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लॉकडाउन: घर वापसी पर घिरी केंद्र सरकार, विपक्ष ने पूछा पीएम केयर्स फंड कहां गया
मजदूरों से किराए के मामले पर समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने भी रविवार को केंद्र सरकार को घेरा था। अखिलेश ने ट्वीट करके कहा था कि ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मजदूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की खबर बेहद शर्मनाक है।
नई दिल्ली: लॉक डाउन में राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने को लेकर राज्यों द्वारा किया जा रहे प्रयासों की तारीफ़ हो रही है। इन प्रवासी मजूदरों की घर वापसी के लिए गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी किया था। देश में तीसरी बार लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया गया है।
लॉकडाउन के चलते लाखों प्रवासी मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं। जिनको वापस भेजने के एवज में राज्यों से किराया लेने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जिसके लिए विपक्ष ने इस मामले पर केंद्र सरकार को घेरा है।
पीएम केयर्स फंड कहां गया- उमर अब्दुल्ला
बता दें कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उमर ने ट्वीट करके कहा है कि अगर आप कोरोना संकट में विदेश में फंसे हुए हैं तो सरकार आपको मुफ्त वापस लेकर आएगी, लेकिन किसी राज्य में कोई प्रवासी मजदूर फंसा है तो उसे सोशल डिस्टेंसिंग कॉस्ट के साथ पूरा खर्च उठाना होगा। अगर ऐसा है तो पीएम केयर्स फंड कहां गया?
बेबस मजदूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसा लेना बेहद शर्मनाक-अखिलेश
मजदूरों से किराए के मामले पर समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने भी रविवार को केंद्र सरकार को घेरा था। अखिलेश ने ट्वीट करके कहा था कि ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मजदूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की खबर बेहद शर्मनाक है। आज साफ हो गया है कि पूंजीपतियों का अरबों माफ करने वाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के खिलाफ।
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केंद्र सरकार को राज्यों से पैसा नहीं लेना चाहिए-सीएम भूपेश बघेल
अखिलेश यादव से पहले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आजतक के ई-अजेंडा कार्यक्रम में मजदूरों का रेल किराया राज्यों से वसूलने के मसले को हास्यास्पद बताया था। उन्होंने कहा था कि मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने के लिए केंद्र सरकार को राज्यों से पैसा नहीं लेना चाहिए। ये हास्यास्पद है। केंद्र को इसमें सहायता देनी चाहिए।
बस से छात्रों को टाइम लगा और परेशानी हुई
उन्होंने कहा था कि बेहतर रोजी के लिए लोग बाहर जाते हैं। इस संकट की घड़ी में उनके आने के लिए हमने केंद्र से ट्रेन के लिए बात की थी। कोटा में फंसे राज्य के छात्र बस से आए। उन्हें दो दिन का वक्त लगा और कठिनाई हुई। इसलिए हमने ट्रेन चलाने की अपील की थी। ट्रेन भारत सरकार की है और मजूदरों को लाने के लिए राज्य सरकार से केंद्र पैसा ले, ये गलत है।
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