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जब 35 वर्षों बाद एक दूसरे से बात करेंगी मेनका और सोनिया!

यदि मेनका गांधी प्रोटम स्पीकर नहीं भी बनती है तो उनके लोकसभा अध्यक्ष बनने की संभावना है। क्योकि वह लगातार आठ बार सांसद रह चुकी हैं और वरिष्ठता के लिहाज से उनके स्पीकर बनने की संभावना प्रबल है।

Shivakant Shukla
Published on: 4 Jun 2019 8:36 PM IST
जब 35 वर्षों बाद एक दूसरे से बात करेंगी मेनका और सोनिया!
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: ऐतहासिक होगी वह घडी जब देश के सबसे बडे़ खानदान की दो बहुए सोनिया गांधी और मेनका गांधी एक दूसरे मिलकर बात करेंगी। इन दोनों बहुएं की बातचीत पिछले 35 सालों से नहीं हुई है। इनमें से सोनिया गांधी कांग्रेस और मेनका गांधी भाजपा में है।

जी हां हम बात कर रहे है उस दिन की जब 17वीं लोकसभा के लिए आठ बार की सांसद मेनका गांधी को प्रोटम स्पीकर बनाया जाएगा। प्रोटम स्पीकर लोकसभा चुनाव जीतकर आए सांसदों को शपथ दिलाने का काम करता है। और ऐसे में देवरानी मेनका गांधी अपनी जेठानी सोनिया गांधी को शपथ दिलवाएंगी। यही नहीं अपने भतीजे राहुल गांधी और और बेटे वरुण गांधी को भी मेनका गांधी ही शपथ दिलवाने का काम करेंगी।

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यदि मेनका गांधी प्रोटम स्पीकर नहीं भी बनती है तो उनके लोकसभा अध्यक्ष बनने की संभावना है। क्योकि वह लगातार आठ बार सांसद रह चुकी हैं और वरिष्ठता के लिहाज से उनके स्पीकर बनने की संभावना प्रबल है। अगर मेनका गांधी स्पीकर के पद पर बैठती है तो सोनिया गांधी को अपनी हर बात उन्ही को संबोधित कर कहनी पडेगी।

मेनका गांधी के अलावा छहबार के सांसद राधा मोहन सिंह को भी इस पद के लिए तगडा दावेदार माना जा रहा है। वहीं एसएस अहलूवालिया भी रेस में पीछे नहीं है। वह संसदीय मामलों के अच्छे जानकार हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि दक्षिण भारत से भी कोई चैेंकाने वाला नाम आ सकता है लेकिन इसकी उम्मीद कम ही दिखती है। क्योंकि उत्तर भारत से जिस तरह से भाजपा को समर्थन मिला है उसे देखते हुए इसी क्षेत्र से स्पीकर बनाए जाने की संभावना है और उसमें आठ बार की सांसद मेनका गांधी फिट बैठती है।

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एक ही परिवार की दो बहुओं के बीच खटास की कई कहानियां है जिसके चलते इन दोनों परिवारो में मतभेद रहे हैं। कहा जाता है कि वरूण गांधी और प्रियंका गांधी में तो बातचीत होती है पर सोनिया गांधी और मेनका गांधी में बातचीत कई वर्षो से बंद है।



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