिया था लव कुश को जन्म

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story