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दोस्त-दोस्त ना रहा! फडणवीस ने शिवसेना पर किया तीखा हमला

शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को लेकर 50-50 फॉर्मूला अपनाने को कह रही है, वहीं बीजेपी इस समझौते से इंकार कर रही है। विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को खत्म हो रहा है, मगर अब तक तय नहीं हो सका है कि सरकार कौन बनाएगा।

Shivakant Shukla
Published on: 8 Nov 2019 7:38 PM IST
दोस्त-दोस्त ना रहा! फडणवीस ने शिवसेना पर किया तीखा हमला
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मुंबई: देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सरकार गठन को लेकर जारी असमंजस के बीच फडणवीस बीजेपी के नेताओं के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने के लिए पहुंचे और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस किया।

फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेस में शिवसेना को धन्यवाद कहा। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। मुझे महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका मिला। मैं महाराष्ट्र, मोदी, शाह, नड्डा और हमारे सभी नेताओं का शुक्रगुज़ार हूं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना का नाम लिए बिना फडणवीस मुस्कराए और कहा कि सहयोगी को धन्यवाद।

बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी: फडणवीस

फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र ने हमें लोकसभा चुनावों के दौरान एक बड़ा जनादेश दिया और यहां तक कि विधानसभा में भी हमें सहयोगी के रूप में चुनावों का सामना करना पड़ा और महागठबंधन को स्पष्ट जनादेश मिला। उन्होंने कहा कि हमने 160 से अधिक सीटें जीतने में सफलता पाई। बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

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फडणवीस ने कहा कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं किया गया था। मेरे सामने कभी भी ढाई साल सीएम पद को लेकर चर्चा नहीं हुई। उद्धव ने सरकार बनाने की बात कही थी। महाराष्ट्र में जनादेश गठबंधन को मिला था।बीजेपी नेता ने कहा कि मैंने खुद फोन कर उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की थी। उद्धव ठाकरे के करीबी लोग बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं। जब चुनाव साथ मिलकर लड़े थे तो फिर एनसीपी और कांग्रेस से चर्चा क्यों हो रही है?

50-50 पर मेरे सामने कभी कोई फैसला नहीं हुआ: फडणवीस

फडणवीस ने कहा कि हमने उद्धव ठाकरे के साथ कई मुद्दों पर काम किया है, हालांकि इस बार मैंने उद्धव ठाकरे को फोन किया तो उन्होंने मुझसे बात नहीं की। शिवसेना और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर 50-50 पर मेरे सामने कभी कोई फैसला नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने भी सीएम पर 50-50 फाॅर्मूले पर किसी भी तरह के फैसले से इंकार किया। फडणवीस ने बताया कि इस्तीफे के बाद राज्यपाल ने एक्टिंग मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते रहने को कहा है जबतक कोई नई व्यवस्था नहीं हो जाती है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का सरकार न बनना जनादेश का अपमान है। यह गलत है।

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फडणवीस ने कहा कि जनता पर दोबारा चुनाव थोपना गलत है। जनादेश मिलने पर सरकार न बना पाने का अफसोस है। कुछ लोग जानबूझकर बयान दे रहे हैं कि जैसे हमने विधायकों को अपने घेरे में रखा है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे साबित करें या फिर माफी मांगें।

सरकार न बनाना जनादेश का अपमान है: फडणवीस

फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमने बाला साहेब और उद्धव ठाकरे के बारे में कभी गलत बात नहीं कही, मगर हमारे नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में काफी कुछ कहा गया। सरकार न बनाना जनादेश का अपमान है। खरीद-फरोख्त के झूठे आरोप लगाए गए।

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के करीबी लोग अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हैं। लोगों ने महागठबंधन को वोट दिया था। हम मोदी जी के नेतृत्व में लोगों के पास गए थे। बीजेपी की जीत का स्ट्राइक रेट 70 फीसदी रहा है।

हम बातचीत कर हल निकाल लेते, लेकिन शिवसेना ने चर्चा करना नहीं चाहती: फडणवीस

फडणवीस ने कहा कि अगर ऐसी कोई बात होती तो हम बातचीत कर उसका हल निकाल लेते, लेकिन शिवसेना ने चर्चा करना नहीं चाहती। शिवसेना सिर्फ सीएम पद को लेकर बात करना चाहती है। मेरे उद्धव ठाकरे जी से बहुत अच्छे संबंध हैं। मैंने उनको फोन किया, लेकिन उन्होंने मेरे फोन का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि चुनाव नतीजे आने के बाद ही शिवसेना ने तय कर लिया था कि वह एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाएगी।

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फडणवीस ने शिवसेना पर गलतबयानी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना के कुछ नेता जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, हम उससे सख्त भाषा में जवाब दे सकते हैं, लेकिन हमारी संस्कृति यह नहीं है। उन्होंने कहा कि हम बाला साहब ठाकरे के खिलाफ कभी सोच भी नहीं सकते। यहां तक कि मोदी जी ने भी कभी उद्धव ठाकरे के खिलाफ कुछ नहीं कहा। उनपर व्यक्तिगत टिप्पणी की गई फिर भी हमने कभी कुछ नहीं कहा। इससे हमें बहुत दुख हुआ है।

शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को लेकर 50-50 फॉर्मूला अपनाने को कह रही है, वहीं बीजेपी इस समझौते से इंकार कर रही है। विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को खत्म हो रहा है, मगर अब तक तय नहीं हो सका है कि सरकार कौन बनाएगा।



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