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साल 2020 में आप छोड़ दूंगी :अलका लांबा
चांदनी चौक से विधायक लांबा ने ट्वीट किया, ‘‘ 2013 में आप के साथ शुरू हुआ मेरा सफ़र 2020 में समाप्त हो जायेगा। मेरी शुभकामनाएं पार्टी के समर्पित क्रांतिकारी ज़मीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा रहेंगी। आशा करती हूं आप दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बने रहेंगे। आप के साथ पिछले 6 साल यादगार रहें और आप से बहुत कुछ सीखने को मिला। आभार।’’
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) की असंतुष्ट विधायक अलका लांबा ने अगले साल पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है।
चांदनी चौक से विधायक लांबा ने ट्वीट किया, ‘‘ 2013 में आप के साथ शुरू हुआ मेरा सफ़र 2020 में समाप्त हो जायेगा। मेरी शुभकामनाएं पार्टी के समर्पित क्रांतिकारी ज़मीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा रहेंगी। आशा करती हूं आप दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बने रहेंगे। आप के साथ पिछले 6 साल यादगार रहें और आप से बहुत कुछ सीखने को मिला। आभार।’’
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बहरहाल, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ेंगी या बाद में।
लांबा के रिश्ते कुछ वक्त से पार्टी नेतृत्व के साथ अच्छे नहीं चल रहे हैं।
शनिवार को विधायक ने राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात सीटों पर ‘आप’ की करारी शिकस्त के लिए पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से जवाबदेही तय करने की मांग की थी जिसके बाद पार्टी विधायकों के वॉट्सएप्प ग्रुप से उन्हें बाहर कर दिया गया।
लांबा ने ट्विटर पर स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं जिसमें दिख रहा है कि उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली से ‘आप’ के पराजित उम्मीदवार दिलीप पांडे ने ग्रुप में से निकाला है। विधायक ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बरसते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के लिए उन्हें क्यों जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
केजरीवाल को आड़े हाथ लेते हुए लांबा ने कहा कि कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ होनी चाहिए जिन्होंने ‘बंद कमरों में बैठकर’ सभी फैसले लिए।’’
विधायक ने कहा, ‘‘ मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप (केजरीवाल) कह रहे हैं। कभी ग्रुप में जोड़ते हो,कभी निकालते हो। बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते, बात करते, गलतियों और कमियों पर चर्चा करते, सुधार कर के आगे बढ़ते।’’
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यह दूसरी बार है जब लांबा को वॉट्सएप्प ग्रुप से निकाला गया है। इससे पहले, उन्हें पिछले साल दिसंबर में ग्रुप से बाहर किया गया था। उस वक्त उन्होंने राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के ‘आप’ के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी।
बहरहाल, उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार से पहले ग्रुप से दोबारा से जोड़ लिया गया और उनसे पार्टी के लिए प्रचार करने की उम्मीद की गई।
लेकिन लांबा ने पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया और केजरीवाल के रोड शो में हिस्सा लेने से परहेज किया क्योंकि विधायक को उनकी कार के पीछे चलने को कहा गया था।
(भाषा)