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नीतीश ऐलान पर घमासान: महागठबंधन बोला-मान ली हार, पढ़ें पूरी खबर
बिहार में तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आखिरी चुनाव के एलान पर सियासी घमासान छिड़ गया है। राजद और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस एलान से साफ है कि नीतीश कुमार थक चुके हैं
अंशुमान तिवारी
पटना: बिहार में तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आखिरी चुनाव के एलान पर सियासी घमासान छिड़ गया है। राजद और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस एलान से साफ है कि नीतीश कुमार थक चुके हैं और उन्होंने मतगणना से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है। महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव ने कहा कि हम तो पहले से ही कह रहे हैं कि नीतीश कुमार अब थक चुके हैं। आज उन्होंने खुद ही इस बात की पुष्टि कर दी है। दूसरी ओर भाजपा ने नीतीश कुमार की वकालत करते हुए कहा कि यह राजनीतिक शुचिता की मिसाल है।
पूर्णिया की सभा में किया बड़ा एलान
तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गुरुवार को पूर्णिया में नीतीश कुमार ने इस बात का एलान किया कि मौजूदा चुनाव उनका आखिरी चुनाव है। धमदाहा विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में नीतीश ने कहा कि यह मेरा आखिरी चुनाव है और अंत भला तो सब भला। इसके बाद उन्होंने एनडीए उम्मीदवार को वोट देकर विजयी बनाने की अपील की। नीतीश कुमार के इस बड़े एलान की खबर फैलने के बाद ही इसे लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है।
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माफी मांगकर संन्यास लें नीतीश
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने नीतीश के एलान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तीसरे चरण के मतदान से पहले ही नीतीश कुमार ने आखिरी चुनाव की बात बोलकर एनडीए की हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने काफी सोच समझकर अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है क्योंकि बिहार में महागठबंधन चुनाव जीतने जा रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को बिहार को बदहाल राज्य बनाने के लिए माफी मांगकर रिटायरमेंट लेना चाहिए।
तेजस्वी बोले-मेरी बात सही साबित हुई
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरी बात पूरी तरह से साबित हुई। मैं पहले से ही यह बात कहता रहा हूं कि नीतीश कुमार जी थक चुके हैं और अब उनसे बिहार नहीं संभल पा रहा है। वे चुनाव के दौरान जमीनी हकीकत को नहीं पहचान पाए और जब उन्हें हकीकत का एहसास हुआ तो उन्होंने संन्यास लेने का एलान कर दिया।
नीतीश कुमार के एलान ने हमारे बयान की पुष्टि की है क्योंकि हम भी बिहार के लोगों को यही बता रहे हैं कि अब नीतीश कुमार को मौका देने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि वे पूरी तरह थक चुके हैं।
नीतीश की घोषणा का राजनीतिक फायदा नहीं
राजद नेता रामबली चंद्रवंशी ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार के रिटायरमेंट संबंधी एलान की लंबे समय से प्रतीक्षा थी। उन्होंने यह एलान करने में काफी देर लगा दी।
कांग्रेस नेता चंद्र प्रकाश ने कहा कि नीतीश कुमार ने यदि किसी राजनीतिक फायदे के लिए यह घोषणा की है तो उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि बिहार के लोग भावनाओं में कतई बहने वाले नहीं है। एनडीए को उनकी इस घोषणा का कोई फायदा नहीं होने वाला है।
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राजनीतिक शुचिता की मिसाल
दूसरी और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश का यह एलान राजनीतिक शुचिता की मिसाल है। मुख्यमंत्री ने अपने दिल की बात कही है और हर किसी को यह बात माननी होगी कि राजनीति में भी शुचिता होनी चाहिए। जिस तरह भाजपा ने तय किया है कि 75 साल की उम्र से अधिक उम्र वाले लोग चुनाव नहीं लड़ेंगे। नीतीश कुमार अभी 71 वर्ष के हैं और इस कारण उन्होंने यह एलान सोच समझकर किया है।
आहत मन से नीतीश ने की घोषणा
भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार के चाहने पर भी बिहार की जनता उन्हें सियासत से अलग नहीं होने देगी। पटेल ने कहा कि विपक्ष के नेता चुनाव के दौरान नीतीश के प्रति जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, हो सकता है उससे उनका मन आहत हुआ हो और उसी पीड़ा में उन्होंने अंतिम चुनाव संबंधी एलान कर दिया हो।
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