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महबूबा ने पार्टी के 8 नेताओं को सस्पेंड किया, जाने पूरा मामला

Deepak Raj
Published on: 9 Jan 2020 2:15 PM GMT
महबूबा ने पार्टी के 8 नेताओं को सस्पेंड किया, जाने पूरा मामला
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श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 15 देशों के राजनयिक मौजूदा स्थिति का मुआयना करने गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे।

राजनयिकों का दौरा शुरू होने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश ने एक प्रेस वार्ता में कहा, 'भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में 15 राजदूतों की यात्रा कराई गई।

पीडीपी सदस्यों को मुफ़्ती ने किया सस्पेंड

यह गाइडेड टूर नहीं है। इसमें अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, नॉर्वे, फिलीपींस, अर्जेंटीना, पेरू, नाइजरिया, नाइजीरिया, टोगो और गुयाना के दूत शामिल हैं।'

उधर खबर आ रही है 15 राजनयिकों के इस दल से मुलाक़ात करने वाले पीडीपी सदस्यों को महबूबा मुफ़्ती ने पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।

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ट्विटर अकाउंट के जरिए महबूबा ने जानकारी दी

पीडीपी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट के जरिए इसकी जानकारी दी है। सस्पेंड किए गए नेताओं में दिलवार मीर, रफ़ी अहमद मीर, ज़फर इकबाल, चौधरी कमर हुसैन, राजा मंजूर और जावेद बेग समेत कई अन्य भी शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने कश्मीर के दौरे के लिए 15 विदेशी राजनयिकों को भेजने की व्यवस्था की जिसका मकसद यह था कि वे हालात को सामान्य बनाने के प्रयासों का जमीनी स्तर पर अनुभव कर सकें। मंत्रालय ने उन आलोचनाओं को बेबुनियाद बताया कि यह प्रायोजित था।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जानकारी दी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि राजनयिक एक समूह में कश्मीर जाना चाहते थे, ऐसे में 15 विदेशी राजनयिकों को भेजने की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि कश्मीर की यात्रा के लिये ऐसा ही एक आयोजन भविष्य में यूरोपीय संघ के राजनयिकों के संदर्भ में हो सकती है।

उन्होंने कहा कि राज्य में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए सुरक्षा अधिकारियों के साथ पहली बैठक हुई। सभी ने आतंकवाद को शांति के लिए खतरा बताया। कुमार ने बताया कि राजनयिकों की यात्रा का उद्देश्य यह था कि वह सरकार द्वारा किये गए प्रयासों को स्वतः देखें।

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शुक्रवार को यह दल जम्मू पहुंचेगा

कुमार ने जानकारी दी कि शुक्रवार को यह दल जम्मू पहुंचेगा। उन्होंने बताया, 'दिल्ली में मौजूद कुछ राजनयिकों ने जम्मू और कश्मीर जाने की इच्छा जताई थी।

इसके बाद सरकार ने यह फैसला किया।' रवीश कुमार ने बताया, 'राजनयिकों ने सिविल सोसायटी, लोकल मीडिया और स्थानीय नेताओं से भी मुलाकात की।'

सुरक्षा कारणों के चलते राजनयिकों के ग्रुप को बड़ा नहीं किया गया

राजनयिकों के इस दौरे में यूरोपीय यूनियन के डिप्लोमैट्स के शामिल ना होने से जुड़े सवाल पर कुमार ने कहा, 'वह एक समूह में जाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते राजनयिकों के ग्रुप को बड़ा नहीं किया जा सकता था।

कई राजनयिकों ने यह भी कहा कि उन्हें इसकी जानकारी पहले से नहीं थी।

हम कोशिश करेंगे कि क्या ऐसा दौरा आगे कराया जा सकता है या नहीं।' रवीश कुमार ने कहा कि विदेशी राजनयिकों ने इस यात्रा के दौरान सुरक्षा अधिकारियों, राजनीतिक नेताओं, नागरिक संस्थाओं और स्थानीय मीडिया से मुलाकात की।

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राजनयिकों ने विभिन्न वर्गो एवं नागरिक समाज के लोगों से बात की

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए मौजूदा स्थिति का जमीनी अनुभव के लिये राजनयिकों का दौरा आयोजित किया गया। यह पूछने पर कि राजनयिकों से किन राजनीतिक नेताओं ने मुलाकात की, प्रवक्ता ने कहा कि राजनयिकों का कश्मीर दौरा अभी पूरा नहीं हुआ है।

मंत्रालय ने बताया कि राजनयिकों ने जम्मू कश्मीर के विभिन्न वर्गो एवं नागरिक समाज के लोगों से बात की। शुक्रवार को दिल्ली लौटने से पहले समूह जम्मू में और बैठकें करेगा।

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