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मोदी कैबिनेट में मिलेगी जगह! सिंधिया के साथ शपथ लेते नज़र आएंगे सचिन पायलट?
गहलोत ने कहा, ‘राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी …पांच साल चलेगी और अगला चुनाव जीतने की तैयारी में हम लग गए हैं।
शाश्वत मिश्रा
देश किसी सार्थक नीति से चल रहा हो या नहीं, एक नीति यहाँ हमेशा चलती रहती है; वो है राजनीति। सियासत की कभी छुट्टी नहीं होती है, छुट्टी होती है तो सिर्फ मुद्दों की। ताज़ा मुद्दा बना है राजस्थान। सियासत की रेल अब राजस्थान पहुंच चुकी है। कोशिश है कि राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार की छुट्टी कर दी जाए। यकीन है प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर। क्योंकि मोहरा अबकी बार इन्हें ही बनाया गया है।
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सरकार स्थिर है?
पिछले काफी दिनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद की ख़बरें आ रही थी। लेकिन ये मुद्दा तब और गरमा गया जब अशोक गहलोत ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा, ‘हम लोग जहां महामारी से लड़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं वहीं ये (भाजपा नेता) लोग सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़ फोड़ करें … खरीद फरोख्त करें इन तमाम काम में लगे हैं।’
गहलोत ने कहा, ‘राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी …पांच साल चलेगी और अगला चुनाव जीतने की तैयारी में हम लग गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘सतीश पूनियां हो, राजेंद्र राठौड़ हों.. ये जिस तरह का खेल खेल रहे हैं राजस्थान में सरकार को गिराने के लिए अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर … ये तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं। जनता समझ चुकी है।’
पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाया। लेकिन कहीं भी सचिन पायलट का नाम नहीं लिया।
अहमद पटेल से मिले पायलट
दूसरी तरफ सूत्रों के अनुसार, सचिन पायलट ने कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल से दिल्ली में मुलाकात की है। पायलट ने पटेल को राज्य में चल रहे सियासी उठापटक की जानकारी दी है। पायलट ने पटेल को यह भी बताया कि राज्य में सीएम उन्हें हाशिए पर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ 10 विधायक भी थे। जो उनकी बातों में सुर से सुर मिलाते नज़र आए। फिलहाल, सचिन पायलट और 15 विधायक (जिसमें से 3 निर्दलीय) दिल्ली के अलावा हरियाणा के तावड़ू स्थित एक हाेटल में ठहरे हैं। उन्हें आश्वासन मिला है कि उनके साथ न्याय होगा।
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बीजेपी में जा सकते हैं सचिन पायलट?
अगर सचिन पायलट की बात कांग्रेस आलाकमान नहीं सुनता है तो उनके पास बीजेपी का दरवाज़ा खटखटाने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा। पायलट के बीजेपी ज्वाइन करने के कयास तभी से लगाए जा रहे थे, जब पार्टी के एक और बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद मध्य-प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन सके थे। जिसके बाद हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों में सिंधिया मध्यप्रदेश से बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे।
सिंधिया के साथ शपथ लेंगे सचिन पायलट?
अगस्त महीने में केंद्र सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होने वाला है। जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। इनको ये इनाम मध्य-प्रदेश में सरकार बनाने की वजह से मिल रहा है। इसी बात को ध्यान में रखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट भी राजस्थान में अगर बीजेपी की सरकार बनवा देते हैं, तो उन्हें भी केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। दोनों साथ में शपथ लेते भी नज़र आ सकते हैं।
हालांकि अभी से यह कहना मुश्किल है कि सचिन पायलट को केंद्र में ही बड़ी ज़िम्मेदारी मिले।
क्या कहता है राजस्थान का गणित
राजस्थान विधानसभा में 199 सीटें हैं। 2018 में हुए चुनावों में कांग्रेस 99, बीजेपी 73, बसपा 6 जबकि अन्य ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ताज़ा जानकारी के मुताबिक, सचिन पायलट के संपर्क में 25 विधायक हैं। इस तरह बीजेपी की 73 और 25 बागी विधायकों का जोड़ 98 होता है। इसका मतलब ये है कि सत्ता पर अपना दावा ठोकने के लिए बीजेपी को दो विधायकों की और ज़रूरत होगी। अब देखना होगा कि बीजेपी राजस्थान में बसपा की मदद लेती है या निर्दलीय विधायकों की।
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