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बीजेपी को अब सपा-बसपा-कांग्रेस के साथ करना होगा आप से भी मुकाबला

पिछले छह महीने से प्रदेश में डेरा जमाए राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गतिविधियों को देखकर पहले से अनुमान लगाए जा रहे थें कि आम आदमी पार्टी यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती है। इसलिए उसने अपनी टीम के सदस्यों को यहां पर पहले से ही सक्रिय कर रखा है।

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Published on: 15 Dec 2020 10:19 AM GMT
बीजेपी को अब सपा-बसपा-कांग्रेस के साथ करना होगा आप से भी मुकाबला
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बीजेपी को अब सपा-बसपा-कांग्रेस के साथ करना होगा आप से भी मुकाबला (PC: social media)

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: मिशन 2022 की तैयारियों में जुटी सत्ताधारी दल भाजपा को सपा बसपा और कांग्रेस के बाद अब एक और दल ‘आप’ से भी मुकाबला करना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी (आप) के विधानसभा चुनाव में उतरने से भाजपा को कितना नफा-नुकसान होगा। इसका अनुमान लगाना तो अभी मुश्किल है पर इतना तय है कि आप के आने से इस चुनाव में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा।

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आम आदमी पार्टी यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती है

पिछले छह महीने से प्रदेश में डेरा जमाए राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गतिविधियों को देखकर पहले से अनुमान लगाए जा रहे थें कि आम आदमी पार्टी यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती है। इसलिए उसने अपनी टीम के सदस्यों को यहां पर पहले से ही सक्रिय कर रखा है। लेकिन आज पार्टी संयोजक अरविन्द केजरीवाल की घोषणा से अब यह बात पूरी तरह से साफ हो गयी है।

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डिप्टी स्पीकर राखी बिड़लान और विधायक सुरेंद्र कुमार को सह प्रभारी बनाया है

इससे पहले दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सत्ताधारी आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। इसके लिए उसने दलित समाज से आने वाले मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को चुनाव प्रभारी बनाया गया। आम आदमी पार्टी ने डिप्टी स्पीकर राखी बिड़लान और विधायक सुरेंद्र कुमार को सह प्रभारी बनाया है।

यूपी में विधानसभा चुनाव लडने की घोषणा के साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी ने अबतक गंदी राजनीति देखी है। ऐसे में अब उसे नया मौका मिलना चाहिए। देश के सबसे बड़े राज्य में अच्छी सुविधाएं क्यों नहीं हो सकती हैं। केजरीवाल ने सवाल किया है कि आखिर यूपी में मोहल्ला क्लीनिक, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी क्यों नहीं मिल सकता है। केजरीवाल की इस घोषणा का उन्हे विधानसभा चुनाव में लाभ मिल सकता है।

आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह लगातार यूपी में प्रवास कर रहे हैं

आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह लगातार यूपी में प्रवास कर रहे हैं। उनके निषाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही रहते हैं। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्याओं को लेकर लगातार हमलावर रहते हैं। सोनभद्र का उम्भा कांड हो या फिर कोटा से बच्चों को यूपी लाने का मामला। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने के लिए पूरी ताकत झोंकी। कांग्रेस काफी हद तक इस कोशिश में सफल भी रही, लेकिन कांग्रेस की सक्रियता के बीच आप पार्टी यूपी में सक्रियता लगातार बढाती रही हैं।

भाजपा को हराने के लिए किसी भी गठबंधन को अपना समर्थन देने को तैयार है

इसके पहले संजय सिंह कह चुके हैं कि उनकी पार्टी भाजपा को हराने के लिए किसी भी गठबंधन को अपना समर्थन देने को तैयार है। उन्होंने कहा था कि यूपी में अगर सपा-बसपा और आरएलडी का गठबंधन बनता है तो आम आदमी पार्टी उसे समर्थन करेगी। प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद जब नगर निकाय के चुनाव हुए थें तो आम आदमी पार्टी ने नगर निगम पार्षद की तीन, नगर पंचायत अध्यक्ष की दो नगर पंचायत सदस्य की 18 और नगर पालिका परिषद सदस्य की 13 सीटों पर दर्ज की थी।

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जहां तक 2014 में लोकसभा चुनाव की बात है तो दिल्ली की मुख्यमंत्रीषीला दीक्षित को हराने के बाद बेहद उत्साहित अरविन्द केजरीवाल वाराणसी में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडने उतरे थें पर वह चुनाव हार गए थें। इसके अलावा इस चुनाव में इलाहाबाद में आदर्श शास्त्री, मैनपुरी में पीसीएस संघ के अध्यक्ष रहे बाबा हरदेव सिंह, गाजियाबाद में शाजिया इल्मी, गोरखपुर में पूर्व कुलपति प्रोफेसर राधेमोहन मिश्र, जौनपुर में डॉ. केपी यादव जैसे कई खास उम्मीदवारों ने दस्तक दी लेकिन, कारगर नतीजा नहीं निकला।

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पर, इतना जरूर था कि आप उम्मीदवारों ने चुनाव को रोमांचक बना दिया था। लखनऊ से अमेठी तक की पहली यात्रा में कुमार विश्वास के स्वागत में जनता सड़कों पर उमड़ आई थी लेकिन, मोदी की लहर में सब ध्वस्त हो गया। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी उसने कुछ सीटों सहारनपुर, गौतमबुद्ध नगर और अलीगढ़ में ही अपने उम्मीदवार उतारे थें।

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