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डिफेंस में FDI का कांग्रेस-सपा ने किया विरोध, पूछा- यही है आत्मनिर्भर होने की परिभाषा
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा है कि आत्मनिर्भर की बात करने वाली सरकार ने रक्षा क्षेत्र में FDI बढ़ा दी।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को डिफेंस सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी है। अब विदेशी कंपनियां डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेंगी।
हमने इसे खारिज कर दिया था: कांग्रेस
इस फैसले के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा है कि आत्मनिर्भर की बात करने वाली सरकार ने रक्षा क्षेत्र में FDI बढ़ा दी। हम इसका विरोध करते हैं। इसका प्रस्ताव यूपीए के समय भी आया था। मगर सुरक्षा और सामरिक दृष्टिकोण से हमने इसे खारिज कर दिया था।
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''ये देश की रक्षा के साथ सीधे-सीधे समझौता करना है''
तो वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि रक्षा उत्पादन जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 74 फीसदी बढ़ाने का ऐलान देश की रक्षा के साथ सीधे-सीधे समझौता करना है। बीजेपी के अर्थशास्त्र के अनुसार क्या यही है आत्मनिर्भर होने की परिभाषा है।
कोरोना संकट में अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए केंद्र की सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसके एलान के बाद शनिवार को लगातार चौथे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने अब तक अलग-अलग सेक्टर के लिए कुछ राहत दी है तो कई बड़े बदलावों की जानकारी दी।
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निर्मला सीतारमण ने बताया कि डिफेंस सेक्टर में स्वदेशी हथियारों के लिए अलग से बजट बनाया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि डिफेंस में होने वाले इंपोर्ट में कमी आ जाएगी। इससे रक्षा आयात खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी। जाहिर सी बात है कि घरेलू कंपनियों को लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ हथियारों और मंचों के आयात पर प्रतिबंध रहेगा।
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वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए कहा कि आयात के लिए प्रतिबंधित उत्पादों की खरीद सिर्फ देश के भीतर की जा सकेगी। इसके अलावा ऑर्डिनंस फैक्ट्री का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा, प्राइवेटाइजेशन नहीं। इसका मतलब हुआ कि ये शेयर बाजार में लिस्टेड होंगी और इनके शेयर खरीदे जा सकेंगे।