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गिरेगी खट्टर सरकार! थोड़ी देर में हो जाएगा तय, जानिए क्या है गणित
खट्टर सरकार पर मौजूदा संकट हरियाणा के किसानों के नये कृषि कानूनों के विरोध को लेकर आया है। कांग्रेस द्वारा विधान सभा में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ बुधवार (10 मार्च) को लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन है।
रामकृष्ण वाजपेयी
नई दिल्ली: पांच राज्यों के ऐन चुनाव के मौके पर राज्यों के क्षत्रपों के लिए खतरे की घंटी बजना भाजपा के लिए कोई शुभ संकेत नहीं है। पहले उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनों के विरोध के चलते इस्तीफा देकर हटना पड़ा। अब हरियाणा में भाजपा की मनोहर लाल खट्टर सरकार के लिए मुश्किल की घड़ी आ गई है।
इसलिए आया खट्टर सरकार पर संकट
खट्टर सरकार पर मौजूदा संकट हरियाणा के किसानों के नये कृषि कानूनों के विरोध को लेकर आया है। कांग्रेस द्वारा विधान सभा में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ बुधवार (10 मार्च) को लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन है। इसे लेकर हरियाणा के भाजपा और जजपा विधायक असहज हैं उन पर अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का दबाव है।
हालांकि भाजपा और जजपा ने व्हिप जारी कर अपने अपने विधायकों पर अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में खड़े होने का दबाव बनाया है लेकिन सूत्र बताते हैं कि तमाम विधायक पार्टी व्हिप की अनदेखी कर अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में जा सकते हैं।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
पार्टी को गठबंधन तोड़ देना चाहिए
जननायक जनता पार्टी के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर उनके दस विधायकों का दबाव कुछ ज्यादा ही है। इस बीच पार्टी के एक विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने तो साफ कह दिया है कि उनकी पार्टी को अब गठबंधन तोड़ देना चाहिए।
भाजपा और जजपा के विधायकों में से अधिकांश का मानना है कि जनता का उनसे विश्वास उठ गया है। विधायक गांव में उनको घुसने नहीं देने से ज्यादा परेशान हैं। उन्हें अपना वोट बैंक खतरे में दिखायी दे रहा है। उनकी समस्या यह भी है कि अगले चुनाव में उनकी वापसी कैसे होगी।
क्या है विधायकों का कहना?
सूत्रों का यह भी कहना है कि विधायक यह भी चाहते हैं कि उनके साथ अधिक से अधिक विधायक आएं तभी उनका विरोध सार्थक है। देवेंद्र सिंह बबली का साफ कहना है, 'अगर अकेले मेरे वोट के साथ सरकार गिर जाती है, तो मैं इसे आज ही करूंगा। लेकिन अकेले एक के विरोध से क्या संदेश जाएगा? पूरी जजपा को एक स्टैंड लेना चाहिए।
विधायकों को लग रहा है कि किसानों का समर्थन हासिल करके उन्हें खुद को बचाने के लिए एक कवच मिल जाएगा।
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(फोटो- ट्विटर)
खट्टर को विश्वास सरकार नहीं गिरेगी
हालांकि मौजूदा समीकरण को देखते हुए सीएम मनोहरलाल खट्टर आश्वस्त हैं कि उनकी सरकार बच जाएगी। उन्होंने कहा भी है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। दुष्यंत चौटाला असमंजस में हैं चौधरी देवीलाल की विरासत को लेकर चल रहे चौटाला के लिए किसान आंदोलन असली परीक्षा की घड़ी बन गया है।
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 40 विधायक हैं। जजपा के दस विधायकों का उन्हें समर्थन हासिल है। दो सीटें खाली हैं। बहुमत के लिए 45 सीटें चाहिए। दो निर्दलीयों का भी उन्हें समर्थन था जिसमें दोनों अपना समर्थन वापस ले चुके हैं। कांग्रेस के पास 31 सीटें हैं।
कांग्रेस के भूपिंदर सिंह हुड्डा अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के प्रति आश्वस्त हैं। उनका कहना है सदन में पता चल जाएगा कौन इसके समर्थन में है और कौन विरोध में। उनके निशाने पर जजपा के दुष्यंत चौटाला भी हैं। उनका कहना है कि ये सरकार अपना समर्थन खो चुकी है।
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