TRENDING TAGS :
प्रियंका संभालेंगी कमान: राहुल ने दे दिये संकेत, कभी भी हो सकता है ऐलान
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की पद छोड़ने की पेशकश के बाद सभी कांग्रेसियों की नजर राहुल गांधी पर टिकी हैं।
लखनऊ: कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की पद छोड़ने की पेशकश के बाद सभी कांग्रेसियों की नजर राहुल गांधी पर टिकी हैं। एक साल पहले लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस की कमान छोड़ने वाले राहुल गांधी के दोबारा जिम्मेदारी संभालने को लेकर शंका जताई जा रही है। ऐसे में पार्टी के भीतर क्या एक बार फिर ''प्रियंका लाओ-कांग्रेस बचाओ" का नारा बुलंद होगा।
ये भी पढ़ें:अर्थी पर लाश उठी: जिंदा हुई ये लड़की, अंतिम संस्कार के लिए तैयार कर रहे थे ‘शव
प्रियंका लाओ-कांग्रेस बचाओ
पिछले एक दशक के दौरान उत्तर प्रदेश में कई बार "प्रियंका लाओ-कांग्रेस बचाओ "का नारा गूंज चुका है। दरअसल जब कभी कांग्रेस का मुश्किलों से सामना होता है तो कार्यकर्ताओं को गांधी - नेहरू परिवार से ही संजीवनी मिलती रही है। उत्तर प्रदेश में लगभग 30 साल से सत्ता से बाहर बैठी कांग्रेस के कार्यकर्ता पार्टी की मौजूदा राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से राजनीतिक करिश्मे की उम्मीद लगाए बैठे हैं। रायबरेली और अमेठी के चुनाव में प्रियंका गांधी की कार्यशैली ने कार्यकर्ताओं पर जादू की तरह असर दिखाया है।
प्रियंका गांधी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि दिखाई देती है
कार्यकर्ताओं को प्रियंका गांधी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि दिखाई देती है। ऐसे हजारों कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर एक बार प्रियंका ने कांग्रेस की बागडोर थाम ली तो कांग्रेस के अच्छे दिन आते देर नहीं लगेगी। कार्यकर्ताओं के भरोसे के आधार पर अब एक बार फिर यह चर्चा तेज हो रही है कि अगर सोनिया गांधी के पद छोड़ने के बाद राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए तैयार नहीं होते हैं तो प्रियंका गांधी के बारे में विचार किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी ने अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था
राहुल गांधी ने पद छोड़ने के साथ ही लोकसभा चुनाव की हार की जिम्मेदारी पार्टी के अन्य नेताओं को भी लेने की सलाह दी थी। उनकी सलाह आने के बाद पार्टी के युवा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने अपने अपने पद से त्यागपत्र दे दिए थे लेकिन कई दशकों से कांग्रेस के प्रमुख पदों पर कुंडली जमा कर बैठे नेताओं ने टस से मस नहीं ली। बड़े पदों पर बैठे कांग्रेस नेताओं के रुख को देखते हुए ही आखिरकार राहुल गांधी ने अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था और कांग्रेश कार्य समिति को भंग करने की बात कही थी।
इसके बावजूद आज तक कांग्रेस कार्यसमिति में बैठे नेताओं ने चुनावी हार की जिम्मेदारी अब तक नहीं दी है और ना ही पद छोड़ने की पेशकश की। यही वजह है कि कांग्रेस के कई नेता आपसी बातचीत किए कह रहे हैं कि जब तक कांग्रेस कार्यसमिति ने कब्जा जमाए लोग नहीं हटेंगे तब तक राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व संभालने को तैयार नहीं होंगे। बीच का रास्ता तलाशते हुए कुछ लोगों ने यह पेशकश की है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को सोनिया गांधी के हटने के बाद पार्टी की कमान सौंपी जाए।
योगी सरकार को राजनीतिक मुद्दों पर घेरने में भी वह कामयाब रही हैं
पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी के तौर पर पिछले एक साल के दौरान उन्होंने जिस तरह से काम किया है वह उनकी संगठन क्षमता का बड़ा प्रमाण है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को राजनीतिक मुद्दों पर घेरने में भी वह कामयाब रही हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारी ने कहा कि रायबरेली इलाहाबाद बनारस जैसे अनेक इलाकों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रियंका को बागडोर सौंपने की आवाज बुलंद की है। ऐसे में यह सही मौका है जब राहुल की अनिच्छा को देखते हुए प्रियंका को आगे बढ़ाया जाए।
ये भी पढ़ें:कोर्ट की अवमानना का मामला: प्रशांत भूषण को लगा तगड़ा झटका, SC ने कही ये बात
उनके अंदर संगठन को एकजुट रखने और आगे बढ़ाने की क्षमता भी है इसके अलावा पूरे देश में राजनीतिक शख्सियत के तौर पर उनकी अलग पहचान है। वह मतदाताओं के बड़े वर्ग को आकर्षित और प्रभावित करने की क्षमता भी रखती हैं। विभिन्न मौकों पर उन्होंने अपने बड़े भाई राहुल गांधी का सपोर्ट भी किया है। सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी उन्होंने राहुल गांधी का साथ दिया और राहुल विरोधी नेताओं को आईना दिखाया है ऐसे में उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर राहुल गांधी को भी सुविधा होगी और वह अपने एजेंडे को आसानी से आगे बढ़ा सकेंगे।
अखिलेश तिवारी
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।