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आप को झटका: कांग्रेस में शामिल हुईं अलका लांबा
अलका लांबा ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। उन्होंनें इस संबंध में एक ट्वीट भी किया है। अलका लांबा ने कहा कि कांग्रेस सदस्य बनने पर गर्व महसूस कर रही हूं।
नई दिल्ली: दिल्ली विधान सभा सीट चांदनी चौक की पूर्व विधायक अलका लांबा ने शनिवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्होंने पार्टी के मुख्यालय में प्राथमिक सदस्यता ग्रहण किया। लांबा ने करीब एक महीने पहले आम आदमी पार्टी (आप) को छोड़ दिया था।
हालांकि अलका लांबा ने कहा था कि वह शुक्रवार को पार्टी में शामिल होंगी। लेकिन कुछ कारणों से उन्होंने आज शनिवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर लिया।
अलका लांबा ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। उन्होंनें इस संबंध में एक ट्वीट भी किया है। अलका लांबा ने कहा कि कांग्रेस सदस्य बनने पर गर्व महसूस कर रही हूं।
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पार्टी छोड़ने के बाद दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा की सदस्यता रद्द कर दी थी। अलका लांबा की सदस्यता 6 सितंबर को रद्द हुई थी। AAP से इस्तीफा देने का ऐलान करने के बाद अलका लांबा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गंधी से मुलाकात भी की थी।
ये हैं अलका लाम्बा (जन्म-21 दिसम्बर, 1975)
अलका लाम्बा एक गैर सरकारी संगठन "गो इंडिया फाउंडेशन" की भी अध्यक्ष हैं। 20 वर्षों तक कांग्रेस में सेवा देने के बाद उन्होंने 26 दिसम्बर 2013 में आप पार्टी को ज्वाइन किया था। फरवरी 2015 में, चांदनी चौक से लांबा दिल्ली विधान सभा के लिए चुने।
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अलका लाम्बा का जन्म 21 सितम्बर 1975 में अमरनाथ लाम्बा और राजनाथ लाम्बा के घर हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल किया है। फिर उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज व सेंट स्टेफन कॉलेज से अपनी एमएससी व एमएड की पढाई पूरी की।
राजनीतिक जीवन की शुरूआत
लांबा ने 1994 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की, जब वह बीएससी के दूसरे वर्ष में थीं जहां उन्होंने राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) में शामिल हुईं और दिल्ली राज्य लड़की संयोजक के रूप में जिम्मेदारी ली।
1995 में एक वर्ष के बाद, उन्होंने अघ्यक्ष पद के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टुडंट्स यूनियन (डीयूएसयू) का चुनाव लड़ा और एक विशाल अंतर से जीता।
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2002 में उन्हें अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। 2006 में वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के सदस्य बन गईं और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के महासचिव नियुक्त हुईं।
16 जुलाई 2012 को महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग का प्रतिनिधित्व भी किया।