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कृषि आंदोलन में ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’, BJP के बयान पर मचा घमासान

कृषि कानूनों को लेकर लगातार 19 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच बीजेपी का बड़ा बयान सामने आया है। पार्टी के महासचिव का कहना है कि आंदोलन में टुकड़े-टुकड़े गैंग घुस आया है। 

Shreya
Published on: 14 Dec 2020 7:44 AM GMT
कृषि आंदोलन में ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’, BJP के बयान पर मचा घमासान
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कृषि आंदोलन में ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’, BJP के बयान पर मचा घमासान

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर अभी भी किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है। कृषि आंदोलन का आज 19वां दिन है। किसान संगठनों के विरोध के बीच आज भूख हड़ताल की जाएगी। किसान राजधानी के नाकों पर अलग-अलग अनशन पर बैठे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से आंदोलन को लेकर बड़ी बयानबाजी की गई है। दरअसल, बीजेपी नेता का कहना है कि पूरी आंदोलन में एक फीसदी भी किसान शामिल नहीं हैं।

बीजेपी नेता ने आंदोलन पर कही ये बात

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव अरुण सिंह (Arun Singh) ने राजस्थान के जयपुर में कहा कि आंदोलन में एक फीसदी भी किसान नहीं हैं। किसान भोले भाले हैं, लेकिन इनमें टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग घुस गए हैं। जिनके बारे में बात करना जरूरी है। बता दें कि अरुण सिंह जयपुर में हुई पार्टी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। गौरतलब है कि बीजेपी की तरफ से लगातार किसानों को भड़काे का आरोप लगाया जा रहा है।

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लगातार आंदोलन पर सवाल उठा रही बीजेपी

बीजेपी का कहना है कि कुछ राजनीतिक दल और लेफ्ट संगठनों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है और हिंसा करने के लिए उन्हें भड़काया जा रहा है। बता दें कि हाल ही में आंदोलन के बीच किसानों ने अपने हाथों में शरजील इमाम, उमर खालिद समेत कुछ ऐसे एक्टिविस्टों की तस्वीरें ली हुई थीं, जो कि इस वक्त जेल में बंद हैं। आंदोलन में इनकी रिहाई की मांग की गई थी, जिसके बाद से ही बीजेपी लगातार किसान आंदोलन पर सवाल उठा रही है।

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अपनी मांगों पर अड़े किसान

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि नए कृषि सुधार कानून किसानों के हित के लिए है। कृषि करार के माध्यम से बुवाई से पूर्व ही किसान को उसकी उपज के दाम निर्धारित किए जाएंगे। हालांकि किसान कानूनों को वापस लेने की मांग पर ही अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक केंद्र की तरफ से उनकी मांगें नहीं पूरी की जाती हैं, तब तक वह यहां से हटने वाले नहीं हैं।

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