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मेट्रो मैन का इस्तीफाः DMRC छोड़ भाजपा में हुए शामिल, बन सकते हैं CM का चेहरा

DMRC ने जानकारी देते हुए बताया है, “ई. श्रीधरन ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. ई। श्रीधरन 1 जनवरी, 2012 से ही DMRC के साथ बतौर प्रिंसिपल एडवाइज़र काम कर रहे थे।”

Newstrack
Published on: 11 March 2021 11:09 AM IST
मेट्रो मैन का इस्तीफाः DMRC छोड़ भाजपा में हुए शामिल, बन सकते हैं CM का चेहरा
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मेट्रो मैन का इस्तीफाः DMRC छोड़ भाजपा में हुए शामिल, बन सकते हैं CM का चेहरा

नई दिल्ली: ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) ने प्रिंसिपल एडवाइज़र से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। बता दें कि ई. श्रीधरन साल 2012 से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) में प्रिंसिपल एडवाइजर के पद कार्यरत थे।

बीजेपी में शामिल हुई मेट्रो मैन

आपको बता दें कि ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) वहीं शख्स है जिन्होंने दिल्ली मेट्रो का सपना देखा था। उन्होंने ना केवल सपना देखा बल्कि उसे हकीकत में भी बदला। इसलिए आज उन्हें मेट्रो मैन के नाम से जाना जाता हैं। वहीं साल 2012 से DMRC में काम करने वाले ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) ने प्रिंसिपल एडवाइज़र से इस्तीफा देकर बीजेपी को ज्वाइन कर दिया है।

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DMRC ने दी जानकारी

बता दें कि ई. श्रीधरन के इस्तीफे को लेकर DMRC ने जानकारी देते हुए बताया है, “ई. श्रीधरन ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. ई। श्रीधरन 1 जनवरी, 2012 से ही DMRC के साथ बतौर प्रिंसिपल एडवाइज़र काम कर रहे थे।” बता दें कि ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) ने यह इस्तीफा केरल चुनाव से पहले दिया है। अटकले लगाई जा रही है कि बीजेपी ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) को बतौर केरल के मुख्यमंत्री के रुप में उतार सकती है।

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कैसे मिली मेट्रो मैन की उपाधि

बताते चलें कि ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) ने 1954 में भारतीय रेलवे में बतौर सहायक अभियंता के रूप में काम शुरू किया था। साल 1970 में ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) को कोलकाता मेट्रो का प्रोजेक्ट मिला। कोलकाता मेट्रो के बाद उन्हें कोंकण रेलवे का भी काम बखूबी निभाया। वहीं साल 1995 में उन्होंने दिल्ली मेट्रों का सपना देखा। इस सपने को उन्होंने DMRC के साथ मिलकर साकार किया। दिल्ली मेट्रो का सपना पूरा होने के बाद ई. श्रीधरन को मेट्रो मैन की उपाधि दी गई।

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