×

राहुल की चेतावनी: मोदी सरकार पर बोला हमला, नहीं किया ये तो आएगी आर्थिक तबाही

बैठक को राहुल गांधी ने सम्बोधित किया। उन्होंने कोरोना संकट को लेकर विपक्षी दलों से कहा कि लॉकडाउन के दो लक्ष्य हैं। एक तो बीमारी को रोकना और दूसरा इस बीमारी से लड़ने की तैयारी करना। हालाँकि इसके बावजूद देश में संक्रमण बढ़ता जा रहा है।

Shivani Awasthi
Published on: 22 May 2020 1:57 PM GMT
राहुल की चेतावनी: मोदी सरकार पर बोला हमला, नहीं किया ये तो आएगी आर्थिक तबाही
X

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक हुई। इस दौरान कोरोना संकट पर मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों की एकजुटता नजर आई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कोरोना वायरस सकंट के बीच प्रवासी मजदूरों की स्थिति और इस संकट से निपटने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर चर्चा की जा रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार से चक्रवाती तूफान अम्फान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया गया।

राहुल गांधी ने किया विपक्षी दलों को सम्बोधित

बैठक को राहुल गांधी ने सम्बोधित किया। उन्होंने कोरोना संकट को लेकर विपक्षी दलों से कहा कि लॉकडाउन के दो लक्ष्य हैं। एक तो बीमारी को रोकना और दूसरा इस बीमारी से लड़ने की तैयारी करना। हालाँकि इसके बावजूद देश में संक्रमण बढ़ता जा रहा है।

लॉकडाउन से करोड़ों लोगों को ज़बरदस्त नुक़सान

इसके बाद उन्होंने सरकार पर बिना सोचे समझे लॉकडाउन लगाने और उसके बाद होने वाले नुकसान को लेकर बोला कि इससे करोड़ों लोगों को ज़बरदस्त नुक़सान हुआ। उन्होंने जरूरतमंदों व श्रमिकों की मदद की अपील करते हुए चेतावनी दी कि अगर आज सरकार ने उनकी मदद नहीं की तो देश में आर्थिक तबाही आएगी। उन्होंने मांग की कि मजदूरों के खातों में 7,500 रुपये डाले जाएँ। साथ ही राशन और रोजगार में मदद की जाये।

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी का एलान, अब मजदूरों को मिलेगा भरण-पोषण भत्ता

राहुल गांधी का सम्बोधन

“लाखों करोड़ों का सरकार का पैकेज ये बात ऐक्सेप्ट ही नही करता। लोगों को क़र्ज़ की जरूरत नही पर सीधे मदद की आवश्यकता है। हमारी जुम्मेवारी है की हम सब आवाज़ उठाएँ। ये देश का सवाल है, दलों का नही। अगर ऐसा नही हुआ तो करोड़ों ग़रीबी के जाल में उलझ जाएँगे।”

“और एक ज़रूरी बात, कोरोना से लड़ाई ज़िलों व प्रांतों में लड़ी जा रही है। केंद्र नेत्रत्व कर सकता है। पर जैसे केंद्र को प्रांतों की मदद करनी चाहिए थी, वह नही हुआ। ये राजनीति नही देशहित में सच मानने की बात है और प्रान्तों को ताक़त व आर्थिक मदद देने की”



22 राजनीतिक दलों ने लिया हिस्सा

बता दें कि इस बैठक की जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि 22 समान मानसिकता वाले राजनीतिक दलों की कोविड -19 और आर्थिक महामारी पर चर्चा शुरू हो चुकी है। बैठक में पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में अम्फान साइक्लोन से हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया गया।



ये मंत्री बैठक में हुए शामिल

उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए बताया कि बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, राहुल गांधी, शरद पवार, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सीताराम येचुरी और एमके स्तालिन तेजस्वी यादव, उमर अब्दुल्ला, N.K.Premachandran, थिरुमावलव शामिल हुए हैं।

यह भी पढ़ें: BJP नेता का निधन: पार्टी में शोक की लहर, पूर्व सांसद भी रह चुके हैं

विपक्षी दलों ने लगाए केंद्र सरकार पर ये आरोप

विपक्षी दलों की इस बैठक में विपक्षी पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र प्रवासी मजदूरों से जुड़े संकट से निपटने में विफल रही। बता दें कि देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया है। जिसके बाद मजदूर अपने घर जाने के लिए मिलो पैदल का सफर तय कर रहे हैं। वहीं इस दौरान कई मजदूरों की तो सड़क दुर्घटनाओं में मौत भी हो गई।

केंद्र को घेरने के लिए कांग्रेस ने बुलाई बैठक

हालांकि प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए केंद्र सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। लेकिन तभी कई ऐसे मजदूर हैं, जो पैदल ही घर जाने को मजबूर हैं। प्रवासी मजदूरों के पलायन और गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र को घेरने के लिए कांग्रेस ने यह बैठक बुलाई है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story