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MP में सियासी मुद्दा बनी कोरोना महामारी, उपचुनाव से पहले ही चलने लगे तीखे तीर

मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी सियासत का मुद्दा बन गई है और इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखे तीर चलने शुरू हो गए हैं। विधानसभा की 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी यह मुद्दा छाए रहने की संभावना है।

Dharmendra kumar
Published on: 11 Jun 2020 10:30 PM IST
MP में सियासी मुद्दा बनी कोरोना महामारी, उपचुनाव से पहले ही चलने लगे तीखे तीर
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अंशुमान तिवारी

भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी सियासत का मुद्दा बन गई है और इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखे तीर चलने शुरू हो गए हैं। विधानसभा की 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी यह मुद्दा छाए रहने की संभावना है। कांग्रेस का आरोप है कि जब कमलनाथ सरकार कोरोना पर काबू पाने की कोशिश में जुटी हुई थी तब भाजपा सरकार को गिराने की साजिश रच रही थी। दूसरी ओर भाजपा इस मामले में कांग्रेस के घेरेबंदी में जुट गई है। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक दूसरे पर हमले की कमान संभाल ली है।

उपचुनाव वाले इलाकों में कोरोना

राज्य में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर सियासत गरमाने लगी है। इन 24 सीटों में 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं और इस संभाग में अब तक कोरोना से संक्रमित 600 मरीज मिल चुके हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर में सबसे ज्यादा 242 लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि मुरैना में 139 लोग इस वायरस का शिकार हो चुके हैं। राज्य की जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें मुरैना की पांच और ग्वालियर की तीन सीटें शामिल हैं।

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उपचुनाव में छाया रहेगा महामारी का मुद्दा

सियासी जानकारों का कहना है कि चुनाव के समय इन सीटों पर कोरोना महामारी बड़ा मुद्दा बनेगी। कांग्रेस ने कोरोना के संक्रमण रोकने में लापरवाही को लेकर भाजपा पर हमले शुरू कर दिए हैं। उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोर्चा संभालते हुए कहा है कि राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश रिकवरी के मामले में दूसरे नंबर पर है और यहां 68.6 फ़ीसदी मरीज रिकवर हो रहे हैं।

कांग्रेस ने खारिज किया सीएम का दावा

कांग्रेस ने सीएम शिवराज के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। कांग्रेस नेता अजय सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का आरोप है कि मध्यप्रदेश में सरकार जरूरत के मुताबिक टेस्टिंग नहीं करवा रही है और इस कारण मरीजों का सही आंकड़ा सामने नहीं आ पा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार पर रिकवरी रेट को बढ़ा हुआ बताने का भी आरोप लगाया। इस तरह सूबे की सियासत में कोरोना बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के बिगड़े हालात के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि कांग्रेस की सरकार ने अगर भ्रष्टाचार को छोड़कर जनता की समस्याएं सुलझाई होतीं तो आज उन्हें ट्विटर पर खेल नहीं खेलना पड़ता।

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कोरोना की अनदेखी का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर कोरोना की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में जब पूरे देश में कोरोना का संकट गहराया हुआ है तब भाजपा वर्चुअल रैलियों का आयोजन कर रही है। कांग्रेस ने इन रैलियों पर करोड़ों रुपए बर्बाद करने का भी आरोप लगाया है।

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श्रमिकों की दुर्दशा व मंदिरों पर भी सियासत

राज्य में श्रमिकों की दुर्दशा को लेकर भी कांग्रेस और भाजपा में तीखे तीर चल रहे हैं। कांग्रेस ने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की दुर्दशा को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि श्रमिकों की घर वापसी के लिए उनकी सरकार ने गंभीरता से प्रयास किया है और अब तक सात लाख से अधिक श्रमिक घर लौट आए हैं। श्रमिकों के साथ ही कोरोना के संकट काल में शराब की दुकानें खोलने और मंदिरों के खोलने पर प्रतिबंध को भी कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है। कमलनाथ ने इसे लेकर भाजपा पर हमला बोला है और कहा है कि इससे राज्य सरकार की सोच का पता लगता है।



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