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गहलोत का प्लान B: चल सकते हैं ये दांव, पायलट को देंगे ऐसे झटका
राजस्थान हाईकोर्ट के सचिन खेमे के पक्ष में फैसला देने के बाद भी सीएम गहलोत विधानसभा में बहुमत साबित करने का एलान कर सकते हैं। ऐसे में बाग़ी गुट के सामने दो मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
जयपुर: राजस्थान विधानसभा स्पीकर की नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट खेमे की याचिका पर आज राज्य हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है, ऐसे में कोर्ट के फैसले पर राजस्थान की सियासत का भविष्य टिका हुआ है। अगर विधानसभा स्पीकर के पक्ष में फैसला आता है तो बागी विधायकों की सदस्यता चली जायेगी और समीकरण बदल जायेंगे, हालाँकि गहलोत सरकार तब भी बहुमत में रहेगी लेकिन अगर विधायकों के पक्ष में फैसला आया तो गहलोत की मुसीबत बढ़ सकती है। ऐसे में गहलोत सरकार बचाने के लिए बड़ा दांव खेल सकते हैं।
गहलोत का प्लान -B
राजस्थान हाईकोर्ट के सचिन खेमे के पक्ष में फैसला देने के बाद भी सीएम गहलोत विधानसभा में बहुमत साबित करने का एलान कर सकते हैं। ऐसे में बाग़ी गुट के सामने दो मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस का व्हिप
पहली, फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस व्हिप जारी करेगी, इस दौरान बाग़ी विधायक इसका उल्लंघन कर सरकार के ख़िलाफ़ वोट नहीं दे सकेंगे। अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन पर दल बदल क़ानून लागू हो जाएगा और सदस्यता ख़त्म हो जाएगी।
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बाग़ी विधायकों पर आपराधिक मुकदमा
दूसरी, बाग़ी विधायकों में से कुछ पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ है, ऐसे में ये विधायक सदन में आए तो उन्हें गिरफ़्तारी का डर होगा। विधायकों के पास ये विकल्प होगा कि बहुमत साबित करने से पहले खुद ही विधायक पद से त्याग पत्र दे दें।
गहलोत सरकार आसानी से करेंगे बहुमत साबित
दोनों तरह से सीएम गहलोत सरकार की ही चित और पट्ट होगी। कोर्ट का फैसला विधानसभा के पक्ष में आने पर भी वे बहुमत साबित करेंगे और नहीं आने पर भी वे आसानी से बागी विधायकों को मुश्किल में डालकर बहुमत साबित कर सकते हैं।
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राजस्थान विधानसभा का समीकरण :
200 विधानसभा वाली सीट पर गहलोत के खिलाफ 19 बागी कांग्रेसी विधायकों के अलावा 3 निर्दलीय विधायक हैं। इसमें भाजपा के 72 विधायकों और हनुमान बेनिवाल के 3 विधायक को भी जोड़ा जाए तो आंकड़ा 97 हुआ। इसके अलावा सीपीआई के एक विधायक का समर्थन किसी गुट के पास नहीं होने से ये आंकड़ा 98 हुआ। वहीं बागी विधायकों को हटा कर भी सीएम गहलोत के पास कुल 102 विधायकों का समर्थन है। बहुमत के लिए 91 का आंकड़ा जरुरी है।
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