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अगले साल तक राज्यसभा में नही चल पायेगी एनडीए की हुकूमत

इन बहुप्रतीक्षित कानूनी सुधारों को अमली जामा पहनाने में सबसे बड़ी बाधा राज्यसभा में राजग का बहुमत नहीं होना है। राज्यसभा में निर्णायक ताकत बनने के लिए राजग को राज्यों में कायम अपनी सरकारों को सत्ता में बनाये रखना होगा।

SK Gautam
Published on: 27 May 2019 11:06 AM GMT
अगले साल तक राज्यसभा में नही चल पायेगी एनडीए की हुकूमत
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में 352 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने लोकसभा में हुकूमत तो हासिल कर ली लेकिन राज्यसभा में अगले साल तक राजग की हुकूमत नहीं चल पायेगी। राजग को देश में अपनी पूर्व सरकार के समय तीन तलाक और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जैसे अटके हुये विधेयकों को पारित करवाने के लिए नवंबर 2020 तक होने वाले में राज्यसभा चुनावों का इंतजार करना होगा।

इन बहुप्रतीक्षित कानूनी सुधारों को अमली जामा पहनाने में सबसे बड़ी बाधा राज्यसभा में राजग का बहुमत नहीं होना है। राज्यसभा में निर्णायक ताकत बनने के लिए राजग को राज्यों में कायम अपनी सरकारों को सत्ता में बनाये रखना होगा।

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मौजूदा समय में राज्यसभा में 245 सांसद है। इनमें से 241 निर्वाचित तथा चार मनोनीत सदस्य है। इसमे राजग के 102 सदस्य है और इस सदन में बहुमत के लिए उसके 20 सांसद कम हैै। राज्यसभा के लिए चुनाव में विभिन्न राज्यों के विधायक मतदान करते है। ऐसे में भाजपा व उसके सहयोगियों के सामने चुनौती है कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारे है वहां वह उन्हे बरकरार रखे, जिससे राज्यसभा में उसकी मौजूदा संख्याबल पर असर न पड़े और उसे अन्य राज्यों में भी अपनी सरकारों को कायम करना होगा।

अगले चार वर्षों में, कई राज्यों, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम, उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं। परिणामों के आधार पर, ये चुनाव राज्यसभा में संख्या को प्रभावित कर सकते हैं। जैसे कि भाजपा की असम और उत्तर प्रदेश में सरकारें हैं जबकि उसके सहयोगी अन्नाद्रमुक तमिलनाडु में सत्ता में है। इन राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद किसी विपक्षी दल के सत्ता में आने पर राजग की राज्यसभा में स्थिति कमजोर हो सकती है।

गौरतलब है कि अगले माह यानि जून 2019 में राज्यसभा की आसाम की दो सीटे रिक्त हो रही है। आसाम में एक सीट भाजपा को तो दूसरी असम गण परिषद को मिलने की संभावना है। जबकि जुलाई 2019 में तमिलनाडु की छह राज्यसभा सीटे रिक्त हो रही है। जिसमे से अन्नाद्रमुक को चार और द्रमुक को दो सीटे मिलने की संभावना है।

इसके बाद अप्रैल 2020 में 55 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होगा। इसमे महाराष्ट्र की सात, पश्चिम बंगाल की पांच, उडीसा की चार, तमिलनाडु की छह, आसाम की तीन, राजस्थान की तीन, गुजरात की चार, झारखंड की दो, बिहार की पांच, मध्य प्रदेश की तीन, छत्तीसगढ़ की दो, हरियाणा की दो, आंध्र प्रदेश की चार, तेलांगना की दो और मणिपुर, मेघालय व हिमाचल प्रदेश की एक-एक राज्यसभा सीट रिक्त होंगी ।

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महाराष्ट्र में भाजपा के पास एक और इसके सहयोगी शिवसेना के पास एक-एक सीट है लेकिन राज्यसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव है। इसी तरह हरियाणा में भी इसी साल विधानसभा चुनाव है और इन दोनों प्रदेशो में राजग की राज्यसभा सीटों की संख्या का बढ़ना या कम होना इन विधानसभा चुनावों पर निर्भर करता है। महाराष्ट्र के अलावा राजग उडीसा में एक, तमिलनाडु में चार, आसाम में तीन, गुजरात में तीन, झारखंड में दो और मणिपुर व हिमाचंल प्रदेश में एक-एक राज्यसभा सीट पर कामयाबी मिल सकती है।

जबकि इन 55 सीटों में से राजग को तेलांगना की दो, आंध्र प्रदेश की चार, छत्तीसगढ़ में दो, मध्य प्रदेश की दो, राजस्थान की दो सीटों पर कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है। कुल मिलाकर राजग इन 55 सीटो में से 15 सीटों पर कामयाबी हासिल करता दिख रहा है लेकिन मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में हुये सत्ता परिवर्तन के कारण उसे छह सीटों का नुकसान भी होता दिख रहा है। कुल मिला कर इन 55 सीटों पर राजग को केवल नौ सीट की बढ़त मिलती दिख रही है।

इसके बाद जून 2020 में कर्नाटक की चार और अरुणाचंल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट रिक्त होगी। कर्नाटक में राजग को दो और अरुणाचंल प्रदेश में एक सीट मिलने की संभावना है। जुलाई 2020 में मिजोरम की एक राज्यसभा सीट रिक्त होनी है लेकिन यहां राजग को सफलता मिलने की संभावना कम है। इसके बाद नवंबर 2020 में उत्तर प्रदेश की 10 और उत्तराखंड की एक राज्यसभा सीट रिक्त हो रही है। इन दोनों ही राज्यों में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है। इसमे उत्तर प्रदेश में राजग को कम से कम नौ और उत्तराखं डमें एक सीट पर कामयाबी मिल सकती है। इस तरह वर्ष 2020 में एनडीए को राज्यसभा की इन 17 सीटों में से 13 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है।

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इस लिहाज से देखे तो वर्ष 2020 तक राज्यसभा में राजग के 22 नये सांसद पहुंच कर इसके संख्या बल को 124 तक पहुचा देंगे। जो कि इस उच्च सदन में बहुमत का आकंडा है।

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