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कैसे परवान चढ़ी जाकिर नाइक की ज़िन्दगी, मलेशिया निकाल सकता है देश से
जाकिर नाइक एक बार फिर चर्चा में हैं इस बार वह अपने किसी विवादित बयान को लेकर नहीं बल्कि मलेशिया की नागरिकता छिनने की अटकलों को लेकर चर्चा में हैं।
जाकिर नाइक एक बार फिर चर्चा में हैं इस बार वह अपने किसी विवादित बयान को लेकर नहीं बल्कि मलेशिया की नागरिकता छिनने की अटकलों को लेकर चर्चा में हैं।
आइए देखते हैं कि जाकिर नाइक कौन हैं जिनके विवादित बयान कोहराम मचाए रहते हैं और इन बयानों को लेकर ही अब उनके ऊपर मलेशिया की नागरिकता छिनने की तलवार लटक रही है।
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हाल ही में मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद ने कहा है कि विवादास्पद इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक से मलेशिया के स्थायी निवासी (पर्मानेंट रेजिडेंट) होने का दर्जा वापस लिया जा सकता है।
अगर यह साबित हो गया कि नाइक की गतिविधियां उनके देश के लिए नुकसानदेह हैं तो यह कार्रवाई की जाएगी।
कौन हैं जाकिर नाईक
52 साल का डॉक्टर जाकिर नाईक पर भड़काऊ भाषण देकर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने का आरोप है।
भारत में पहले ही नाईक के खिलाफ एनआईए ने टेरर फडिंग और मनी लॉड्रिंग के लिए चार्जशीट दाखिल की है।
बांग्लादेश में आतंकवादी हमलों के लिए पीछे नाईक के भाषणों की प्रेरणा होने की बात सामने आई तो नाईक भारत छोड़कर भाग खड़ा हुआ।
नाईक की एनजीओ को भारत में बैन किया जा चुका है। वहीं पीस टीवी पर उसके भड़काऊ प्रवचनों के चलते बैन लगा दिया गया है।
बांग्लादेश और यूके ने भी जाकिर नाईक पर बैन लगा रखा है।
नाईक ने अपने भाषणों में कथित रूप से समलैंगिकों को और इस्लाम को छोड़ने वालों को जान से मारने की सजा देने की बात कही थी।
एक यूट्यूब वीडियो में जाकिर ने ओसामा बिन लादेन का भी सपोर्ट भी किया था।
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पुलिस की जांच का इंतजार
मलय मेल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री महातिर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार पहले पुलिस की जांच के नतीजों का इंतजार करेगी। मलेशियाई पुलिस जाकिर नाइक के मलेशिया के अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए गए नाइक के बयान की पड़ताल कर रही है।
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स्थायी निवासी का दर्जा हो सकता है वापस
उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक को मलेशिया के स्थायी निवासी होने का दर्जा हासिल है।
अगर वह देश की सलामती के खिलाफ कुछ करता है तो वह उससे यह दर्जा वापस ले लेंगे।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। अगर उसने यह अपराध किया है तो हमारे लिए जरूरी हो जाता है कि हम उसका स्थायी निवासी होने का दर्जा वापस ले लें।
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शांति भंग करने का आरोप
मलेशियाई प्रशासन ने पहले ही नाइक के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
उस पर मुस्लिम बहुल देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीनी लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करके देश की शांति भंग करने का आरोप है।
उसने कहा था कि मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों से बेहतर है।
जबकि नाइक ने मलेशियाई चीनियों से कहा था कि वह पहले यह देश छोड़कर चले जाएं, क्योंकि वह यहां के सबसे पुराने मेहमान हैं।
कैसे परवान चढ़ी ज़िन्दगी
डोंगरी(Dongri) मुंबई(Mumbai) का मुस्लिम बाहुल्य इलाका है जहाँ पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम(Daud Ibrahim) की ज़िन्दगी परवान चढ़ी।
इस इलाके में एक बात कहना बहुत मुश्किल है कि यहाँ मकान कौन सा है और दुकान कौन सी है।
यहाँ की गलियाँ इतनी संकरी हैं कि इंसानों को सांप जैसे रेंगते चलना पड़ता है।
इन्हीं तंग गलियों में ज़ाकिर नाइक का जन्म 1965 में एक मिडिल क्लास मुस्लिम घराने में हुआ। यहीं उनका बचपन गुज़रा, यहीं उनकी पढ़ाई भी हुई।
उनकी तीन बहनों में से एक सलवा नाइक उनकी विचारधारा से असहमत हैं। उनकी शादी एक शिया मुस्लिम घराने में हुई है।
ज़ाकिर नाइक की पत्नी फरहत नाइक भी उनके काम में हाथ बंटाती हैं। उनका एक बेटा है और एक बेटी।
लोग कहते हैं कि बेटा फ़रीक़ नाइक उन्हीं की तरह इस्लाम को फैलाने में जुटा हुआ है।
ज़ाकिर नाइक डॉक्टरों के परिवार से आते हैं। उनके पिता अब्दुल करीम नाइक, जिनका अभी हाल में देहांत हुआ है, डॉक्टर थे।
उनके बड़े भाई मुहम्मद नाइक भी डॉक्टर हैं।
बड़े भाई मजगांवन में मॉडर्न डायग्नॉस्टिक्स जांच घर के मालिक हैं। ज़ाकिर नाइक डॉक्टरी पढ़ने के बाद अपने पिता का हाथ बंटाते थे।
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परिवार डोंगरी के नज़दीक मज़गांवन में रोज़री हाउस नाम के एक अपार्टमेंट जैसी बिल्डिंग में रहता है।
ज़ाकिर नाइक के पिता कोंकण इलाके के रत्नागिरी से मुम्बई आकर बसे थे। उनके कई रिश्तेदार या तो डोंगरी में रहते हैं या फिर मज़गांवन में।
करोड़ों को प्रभावित करने का दावा करने वाले ज़ाकिर नाइक दक्षिण अफ़्रीका के गुजराती मूल के इस्लाम धर्म प्रचारक अहमद दीदात से प्रभावित थे।
उनसे मुलाक़ात के कुछ साल बाद ज़ाकिर नाइक ने डॉक्टरी का पेशा छोड़ा और ख़ुद इस्लामी प्रचारक बन गए।
दीदात ने उनकी प्रशंसा करते हुए 2004 में कहा था कि जो काम (इस्लाम धर्म का प्रचार) उन्होंने 40 साल में किया ज़ाकिर नाइक ने चार साल में कर के दिखाया।
ज़ाकिर नाइक ने इस्लाम के प्रचार के लिए इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जिस पर अब सरकार ने पाबंदी लगा दी है।
कुछ सालों के बाद उन्होंने पीस टीवी नाम का एक टीवी चैनल भी शुरू किया।
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कहते हैं उनकी सभाओं में हज़ारों लोग आते थे जिनमें ग़ैर मुस्लिम भी होते थे।
कुछ सालों में उनकी चर्चा दूर-दूर तक फैलने लगी। उनका क़द भी बढ़ने लगा। हर चाहने वालों को समय देना उनके लिए कठिन हो गया।
ज़ाकिर नाइक भाषण देने कई मुस्लिम देशों में जाने लगे। सऊदी अरब और खाड़ी देशों के अधिकारियों ने उन्हें पुरस्कारों से नवाज़ा। वो भारत के सुन्नी मुसलमानो के पोस्टर ब्वॉय बन गए।
आमिर रिज़वी पेशे से एक डिज़ाइनर हैं लेकिन मुस्लिम मामलों में गहरी दिलचस्पी रखते हैं।
उनका कहना है कि जाक़िर नाइक ने अपने आप को इस तरह से ढाला हुआ है कि उन्हें देखने से लगे कि वो पढ़े-लिखे इंसान हैं।
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ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने का मुक़दमा भी दर्ज किया है।
उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगे सभी आरोपों का पुरज़ोर खंडन किया है।