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मुमकिन है कि आवाज-ए-पंजाब के साथ कांग्रेस जल्द कर सकती है कोई बड़ी घोषणा

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Published on: 14 Oct 2016 6:12 AM GMT
मुमकिन है कि आवाज-ए-पंजाब के साथ कांग्रेस जल्द कर सकती है कोई बड़ी घोषणा
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नई दिल्लीः कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से पूर्व क्रिकेटर और भाजपा के पूर्व सांसद नवजोत सिद्धू को कांग्रेस के करीब लाने के संकेतों के बाद पंजाब की राजनीति से जुड़ी कांग्रेस की पूरी राजनीति पसोपेश में पड़ गई है। कांग्रेस में ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सिद्धू को कांग्रेस के करीब लाने की कोशिशें आगामी एक-दो दिन में परवान चढ़ सकती हैं। हालांकि राहुल गांधी के निकट सूत्रों ने स्वीकार किया कि तीन महीने पहले राज्यसभा की सीट से इस्तीफा देने के बाद से लेकर अब तक सिद्धू ने जिस तरह से कैप्टन की तमाम कोशिशों को दरकिनार कर अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया। उससे सिद्धू और उनकी पत्नी को लेकर कांग्रेस में दो खेमे बन गए थे।

अमरिंदर सिंह जो कि सिद्धू को लेकर बहुत नाराज थे और उनकी नई पार्टी आवाज ए पंजाब से कोई भी ताल्लुक नहीं रखना चाहते हैं। अब राहुल के रुख के बाद नरम पड़ गए हैं। हालांकि दिल्ली में दिन भर सिद्धू को लेकर पंजाब की सियासत से जुड़े कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अलग-अलग सुर में थे।

कांग्रेस के पंजाब मामलों से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ महसचिव ने माना कि सिद्धू को लेकर कैप्टन बहुत नाराज हैं और उनकी मर्जी के बिना सिद्धू के साथ किसी भी तरह की राजनीतिक जुगलबंदी पार्टी पर भारी पड़ सकती है। कैप्टन अमरिंदर सिंह जो कि हाल में दिल्ली में डेरा डाले हुए थे ने कांग्रेस नेतृत्व को दो टूक कह दिया है कि इस मौके पर उन्हें पार्टी के करीब लाने से पार्टी की पूरी चुनावी रणनीति गड़बड़ा जाएगी क्योंकि इससे कांग्रेस को वोट के लिहाज से कोई लाभ नहीं होने जा रहा।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा काफी दिनों से इस बात की लॉबिंग में जुटे थे कि भावी सियासी संतुलन की खातिर किसी तरह सिद्धू और उनकी हाल में गठित पार्टी आवाज-ए-पंजाब के साथ कांग्रेस का तालमेल होना चाहिए। बाजवा ने अपनी बात राहुल गांधी तक भी व्यक्तिगत तौर पर पहुंचाई। बाजवा व अमरिंदर सिंह गुटों के बीच आंतरिक कलह की वजह से भी सिद्धू को लेकर मतभेद हाईकमान तक पहुंचे।

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