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प्रवासी मजदूरों को किराया न दे सकें सरकारें तो हम देगेंः मायावती

लाकडाउन में गरीबों और मजदूरों के लिए काम कर रही सरकारों की कई बार सराहना कर चुकी बसपा सुप्रीमो मायावती इस बार काफी नाराज दिख रही हैं। वह दूसरे राज्यों से लाए गए मजदूरों से ट्रेनों व बसों का किराया लेने पर नाराज दिख रही हैं।

Aditya Mishra
Published on: 5 May 2020 8:20 AM GMT
प्रवासी मजदूरों को किराया न दे सकें सरकारें तो हम देगेंः मायावती
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लखनऊ: लाकडाउन में गरीबों और मजदूरों के लिए काम कर रही सरकारों की कई बार सराहना कर चुकी बसपा सुप्रीमो मायावती इस बार काफी नाराज दिख रही हैं। वह दूसरे राज्यों से लाए गए मजदूरों से ट्रेनों व बसों का किराया लेने पर नाराज दिख रही हैं।

उन्होंने कहा कि यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती हैं तो फिर बसपा ऐसे मजदूरों की व्यवस्था करेगी।

गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से अलग अलग राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने पर सरकारें उनसे किराया ले रही है, जिसके कारण राजनीतिक बहस चल रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इसे लेकर अपना विरोध जता रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारें अपने राज्य के दूसरे राज्यों फंसे मजदूरों का किराया देने को तैयार हैं।

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रेलवे ने दी सफाई

वहीं रेलवे ने सोमवार को कहा, रेलवे राज्य सरकारों से इस वर्ग के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो रेलवे की कुल लागत का महज 15 प्रतिशत है। रेलवे किसी भी प्रवासी को टिकट नहीं बेच रहा है और राज्यों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार ही यात्रियों को यात्रा करा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज दो ट्विट किए जिसमें उन्होंने कहा कि मजदूरों से किराया लेने का कृत्य बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं केन्द्र व राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए, उनसे किराया भी वसूल रही हैं।

मायावती ने सवाल किया कि सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया दे पाएगीं? मायावती ने कहा कि यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती हैं तो फिर बसपा अपने सामथ्र्यवान लोगों से मदद लेकर, उनके भेजने की व्यवस्था करनें में अपना योगदान देगी।

दरअसल विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर रेलवे की काफी आलोचना होने के बाद उसने सफाई दी कि वह मजदूरों को टिकट नहीं बेच रहा है। रेलवे ने बताया कि वह अब तक 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर चुका है।

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