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वादे नहीं बने हकीकत
सांसद ने मेरठ से दिल्ली की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे,रैपिड ट्रेन, विमान सेवा, रेलवे स्टेशन की दशा और व्यवस्था सुधारने, मेरठ मेडिकल कॉलेज अस्पताल को सुपर स्पेशियलीटी अस्पताल बनाने, आईटी पार्क शुरू कराने,मेरठ में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना,स्पोट्र्स कॉलेज की स्थापना और औद्योगिक क्षेत्र के लिए तमाम काम कराने के वादे किए थे। आकाशवाणी भवन,शहीद स्मारक का लाइट एंड साउंड शो,मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनकर तैयार हो चुके हैं,लेकिन इन तीनों को जनता के लिए अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है।
सुशील कुमार
मेरठ: मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वैश्य समाज से आने वाले राजेंद्र अग्रवाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे हैं। संघ से राजनीति में आने वाले राजेंद्र अग्रवाल का यह दूसरा कार्यकाल रहा। सांसद दावे तो बहुतेरे करते हैं और संसद में भी मुद्दों पर तन कर बोलते हैं, लेकिन उन्हें अपने चुनावी वादे कम ही याद रहते हैं। पिछले चुनावों में उन्होंने वादे तो बेशुमार किए थे,लेकिन दो-चार को छोड़ दें तो अधिकतर वादे पूरे नहींकर पाए। स्थानीय लोगों की उनसे सबसे बड़ी शिकायत है कि वह आम जनता के सम्पर्क में कम ही रहते हैं। यही नहीं, भगवानपुर चट्टावन गांव जो सांसद ने गोद लिया है, वहां वह शायद ही कभी गए हों। वादों और दावों की हकीकत पर प्रस्तुत है सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का रिपोर्ट कार्ड।
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बड़े-बड़े किए थे वादे
सांसद ने मेरठ से दिल्ली की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे,रैपिड ट्रेन, विमान सेवा, रेलवे स्टेशन की दशा और व्यवस्था सुधारने, मेरठ मेडिकल कॉलेज अस्पताल को सुपर स्पेशियलीटी अस्पताल बनाने, आईटी पार्क शुरू कराने,मेरठ में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना,स्पोट्र्स कॉलेज की स्थापना और औद्योगिक क्षेत्र के लिए तमाम काम कराने के वादे किए थे। आकाशवाणी भवन,शहीद स्मारक का लाइट एंड साउंड शो,मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनकर तैयार हो चुके हैं,लेकिन इन तीनों को जनता के लिए अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है।
पिछले चुनाव में सांसद ने मेरठ की सड़कों की बदहाली को चुनावी मुद्दा बनाते हुए चुनाव जीतने के बाद शहर व ग्रामीण इलाकों की सड़कों को भी चकाचक कराने का वादा किया था। यह वादा बस वादा ही रह गया। आज भी मेरठ शहर की गली-मोहल्लों की सड़कों को छोडि़ए, मेरठ-दिल्ली,मेरठ पौढ़ी राष्ट्रीय मार्ग तक का बुरा हाल है। रोहटा मार्ग की बदहाली पर इलाके के लोग कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। ग्रामीण इलाकों की सड़कों का तो और भी बुरा हाल है। हालत यह है कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद शुरू हुआ गड्ढा मुक्त अभियान तक मेरठ में फेल रहा है।
इन सबके बावजूद सांसद राजेन्द्र अग्रवाल अपने कार्यकाल में किए गए प्रयासों से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि उन्होंने मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र में करीब 64 हजार करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य कराए हैं। सांसद निधि के बारे में उनका दावा है कि करीब 25 करोड़रुपए का उपयोग वह मेरठ संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए कर चुके हैं। वैसे, सांसद तमाम उन कामों को अपनी उपलब्धि बताते हैं जो सरकार की सामान्य योजनाओं वाले काम हैं।
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सांसद के दावे
- सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए मेरठ नगर में 17 जन औषधि केन्द्र खुलवाए। मेरठ जिला अस्पताल में नि:शुल्क डाइलिसिस सेन्टर खुला।प्रधानमंत्री राहत कोष से 112 लोगों को इलाज में मदद के लिए 225 लाख रुपए दिलवाए।
- रीजनल एयर कनेक्टीविटी योजना (उड़ान) के तहत मेरठ में एयरपोर्ट के विकास के प्रयास किए।
- मेरठ में पासपोर्ट सेवाकेन्द्र शुरू कराया। केन्द्रीय ज्वैलरी प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ कराया।
- हाईकोर्ट की मेरठ बेंच के लिए संसद के अन्दर तथा बाहर निरन्तर गंभीर प्रयास।
- उज्जवला योजना में 77,233 महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन।
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
मेरठ : राजेन्द्र अग्रवाल (भाजपा)
- बैंकों द्वारा 90,035 कृषि कार्ड और करीब 1547 करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत। जनधन योजना के 8,84,000 खाते खोले गए। 23641 लोगों को 92 करोड़ के मुद्रा ऋण का वितरण। 64 नई बैंक शाखाएं खोली गईं। अटल पेंशन योजना में 17,353 खाते खुले। करीब 1000 दिव्यांगों को कृत्रिम अंगो व सहायक उपकरणों का वितरण कराया गया।
- मेरठ स्पोट्र्स स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ लगाने के लिए 50 करोड़ स्वीकृत।
- ग्राम ज्योति योजना में 60 करोड़ से 21नए विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण कराया।
- आईपीडीएस योजना में 73 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति पर।
- गेल ने मेरठ महानगर में 135 करोड़ का निवेश किया।
- मेरठ-दिल्ली के बीच सड़क और रेल कनेक्टिविटी को ठीक करने का प्रयास किया। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस हाइवे का काम जल्द पूरा हो जाएगा। रैपिड रेल भी जल्द ही मूर्त रूप लेगा।
- आकाशवाणी केंद्र का निर्माण किया गया है।
- ट्रॉमा सेंटर बनाया जा रहा है। मेरठ मेडिकल कॉलेज में 150 करोड़ रुपये खर्च कर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाए जा रहे हैं।
- मेरठ में आईटीआई और दूसरे कॉलेजों में कौशल विकास के कार्यक्रम शुरू कराए हैं।
जनता की राय
सांसद विकास कार्य कराए जाने का दावा तो करते हैं,लेकिन अभी वे काम कहीं दिखाए तो नहीं देते। मैं तो सांसदको 10 में से 3 नम्बर ही दूंगा।
मो. अहसान (रोडवेज कर्मचारी)
सांसद कौन से कार्य कराने की बात कह रहे हैं, हमें नहीं मालूम। हमें तो इतना मालूम है कि हमारे गांव खानपुर का हाल है कि पता नहीं लगता कि सड़कों पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है। सांसद पिछले चुनाव के दौरान ही हमारे गांव आए थे। इसके बाद उनके दर्शन नहीं हुए। मैं तो सांसद को 10 में से 1 नम्बर ही दूंगा।
चतर सिंह (किसान)
सांसद में एक बात तो बहुत अच्छी है कि वह किसी भी समस्या को आसानी से सुनते हैं। यह अलग बात है कि समाधान के नाम पर बस आश्वासन की घुट्टी पिला देते हैं। मैं तो सांसद को 10 में से चार नम्बर दूंगा।
दीपक सहरावत (सॅाफ्टवेयर इंजीनियर)
वैसे तो सांसदका व्यवहार बहुत ही सरल है, लेकिन वह लोगों से बहुत कम मिलते हैं। हमेशा अपने चापलूसों से घिरे रहते हैं। मैं तो सांसद को 10 में से 5 नम्बर दूंगा।
गौरव (छात्र)
हमने तो पिछले चुनाव प्रचार में ही देखा था सांसद को। रही बात काम की तो शहर की सड़कों को देखकर लगता है कि गांव में आ गई हूं। काम कहां और कितने किए हैं यह तो सांसदी ही बता सकते हैं। मैं सांसद को 10 में से 5 नम्बर दूंगी।
नेहा (गृहणी)
राजेन्द्र अग्रवाल 10 साल से मेरठ के सांसद होने के बावजूद मेरठ केलिए कुछ खास नहीं कर सके। जहां तक नम्बर देने की बात है तो मैं 10 में से 3 नम्बर ही देना पसंद करुंगा।
प्रशांत चौधरी (वकील)
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गोद लिए गांव का हाल
गढ़मुक्तेश्वर-मेरठ मार्ग पर मेरठ से करीब 17 किमी दूर भगवानपुर चट्टावन गांव की आबादी करीब 3500 है और यह ठाकुर जाति बहुल है। गांव के लोग मुख्य रूप से खेती किसानी पर निर्भर हैं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने किठौर विधानसभा के गांव भगवानपुर चट्टावन को करीब चार साल पहले गोद लिया था। दो साल में गांव को संतृप्त करना था, लेकिन जिस गांव को आदर्श ग्राम योजना में चुना गया था, वही प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहा है। रास्ते टूटे पड़े हैं, कहीं नाली नहीं है और जगह-जगह जलभराव है। हर मार्ग पर कूड़े के अंबार लगे हुए हैं। गांव में जल निकासी की व्यवस्था नहीं है।
- गांव के जगदेवसिंह कहते हैं कि यहां स्वास्थ्य केंद्र तो है लेकिन डाक्टर आते ही नहीं हैं। मनरेगा में भारी घपला हुआ है। लोगों ने खुद अपने भराव किए, लेकिन मनरेगा में भुगतान के लिए निजी कार्यों को भी शामिल कर दिया गया।
- राजेंद्र सिंह कहते हैं कि शौचालय निर्माण में बहुत ही घटिया सामग्री का प्रयोग हुआ है। लोहे के दरवाजे इतनी खराब क्वालिटी के हैं कि वह गलने लगे हैं। शौचालय निर्माण के गड्ढे लाभार्थियों ने स्वयं खोदे और कुछ तो सीट भी अपने पैसे से लाए।
- नीरज तोमर कहते हैं कि पुराने राशन कार्ड जमा कर लिए गए और अब तक नए कार्ड नहीं दिए गए हैं। राशन कार्ड न होने के कारण राशन भी नहीं मिल रहा है। सांसद का कोई ऐसा काम नहीं है जिसे याद किया जा सके।
- पूर्व प्रधान विजय सिंह कहते हैं कि पानी की टंकी का निर्माण उनके कार्यकाल में शुरू हुआ था, लेकिन आज तक सप्लाई चालू नहीं हो सकी है।
बोले सांसद
सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि मेरे द्वारा गांव में सांसद निधि के साथ ही अन्य स्रोतों से कई काम कराए गए हैं। इनमें विद्युतीकरण, सोलर लाइट, बैंक आदि खुलवाना शामिल है। रही बात गांव की अन्य शिकायतों और भ्रष्टाचार की तो वह ग्रामीणों और प्रधान के बीच का मामला है। ग्रामीणों को गांव की स्वच्छता पर स्वयं ध्यान देना चाहिए।99 फीसदी सांसद ?निधि का उपयोग कर चुका हूं। इस निधि से शौचालय निर्माण पर ज्यादा जोरदिया है। सड़क, नाली, विद्युतीकरण आदि के काम भी कराए हैं। सांसद निधि में अभी तक करीब 23 करोड़ रुपए आए हैं जिसमें करीब छह करोड़ हापुड़ विधानसभा क्षेत्र में खर्चकिए हैं,जबकि बाकी का धन किठौर, मेरठ, दक्षिण,मेरठ शहर और कैंट क्षेत्र में खर्च किए हैं। हाईकोर्ट बेंच को छोड़कर जनता से जो वादा किया था वह मैंने पूरा किया है।
विपक्ष की राय
सपा नेता एवं पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल के कार्यकाल से कतई संतुष्ट नही हैं। उनका कहना है कि जो गांव सांसदने गोदलिए थे उनका हश्र देख लें तो हकीकत सामने आ जाएगी। यही नही मेरठ स्मार्ट बना नहीं,रेलवे स्टेशन बेहाल है, हाईवे पर सिर्फ घोषणाएं हैं, हवाई उड़ान हवा में है। मेरठ में आईटी पार्क नहीं बन पाया है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव चौधरी यशपाल सिंह कहते हैं कि मोदी की तरह सांसद राजेन्द्र अग्रवाल भी फेंकने में माहिर है। हकीकत यही है कि लगातार 10 साल तक सांसद रहने के बाद भी राजेन्द्र अग्रवाल मेरठ का अपेक्षित विकास कराने में असफल रहे हैं।