TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यहां भी बगावत वायरस फैलाः कई संक्रमित, ट्रीटमेंट में जुटे सीएम बघेल

राजस्थान में सचिन पायलट और उनके तीन समर्थक मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर करके संकट का तात्कालिक समाधान खोजा गया है।

Newstrack
Published on: 15 July 2020 12:00 PM IST
यहां भी बगावत वायरस फैलाः कई संक्रमित, ट्रीटमेंट में जुटे सीएम बघेल
X

नई दिल्ली: राजस्थान में सचिन पायलट और उनके तीन समर्थक मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर करके संकट का तात्कालिक समाधान खोजा गया है। वैसे संकट अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और हर किसी को सचिन पायलट के अगले कदम का इंतजार है। भाजपा ने गहलोत पर बहुमत साबित करने का दबाव भी बढ़ा दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि मध्य प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद भी पार्टी अभी तक नहीं चेती है। राजस्थान में भीतर ही भीतर काफी दिनों से चिंगारी सुलग रही थी मगर हाईकमान इसे बुझाना में नाकाम रहा। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने सबक नहीं सीखा तो राजस्थान जैसे हालात छत्तीसगढ़ में पैदा हो सकते हैं।

ये भी पढ़ें:रिलायंस की एनुअल मीटिंग आजः मुकेश कर सकते हैं एलान, ग्राहकों मिलेगा तोहफा

सिंहदेव और बघेल में खींचतान

सियासी जानकारों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी राजस्थान जैसे हालात दिख रहे हैं। वहां भी पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। जिस तरह राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच खींचतान चल रही थी वैसी ही खींचतान छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच भी चल रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद सिंहदेव की मुख्यमंत्री पद पर प्रबल दावेदारी थी मगर आखिरकार भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने में कामयाब हुए। सिंहदेव तभी से भीतर ही भीतर नाराज चल रहे हैं और लगातार मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी जताते रहे हैं।

कई विधायक चल रहे नाराज

राज्य विधानसभा के पिछले चुनाव में कांग्रेस 90 में से 69 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इनमें से केवल 12 विधायकों को ही मंत्री पद मिला। कई अन्य वरिष्ठ विधायक भी मंत्री पद के दावेदार थे मगर वे मंत्री नहीं बन सके। ऐसे विधायकों में भी बघेल से नाराजगी झलक रही है। हालांकि राजस्थान की घटना से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सतर्क हो गए हैं। विधायकों को संतुष्ट करने के लिए उन्होंने कदम उठाना भी शुरू कर दिया है।

15 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया

पार्टी के विधायकों में असंतोष को दूर करने के लिए मंगलवार को 15 विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। जानकारों का कहना है कि राज्य कांग्रेस में असंतोष को दबाने के लिए ही बघेल की ओर से यह कदम उठाया गया है। बघेल ने मंगलवार की शाम अपने निवास पर आयोजित समारोह में 15 विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

तब कांग्रेस ने किया था भाजपा का विरोध

मजे की बात है कि भाजपा के शासनकाल में 12 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करने पर कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंच गई थी और फैसले को चुनौती दी थी। अब कांग्रेस ने खुद भाजपा से भी ज्यादा विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया है। सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में भड़की असंतोष की आग से अगर हाईकमान ने सबक नहीं सीखा तो ऐसी ही स्थितियां छत्तीसगढ़ में भी पैदा हो सकती हैंं।

अलग मोर्चा बनाने की तैयारी में सचिन

इस बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। पायलट के करीबियों का कहना है कि वे अपना अलग मोर्चा बनाने की तैयारी में है।

इस बीच कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने राज्य पार्टी के सभी प्रकोष्ठों और विभागों को भंग कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि कोई भी कांग्रेसी नेता राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अनुमति के बिना मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेगा।

ये भी पढ़ें:विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर पीएम मोदी का संबोधन

भाजपा की बैठक में आज तय होगी रणनीति

दूसरी और भाजपा ने पायलट का स्वागत करने की बात तो कही है मगर वह इस मामले में काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। राजस्थान भाजपा की बैठक में आज राज्य के सियासी संकट पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी हिस्सा लेंगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी राजस्थान के सियासी संकट पर अपनी रणनीति तय करेगी।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story