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राज्यपाल व ममता सरकार में टकराव बढ़ा, दोनों का एक-दूसरे पर बड़ा हमला

राज्यपाल जगदीप धनखड़ की ओर से बुलाई गई बैठक में बीस में से 19 कुलपतियों के गायब रहने के बाद राज्यपाल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था सियासी पिंजरे में कैद है।

Newstrack
Published on: 17 July 2020 10:46 AM IST
राज्यपाल व ममता सरकार में टकराव बढ़ा, दोनों का एक-दूसरे पर बड़ा हमला
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अंशुमान तिवारी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के बीच एक बार फिर सियासी तकरार शुरू हो गई है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ की ओर से बुलाई गई बैठक में बीस में से 19 कुलपतियों के गायब रहने के बाद राज्यपाल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था सियासी पिंजरे में कैद है। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ भाजपा प्रवक्ता से भी ज्यादा खतरनाक तरीके से काम कर रहे हैं।

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कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगेंगे राज्यपाल

दरअसल राज्यपाल जगदीप धनखड़ की ओर से हाल में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक आयोजित की गई थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में 20 में से सिर्फ एक ही कुलपति ने हिस्सा लिया था। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कुलपतियों को बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी। उच्च शिक्षा विभाग के इस रुख से राज्यपाल जगदीप धनखड़ काफी नाराज हैं और उनका कहना है कि बैठक में गायब रहने वाले कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

शिक्षा व्यवस्था सियासी पिंजरे में कैद

राज्यपाल ने खुलकर अपनी बात रखते हुए कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह सियासी पिंजरे में कैद होकर रह गई है। राजनीतिक नजरिए से शिक्षा व्यवस्था को नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था पर राजनीतिक पकड़ मजबूत होने से छात्र हितों की अनदेखी की जा रही है। इससे छात्रों के भविष्य के साथ ही समाज को भी बड़ा नुकसान होगा।

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राज्य सरकार ने बैठक पर जताई आपत्ति

राज्यपाल की ओर से इस तरीके की बैठक के आयोजन पर राज्य सरकार नाराज है। राज्य के विशेष सचिव की ओर से राज्यपाल के ओएसडी डीके गौतम को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि कुलाधिपति की ओर से राज्य के सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों की कोई भी बैठक उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से ही आयोजित की जाए। उच्च शिक्षा विभाग के अनुमोदन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाए। सचिव का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से ऐसे किसी आयोजन की मंजूरी नहीं दी गई थी। ऐसे में राज्यपाल की आपत्ति में कोई दम नहीं है।

ममता का राज्यपाल पर बड़ा हमला

राज्यपाल के इस कदम से ममता बनर्जी बौखला गई हैं। उनका कहना है कि राज्यपाल धनखड़ बीजेपी के मुखपत्र से भी अधिक खतरनाक तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि हम उनके नौकर हैं और हमें हर पल उन्हें जवाब देना होगा। राज्यपाल की ओर से कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगने की बात पर ममता ने कहा राज्यपाल का यह कदम धमकी भरा है। राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह संविधान का पालन नहीं कर रहे हैं। हम लगातार उनके संपर्क में बने हुए हैं मगर उनके काम करने का अंदाज संवैधानिक नहीं है।

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