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लोक सभा नतीजों के बाद गहलोत बोले- जनादेश स्वीकार्य, कार्यकर्ता निराश न हों

शांतिपूर्वक मतदान के लिए जनता व कांग्रेसजनों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए गहलोत ने लिखा है, 'लोकतंत्र में जनादेश शिरोधार्य होता है, जिसे हम विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। कांग्रेस ने इस परम्परा को सदैव बनाये रखा और इसका निर्वहन करते हुए देश में लोकतंत्र को मजबूत और कायम रखने का काम किया।'

Roshni Khan
Published on: 23 May 2019 4:39 PM IST
लोक सभा नतीजों के बाद गहलोत बोले- जनादेश स्वीकार्य, कार्यकर्ता निराश न हों
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जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह जनादेश का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से निराश नहीं होने की अपील की है।

उल्लेखनीय है कि राज्य की सभी 25 सीटों पर कांग्रेस पिछड़ गयी है। राज्य की 24 सीटों पर भाजपा व एक सीट पर उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी ने निर्णायक बढ़त बना ली है।

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रूझानों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में गहलोत ने ट्वीटर पर लिखा है, 'लोकतंत्र में जनादेश शिरोधार्य होता है, जिसे हम विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं।'

शांतिपूर्वक मतदान के लिए जनता व कांग्रेसजनों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए गहलोत ने लिखा है, 'लोकतंत्र में जनादेश शिरोधार्य होता है, जिसे हम विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। कांग्रेस ने इस परम्परा को सदैव बनाये रखा और इसका निर्वहन करते हुए देश में लोकतंत्र को मजबूत और कायम रखने का काम किया।'

उन्होंने लिखा है,'कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट हो कांग्रेस की नीतियों, कार्यक्रमों, सिद्धान्तों, घोषणापत्र के आधार पर जन-जन तक पहुंचने के लिए कठोर परिश्रम किया। उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है,हमें देश की एकता को बनाये रखने के लिए निरन्तर कार्यरत रहना है।'

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इसके साथ ही भाजपा व प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा है, 'कांग्रेस के लिये देश सर्वोपरि है, जबकि भाजपा के लिये सत्ता महत्वपूर्ण है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह आम चुनाव जनहित व विकास के मुद्दों पर लड़ा जबकि नरेन्द्र मोदी ने आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए धर्म,जाति,सेना के शौर्य, पराक्रम के नाम पर यह चुनाव लड़ा।'

मुख्यमंत्री ने लिखा है,'नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में किये चुनावी वादों के बारे में जनता को कोई जवाब नहीं दिया और ना ही भाजपा के संकल्प-पत्र में किये गये वायदों की चर्चा की। कांग्रेस ने अपने जन घोषणा-पत्र में लोक कल्याण और विकास के लिये बनाये गये कार्यक्रमों पर वोट मांगे।'

(भाषा)

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