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जन्मदिन विशेष: हर सियासी दल में अमर सिंह की थी पकड़, जानिए अनसुनी बातें
2003 में मुलायम सिंह की तीसरी बार यूपी में सरकार बनी तो दूसरे दलों के विधायकों को समाजवादी पार्टी के समर्थन में लाने की अमर सिंह की अहम भूमिका रही।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: जाने-माने राजनेता अमर सिंह का आज ही के दिन 27 जनवरी 1956 को जन्म हुआ था। वह समाजवादी पार्टी में कई साल तक रहे। एक भारतीय राजनीतिज्ञ होने के साथ ही वह अपने हिन्दी ज्ञान और राजनैतिक सम्बंधों में भी जाने जाते थें। हालांकि अखिलेश यादव के पार्टी अध्यक्ष बनने के वह समाजवादी पार्टी अलग हो गये थे। लेकिन मुलायम सिंह यादव से उनकी दोस्ती राजनीति में बेहद चर्चित रही।
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दोस्ती की शुरुआत 1988 के आसपास हुई
मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह की दोस्ती की शुरुआत 1988 के आसपास हुई लेकिन तब इनकी दोस्ती कहीं दिखाई नहीं पड़ती थी। इसका खुलासा तब हुआ जब 1996 में अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की और मुलायम सिंह के दाहिनें हाथ बन गए। कहा जाता है कि साल 1996 में हवाई सफर के दौरान अमर सिंह की तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह से मुलाकात हुई जिसके बाद उन्होंने मुलायम सिंह के कहने पर राजनीति में प्रवेश लिया था। बाद में मुलायम सिंह ने उन्हें पार्टी का महासचिव बनाने का फैसला किया। पहली बार लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में हुए समाजवादी पार्टी के सम्मेलन में मंच पर कार्यकर्ताओं ने उन्हे देखा।
amar-singh and mulayam singh yadav (PC : social media)
2009 के लोकसभा चुनाव के पहले अमर सिंह का ही दम था
इसके बाद जब 2003 में मुलायम सिंह की तीसरी बार यूपी में सरकार बनी तो दूसरे दलों के विधायकों को समाजवादी पार्टी के समर्थन में लाने की अमर सिंह की अहम भूमिका रही। 2009 के लोकसभा चुनाव के पहले अमर सिंह का ही दम था कि राजनीति के दो विपरीत ध्रुव मुलायम सिंह और कल्याण सिंह एक साथ चुनाव मैदान में उतरे।
समाजवादी पार्टी के सभी 12 मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव हार गए
कल्याण सिंह को मुलायम के नजदीक लाने से समाजवादी पार्टी का मुख्य वोट बैंक यानी मुसलमान नाराज हो गया जिसका परिणाम यह रहा कि पार्टी को अपेक्षित सीटें नहीं मिल पाई। यहां तक कि समाजवादी पार्टी के सभी 12 मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव हार गए। जबकि उसके पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में यूपी से समाजवादी पार्टी के 11 सांसद थें।
अमर सिंह ने 6 जनवरी 2010 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया
लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद पार्टी में मची अंतर्कलह को देखते हुए अमर सिंह ने 6 जनवरी 2010 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बाद में मुलायम सिंह यादव ने 2 फरवरी 2010 को उन्हे पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इस बीच रामगोपाल यादव के साथ उनका वाकयुद्व भी खूब चला। बाद में अमर सिंह एक अलग पार्टी 'लोकमंच' का गठन किया जिसमें 14 छोटे दलों का भी सहयोग लिया। लोकमंच के सहारे अमर सिंह अपने बयानों से मुलायम सिंह को खूब घेरते रहे लेकिन मुलायम सिंह यादव ने उनके खिलाफ कुछ भी नहीं कहा।
कई महीनों तक अमर सिंह की सपा में वापसी को लेकर कयासों का दौर चलता रहा। अमर सिंह बराबर कहते रहें कि वह समाजवादी नहीं बल्कि 'मुलायमवादी' हैं। आखिरकार 16 मई 2016 को संसदीय बोर्ड की बैठक में अमर सिंह के राज्यसभा में जाने पर पार्टी ने अपनी मुहर लगा दी। हालांकि उनके नाम को लेकर पार्टी में कुछ विरोध के स्वर गूंजे लेकिन पार्टी सुप्रीमों मुलायम सिंह के कड़े रुख को देखते हुए किसी की मुंह खोलने की हिम्मत नहीं पड़ी।
शुरू हुई गलतफहमी
राज्यसभा सांसद बनने के बाद अमर सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कई बार मिलने का प्रयास किया लेकिन अखिलेश यादव ने उन्हे मिलने का समय नहीं दिया जिसके कारण अमर सिंह ने कुछ बयानबाजी भी की जो अखिलेश यादव को नागवार गुजरी। अखिलेश को लगने लगा कि पार्टी में जो कुछ भी विवाद हो रहे हैं उसकी जड़ में अमर सिंह ही हैं। यहीं वह शख्स हैं जो उनके पिता को बहका रहे हैं।
amar-singh (PC : social media)
वर्ष 2011 में इनका कुछ समय न्यायिक हिरासत में भी बीता
6 जनवरी 2010 को इन्होंने समाजवादी पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने उन्हें 2 फरवरी 2010 को पार्टी से निष्कासित कर दिया। वर्ष 2011 में इनका कुछ समय न्यायिक हिरासत में भी बीता। अन्ततः इन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। वर्ष 2016 में इनकी समाजवादी पार्टी में पुनः वापसी हुई और राज्य सभा के लिए चुने गये।
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29 जुलाई, 2018 को लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी वाले वाली ''ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी'' में नजर आए थे इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान अमर सिंह का जिक्र भी किया था। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अमर सिंह उनके 5 कालिदास मार्ग निवास में भी नजर आए थें। पहली बार यहां पर अमर सिंह को भगवा कुर्ता पहने देखा गया था।
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