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क्या है कमलनाथ का प्लान-एम, जिसे उपचुनाव में जोरशोर के साथ अपनाएंगी कांग्रेस
कोरोना काल में भी मध्य प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अभी से उपचुनाव को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है। दोनों ही दल एक दूसरे को चुनाव में पटखनी देने के लिए प्लान पर प्लान बना रहे हैं।
इंदौर: कोरोना काल में भी मध्य प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अभी से उपचुनाव को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है। दोनों ही दल एक दूसरे को चुनाव में पटखनी देने के लिए प्लान पर प्लान बना रहे हैं।
खबर आ रही हैं कि उपचुनाव की 24 सीटें जीतने के लिए कांग्रेस ने प्लान-एम का रूप रेखा तैयार किया है। जिसके अंतर्गत तहत पीसीसी चीफ कमलनाथ ने उनकी सरकार में मंत्री रहे विधायकों को 24 सीटों पर जीत की जिम्मेदारी सौंपी है।
पूर्व मंत्रियों को प्रभार वाले विधानसभा में पार्टी की नीति रीति तय करने से लेकर उम्मीदवार चयन करने और स्थानीय मुद्दों को तैयार करने के लिए तैनात किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपचुनाव में कांग्रेस की जीत तय करने के लिए मंत्रिमंडल में शामिल रहे सदस्यों को अब विधानसभा वार जीत की जिम्मेदारी दी है। उन्हें अभी से उप चुनाव की तैयारियों में जुट जाने के लिए भी कहा है।
लॉकडाउन में भीड़-भाड से मनाही है। इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूर्व मंत्री अपने प्रभार वाले विधानसभा क्षेत्र में संपर्क बनाने की कोशिश में जुट गए हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद पूर्व मंत्री विधानसभा के दौरे कर स्थानीय मुद्दों की जानकारी जुटाने के साथ ही बीजेपी पर हमलवार होने का मौक़ा तलाशने में जुट गये है।
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कमलनाथ के आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों के आवास सील
कमलनाथ के आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों के सरकारी आवास सील कर दिए गए हैं। मंत्रियों को नोटिस भेजे जाने के बाद उनके सरकारी आवास सील कर दिए गए हैं। दरअसल, कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में मंत्री रहे कुछ विधायकों द्वारा अब तक बी-टाइप आवास खाली नहीं किए गए थे।
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विधायकों को आवास खाली करने के लिए जारी किया गया था नोटिस
बीते हफ्ते विधायकों को सरकारी आवास खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया था। लेकिन नोटिस जारी होने के बावजूद भी इनमें से किसी भी विधायक ने आवास को खाली नहीं किया था। ऐसे में सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनके आवास को सील कर दिया है।
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