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जानिए क्या है अखिलेश और शिवपाल को साथ लाने का मुलायम फार्मूला
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने पैतृक गांव सैफई में अखिलेश यादव और शिवपाल की मुलाकात कराई थी। मुलाकात के दौरान मुलायम ने शिवपाल के सामने प्रस्ताव रखा था कि वह अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय कर दे लेकिन शिवपाल ने इससे साफ इनकार कर दिया।
लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन का प्रयोग असफल होने से मिली करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपा छोड़ कर अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर चुके शिवपाल सिंह यादव को करीब लाने का पहला प्रयास विफल हो चुका है। अब मुलायम ने आगामी विधानसभा उपचुनाव में शिवपाल और अखिलेश को गठबंधन कर लड़ने का विकल्प सुझाया है।
सपा सूत्रों के मुताबिक सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने पैतृक गांव सैफई में अखिलेश यादव और शिवपाल की मुलाकात कराई थी। मुलाकात के दौरान मुलायम ने शिवपाल के सामने प्रस्ताव रखा था कि वह अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय कर दे लेकिन शिवपाल ने इससे साफ इनकार कर दिया। शिवपाल का कहना था कि वह इस संबंध में अकेले फैसला नहीं कर सकते। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बड़ी मेहनत कर के पार्टी को खडा किया है।
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इसके बाद मुलायम परिवार ने एक और फार्मूला निकाला है। इस फार्मूले के मुताबिक प्रदेश में होने वाले 12 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में सपा और प्रसपा गठबंधन कर चुनाव लड़े। बताया जा रहा है कि इस फार्मूले के तहत दोनों ही पार्टिया छह-छह सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। हालांकि शिवपाल और अखिलेश दोनों ने ही अभी इस फार्मूले पर सहमति नहीं दी है।
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गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन करके लड़ी सपा को जहां सीटों के लिहाज से कोई लाभ नहीं हुआ तो वही उसका वोट प्रतिशत भी कम हो गया। मुलायम सिंह यादव का मानना है कि शिवपाल के अलग होने से यादव वोटों में बिखराव के कारण ऐसा हुआ है। लिहाजा वह फिर से अखिलेश और शिवपाल को एक साथ लाने का प्रयास कर रहे है। जिससे कि यादव वोटों के बिखराव को रोका जा सकें।