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बुरे फंसे पूर्व मुख्यमंत्री: करोड़ों की प्रोपर्टी बांट रखी थी करीबियों को

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रहीं हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हुड्डा पर गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है।

Shreya
Published on: 30 Aug 2019 6:10 AM GMT
बुरे फंसे पूर्व मुख्यमंत्री: करोड़ों की प्रोपर्टी बांट रखी थी करीबियों को
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बुरे फंसे पूर्व मुख्यमंत्री: करोड़ों की प्रोपर्टी बांट रखी थी करीबियों को

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रहीं हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हुड्डा पर गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। जिसमें प्रवर्तन निदेशालय ने हुड्डा से पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले के सभी 14 प्लाटों को जोड़ दिया है। ईडी ने इन प्लाटों को मनी लांड्रिंग मामले से जोड़ा है। इन प्लाटों को हुड्डा ने अपने करीबियों और अपने पहचान वालों को दिलाये थे। इन प्लाटों की कीमत करीब 30 करोड़ 34 लाख रुपये हैं।

2012 में आवंटित हुए थे प्लाट-

ईडी ने अपने ट्वीटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी है। भूपेन्द्र हुड्डा जब नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे थे उस वक्त प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई की थी। बता दें कि यह प्लाट हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 2012 जनवरी में पंचकूला में आंवटित किए थे। उस समय हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे।

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हुड्डा पर अपने करीबियों और अपने पहचान वालों इन प्लाटों को आवंटित करने के आरोप लगे हैं। साथ ही नियमों में भी छेड़छाड़ की गई और उन्हें बदला भी गया। प्राधिकरण ने पहले इन प्लाट आवेटनों के लिए आवेदन मांगे थे और इसको लेकर कुल 582 आवेदन आये थे। इसमें से 14 आवेदनों का चयन किया गया।

वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सरकार का यह केस स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया है। विजिलेंस ब्यूरो की आई रिपोर्ट के बाद सरकार ने CBI को यह मामला सौंप दिया। CBI ने दिसंबर 2015 में इस मामले में केस दर्ज किया। इसमें पूर्व सीएम हुड्डा और कई अधिकारियों को निशाना बनाया गया। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में केस दर्ज किया है।

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बता दें कि इस मामले में मई 2016 में सीबीआई ने लगभग 2 दर्जन से अधिक जगहों पर छापेमारी की थी और विजिलेंस ने उस समय हरियाण विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक डीपीएस नागल, उप अधीक्षक बीबी तनेजा, और तत्कालीन मुख्य वित्तीय नियंत्रक एससी कांसल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया था।

अब हुड्डा से पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले के सभी 14 प्लाटों को जोड़ दिया है। जिससे हुड्डा की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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