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आलम ने लूटी महफिल, इस बार किस रंग में होगा जेएनयू का छात्रसंघ

Anoop Ojha
Published on: 8 Sep 2017 7:20 AM GMT
आलम ने लूटी महफिल, इस बार किस रंग में होगा जेएनयू का छात्रसंघ
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नईदिल्ली: जोश जज्बा और आजादी ये है वो तत्व जो जेएनयू को उसकी पहचान बनातें है। देश का ऐसा शिक्षा केंद्र जो अपनी सोच के कारण सुर्खियां बटोंरने में अव्वल रहता है। कभी कभी विवादों के कारण भी इसकी साख को नुकसान पहुंचा है। देश के विकास और उत्थान को ले कर होने वाली बहसों को यहां कैंपस के चौराहें, चाय की दुकानों और रास्ते चलते सुना जा सकता है। विश्व मंच पर भारत की ताजा तस्वीर क्या है उसमें रंग भरने का काम यहां सीनियर, जूनियर, शिक्षक सभी करतें रहतें है।

विचारधारा की प्रयोगशाला बनने का दावा भी यहां की हवाओं में सूघा जा सकता है। इसलिए जब यहां छात्र संघ का चुनाव हो तो विचार धारा के लिए त्यौहार का मौसम होता है। देश में यत्र तत्र दूर दराज में बैठे देश दुनिया के प्रति सोचाने वाले मानव इस आम राय से विना विवाद के सहमत रहते हैं कि जेएनयू मतलब वामपंथी। यहां से शिक्षित हो कर निकलने वाले कर्णधार देश में हर विचारधारा के लहु में बहते हुए जी रहें है।

जो गांव गरीब से बात शुरू कर सिगरेट के धुएं में हर समय विकास की धुँधली तस्वीर तलाशने में समय काटतें है। मानवता के रेशे को तलाशने में शोध करने वाले छात्रों को इस परिसर में प्रवास के दौरान छात्र संघ चुनाव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना होता है। कराण साफ है राजनीति ही वो वाहन है जिस पर बैठ कर विकास तक पहुचा जा सकता है।

इस समय जेएनयू कैंपस में फागुन का माहौल है क्यों कि आज वहां छात्र संघ का मतदान है। इस मतदान के लिए एक अहम रस्म प्रेजिडेंशियल डिवेट यानी बहस हो चुकी है। इस बार इस बहस की महफिल एक ऐसे छात्र ने लूट ली जिसका अंदाजा जेएनयू के मठाधीशों को भी न थी। पैनल के चोचलें से हट कर इस बार निर्दल उम्मीदवार फारुख आलम ने बहस के दौरान सबकी बखिया उधेड़ दी।

ऐसी प्रतिभाओं के तलाश के लिए ही तो जेएनयू जेएनयू की ईंट रखी गयी है। आलम ने लाल, काला, पीला, नीला, किसी को नहीं छोड़ा। अपनी मन की बात की और जेएनयू को आईना दिखा दिया। बाजो गाजों और कहकहों की बरसात ने आलम को सौ में सौ दे दिया। अब मतपत्रों में वह कितना बदलता है इसके बारे में कुछ तय नहीं है। रस्म रिवाज के मुताविक राजनैतिक दलोें के छात्र संगठन के नुमाइंदे सभी पदों के लिए अपने अपने पैनल उतारते है। आइसा और एसएफआइ के प्रेजिडेंट पद के उम्मीदवार मोहित कुमार पाण्डेय हैं। एबीवीपी ने जान्हवी को अपना प्रतिनिधि बनाया है। एनएसयूआई सन्नी धीमान के सहारे अध्यक्ष पद पाना चाहती है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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