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एटलस फैक्ट्री बंद होने पर प्रियंका का सरकार से सवाल, नौकरी बचाने की योजना बताएं?

प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरते हुए सवाल उठाया कि केंद्र के पैकेज के बाद भी फैक्टरियां बंद हो रही हैं और रोजगार खत्म हो रहे हैं, इसे रोकने के लिए सरकार क्या योजना बना रही है?

Shivani Awasthi
Published on: 4 Jun 2020 1:57 PM GMT
एटलस फैक्ट्री बंद होने पर प्रियंका का सरकार से सवाल, नौकरी बचाने की योजना बताएं?
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गाजियाबाद: एटलस साइकिल की सबसे बड़ी फैक्ट्री बंद होने के बाद बेरोजगार हुए हजारों कर्मचारियों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चिंता व्यक्त की। इस मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरते हुए सवाल उठाया कि केंद्र के पैकेज के बाद भी फैक्टरियां बंद हो रही हैं और रोजगार खत्म हो रहे हैं, इसे रोकने के लिए सरकार क्या योजना बना रही है?

प्रियंका ने एटलस फ़ैक्ट्री बंद होने के मुद्दे पर उठाये सवाल

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भारत की सबसे बड़ी साइकिल कम्पनी एटलस की गाजियाबाद स्थित फैक्ट्री बंद होने के मामले में सरकार पर सवाल उठाये हैं।

उन्होंने ट्वीट पर लिखा, 'कल विश्व साइकिल दिवस के मौके पर साइकिल कम्पनी एटलस की गाजियाबाद फैक्ट्री बंद हो गई। 1000 से ज्यादा लोग एक झटके में बेरोजगार हो गए। सरकार के प्रचार में तो सुन लिया कि इतने का पैकेज, इतने MoU, इतने रोजगार, लेकिन असल में तो रोजगार खत्म हो रहे हैं, फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं। लोगों की नौकरियां बचाने के लिए सरकार को अपनी नीतियाँ और योजना स्पष्ट करनी पड़ेगी।'

एटलस कम्पनी के पास नहीं साईकिल के उत्पादन का पैसा

गौरतलब है कि गाजियाबाद के साहिबाबाद में स्थित एटलस फैक्ट्री अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गयी है। जिससे एक हजार मजदूरों की नौकरी चली गयी। ध्यान देने वाली बात है कि एटलस ने ये फैसला विश्व साइकिल दिवस के मौके पर लिया है।

1000 मजदूर बेरोजगार

मजदूरों को इस बारे में पूर्व में इस बात की जानकारी भी नहीं थी। आम दिनों की तरह जब वे काम के लिए फैक्ट्री पहुंचे तो दरवाजे पर नोटिस चस्पा देखा। नोटिस में लिखा था कि कम्पनी के पास फैक्ट्री चलाने के लिए पैसा नहीं है, ऐसे में फ़ैक्ट्री को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया जा रहा है। कम्पनी मैनेजमेंट का कहना है कि साइकिल बनाने के लिए कच्चा माल खरीदने तक का पैसा कम्पनी के पास नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों के लिए 3 जून से ले ऑफ़ जारी कर दिया गया।

ले ऑफ का मतलब

ले ऑफ के तहत कम्पनी किसी भी कर्मचारियों की नौकरी से नहीं निकालती। कर्मचारियों को कोई काम नहीं दिया जाता पर उन्हें कम्पनी के गेट पर रोजाना आकर कम्पनी रजिस्टर में हाजिरी लगानी होती है। हाजिरी के आधार पर कर्मचारियों को आधा वेतन दिया जाता है।

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कर्मचारियों को नहीं मिला मई का वेतन

कम्पनी के फैसले से कर्मचारी काफी परेशान है। कर्मचारियों को मई माह का वेतन तक नहीं मिला है। कर्मचारियों पर रोजी रोटी का संकट आ गया है। पिछली सैलरी मिली नहीं है और आगे की सैलरी का कुछ तय नहीं हैं।

हर साल बनती हैं 50 लाख साइकिलें

बता दें कि एटलस की साहिबाबाद स्थित फैक्ट्री 1989 से चल रही है। लॉकडाउन के पहले यहां प्रतिमाह दो लाख साइकिलों को बनाया जा रहा था। पूरे साल में कम्पनी तकरीबन 50 लाख साइकिलों का निर्माण करती थी लेकिन कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन लागू हुआ और फिर कारोबार ठप्प होने से साइकिल बनने की प्रक्रिया रोक दी गयी।

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Shivani Awasthi

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