TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यूपी में ब्राम्हण वोट: विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई तैयारी, उतरेंगे दिग्गज

पिछले तीन चुनावों में जातिवाद के बंधन से मुक्त हो चुका उत्तर प्रदेश जातीय मकडजाल में फंसने की राह पर खडा है। ब्राम्हणों के नाम पर शुरू हुई जातिवाद की राजनीति कहीं विकास के रास्ते पर चल रहे प्रदेश को विधानसभा चुनाव तक भटका न दे।

Newstrack
Published on: 11 Aug 2020 6:48 PM IST
यूपी में ब्राम्हण वोट: विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई तैयारी, उतरेंगे दिग्गज
X
यूपी में ब्राम्हण वोट: विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई तैयारी, उतरेंगे दिग्गज

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: पिछले तीन चुनावों में जातिवाद के बंधन से मुक्त हो चुका उत्तर प्रदेश जातीय मकडजाल में फंसने की राह पर खडा है। ब्राम्हणों के नाम पर शुरू हुई जातिवाद की राजनीति कहीं विकास के रास्ते पर चल रहे प्रदेश को विधानसभा चुनाव तक भटका न दे। हाल यह है कि डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से राजनीतिक दलों ने अपनी ‘ब्राम्हण बिग्रेड’ को तैयार करना शुरू कर दिया है।

ये भी पढ़ें:राहत इंदौरी के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ, राहुल गांधी, मायावती ने जताया शोक

यूपी में ब्राम्हण वोट: विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई तैयारी, उतरेंगे दिग्गज

यूपी में ब्राम्हणों पर अत्चाचार बढ़े हैं उसका लाभ वह उठा सकते है

यह बात तो तय है कि डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभ चुनाव में ब्राम्हण वोट बैंक एक बार फिर अपनी बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों की निगाहें अभी से इस बडे़ वोट बैंक पर टिक गई हैं। भावी विधानसभा चुनाव को लेकर सबसे अधिक चिंतित विपक्षी दल ही दिख रहे है। उन्हे लग रहा है कि जिस तरह से इस समय यूपी में ब्राम्हणों पर अत्चाचार बढ़े हैं उसका लाभ वह उठा सकते है। इसलिए वह अभी से 12 से 14 प्रतिशत वाले इस बडे वोट बैंक को लुभाने में लग गए हैं।

यूपी में ब्राम्हण वोट: विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई तैयारी, उतरेंगे दिग्गज

इसलिए सभी दलों ने अपने दल में 'ब्राम्हण ब्रिगेड' बनाने शुरू कर दिए है। इस मामले में फिलहाल भाजपा आगे है। उसके पास सबसे अधिक ब्राम्हण सांसद और विधायक है। जबकि अन्य दलो में बहुजन समाज पार्टी अभी पीछे है। जहां भाजपा में सांसदों में सुधांशु द्विवेदी, हरीश द्विवेदी, सुब्रत पाठक, सत्यदेव पचोरी ने मोर्चा संभाल लिया है वहीं प्रदेश सरकार के मंत्रियों की बात की जाए तो डा दिनेश शर्मा , ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा , रामआसरे अग्निहोत्री, सतीश द्विवेदी, आनन्द स्वरूप शुक्ला, नीलकंठ तिवारी आदि जनता को यह बताने में जुट गए हैं कि भाजपा ही उनकी सबसे हितैशी पार्टी है।

यूपी में ब्राम्हण वोट: विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई तैयारी, उतरेंगे दिग्गज

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने परशुराम जी की प्रतिमा बनवाने को लेकर ब्राम्हणों को लुभाने का काम शुरू किया है। हाल ही में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ब्राम्हण समाज पर हो रहे अत्याचार को लेकर एक बैठक की जिसमें समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय सचिव प्रो अभिषेक मिश्र और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के अलावा पार्टी विधायक मनोज पाण्डेय भी शामिल हुए। इन नेताओं ने बैठक में पार्टी ने विधायक अमिताभ बाजपेयी समेत अन्य नेताओं को ब्राम्हणों को जोडने की जिम्मेदारी सौंपी है।

कांग्रेस की तरफ से जितिन प्रसाद लगातार मोर्चा संभाले हुए है

जबकि कांग्रेस की तरफ से जितिन प्रसाद लगातार मोर्चा संभाले हुए है। कुछ दिनों पहले भी केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार को घेरा था। उनका कहना था कि न्यायपालिका का काम सरकार ने खुद कर दिया। उनके साथ ही कांग्रेस ने यूपी विधानसभा में विधानमंडल की नेता आराधना मिश्रा मोना के अलावा पिता पुत्र राजेश पति और ललि तेशपति त्रिपाठी को ब्राम्हणों को जोडने की मुहिम में आगे किया है।

यूपी में ब्राम्हण वोट: विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई तैयारी, उतरेंगे दिग्गज

ये भी पढ़ें:बड़ी चमत्कारी दवा: तेजी से ठीक हो रहे कोरोना के मरीज, बस डोज पर देना होगा ध्यान

इस मामले में अभी तक सबसे पीछे बहुजन समाज पार्टी है। उसके पास ब्राम्हणों के नेता के तौर पर एकमात्र सतीश चद्र मिश्र ही हैं। बसपा में अधिकतर ब्राम्हण नेता पार्टी छोड चुके है अथवा उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया है। इस समय सतीश चन्द्र मिश्र के बाद पार्टी विधायक विनय तिवारी का ही नाम आता है। जबकि पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे निष्क्रिय है और गोपाल मिश्र की राजनीति में कोई विशेष पहचान नहीं है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story