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राजद ने सहयोगी दलों को दिखाए तेवर, सीट शेयरिंग पर बातचीत के लिए रखी बड़ी शर्त
बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सुगबुगाहट तेज हो गई है। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत का दौर जारी है।
अंशुमान तिवारी
पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सुगबुगाहट तेज हो गई है। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत का दौर जारी है। इस बीच राजद ने महागठबंधन में शामिल दूसरे दलों को तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। राजद ने सहयोगी दलों से साफ तौर पर कह दिया है कि वे जब तक सीएम उम्मीदवार के रूप में तेजस्वी यादव को स्वीकार नहीं करेंगे तब तक सीट शेयरिंग के मसले पर कोई बातचीत नहीं की जाएगी।
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तेजस्वी यादव ही होंगे सीएम का चेहरा
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का कहना है कि यह पहले ही तय किया जा चुका है कि विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ही सीएम पद का चेहरा होंगे। उन्होंने कहा कि सहयोगी दलों को भी बात को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सहयोगी दल एकजुट होकर पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव में उतरें।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन में राजद ही सबसे बड़ी पार्टी है और यह चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। उन्होंने सीएम उम्मीदवार को लेकर सहयोगी दलों की नई शर्तों पर कोई टिप्पणी नहीं की। राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं और चाहते हैं कि गठबंधन पूरी मजबूती से चुनाव मैदान में उतरे।
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तेजस्वी को सार्वजनिक रूप से नेता मानें
राजद के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि महागठबंधन में शामिल सहयोगी दलों कांग्रेस, हम और रालोसपा को तेजस्वी यादव को सीएम के रूप में स्वीकार करने की सार्वजनिक रूप से घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सहयोगी दलों ने यह कदम नहीं उठाया तो हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं। हम उन विकल्पों को आजमाने पर मजबूर होंगे। नेता माने बगैर नहीं होगी बातचीत
उन्होंने कहा कि कुछ सहयोगी दलों में तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार के रूप में स्वीकार कर लिया है मगर अभी भी कुछ ताकतें दूसरा रास्ता अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सीएम उम्मीदवार के रूप में तेजस्वी के नाम पर एक राय नहीं बनेगी तब तक सीट शेयरिंग के मुद्दे पर राजद की ओर से कोई बातचीत नहीं की जाएगी।
मांझी का अलग रहा है रुख
महागठबंधन में शामिल हम के नेता जीतन राम मांझी की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मांझी हमेशा इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सीएम का चेहरा चुनावी नतीजों के बाद तय किया जाए। राजद की ओर से सीएम चेहरे को लेकर तेवर दिखाए जाने के बाद मांझी दूसरा रास्ता भी अपना सकते हैं। सही बात तो यह है कि मांझी अभी भी मोलतोल की राजनीति कर रहे हैं और महागठबंधन ज्यादा से ज्यादा सीटें हथियाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। सियासी जानकार भी मांझी के भावी कदम को लेकर निश्चित रूप से कुछ नहीं कह पा रहे हैं।
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तेजस्वी का नीतीश पर बड़ा हमला
इस बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने कोरोना संकटकाल के बावजूद लोगों तक सीधा संपर्क कायम करने की अपनी मुहिम तेज कर दी है। उन्होंने हाल में बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया था और उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला था। उनका कहना था कि बिहार के लोग कोरोना व बाढ़ से त्रस्त हैं मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चैन की नींद सो रहे हैं। प्रभावित लोगों तक सरकार की मदद नहीं पहुंच रही है।
सुशांत को लेकर सीएम को घेरा
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में पटना में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उन्होंने मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हम लोग भी चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो ताकि सच्चाई सामने आ सके।
उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक दिवंगत अभिनेता के परिजनों से मुलाकात तक नहीं की। नीतीश ने इस मामले की सीबीआई जांच के संबंध में भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कोई बातचीत नहीं की। उन्होंने सुशांत को बिहार का गौरव बताते हुए मुख्यमंत्री के रुख पर अफसोस जताया।
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