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कांग्रेस में बड़ा बदलाव: सोनिया की मदद करेंगे ये पांच नेता, तैयार हुई टीम
कांग्रेस की सोमवार को हुई कार्यसमिति बैठक में संगठनात्मक बदलाव का जो अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपा गया था उसी के आधार पर कांग्रेस नेतृत्व ने 5 लोगों की टीम का ऐलान कर दिया है।
लखनऊ: कांग्रेस की सोमवार को हुई कार्यसमिति बैठक में संगठनात्मक बदलाव का जो अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपा गया था उसी के आधार पर कांग्रेस नेतृत्व ने 5 लोगों की टीम का ऐलान कर दिया है। यह टीम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनके कामकाज में सलाह दे सकेगी।
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महत्वपूर्ण अध्यादेश पर सलाह
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणु गोपाल की ओर से बुधवार को एक पत्र जारी किया गया है। पार्टी के पांच वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल करते हुए पत्र में यह जानकारी दी गई है कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच नेताओं की यह टीम केंद्र सरकार की ओर से लागू किए जाने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण अध्यादेश पर अपनी सलाह देगी।
इस टीम में यूपीए सरकार के वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और डॉ अमर सिंह व गौरव गोगोई को शामिल किया गया है। कांग्रेस के जानकारों के अनुसार पार्टी की कार्यसमिति बैठक से पहले लेटर पॉलिटिक्स के जरिए पार्टी नेतृत्व को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करने वालों को इस बदलाव के जरिए आइना दिखाया गया है। कई दशक से कांग्रेस की राजनीति का विकल्प बन रहे नेताओं को सीमित करने के साथ ही कांग्रेस नेतृत्व ने यह बता दिया है कि काम करने वाले अनुभवी और भरोसे के नेताओं की कमी नहीं है।
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बताया जा रहा है कि जल्द ही राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से इसी तरह की अन्य समितियों का भी ऐलान किया जाएगा जो कार्यसमिति की उपयोगिता को सीमित करने के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के अस्वस्थ होने के बावजूद उनके कामकाज को प्रभावित नहीं होने देगी। दिग्विजय सिंह और पी चिदंबरम को राहुल गांधी भी पसंद करते हैं। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के दौरान आरोप लगते रहे हैं कि वह दिग्विजय सिंह की सलाह को ज्यादा अहमियत देते हैं।
कांग्रेस को आगे बढ़कर संघर्ष करना होगा
इस समिति की जरूरत इसलिए भी महसूस की गई है, क्योंकि पार्टी नेतृत्व यह मान रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार जिस तरह से बेरोजगारी और जनहित के विभिन्न मुद्दों पर नाकाम हुई है। इस स्थिति में मोदी सरकार अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए कुछ ऐसे अध्यादेश लाएगी जो देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसी स्थिति आने पर कांग्रेस को आगे बढ़कर संघर्ष करना होगा। इन स्थितियों में कार्यसमिति की बैठक के आयोजन का इंतजार करने के बजाए वरिष्ठ नेताओं की इस टीम की मदद से रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी
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