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महाराष्ट्र सरकार में विभागों का बंटवारा, जानिए किसे क्या मिला

महाराष्ट्र में सरकार गठन के बाद अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार में मंत्रालयों को बंटवारा हो गया है। इस बंटवारे में शिवसेना को गृह मंत्रालय मिला है। इसके साथ ही शिवसेना को शहरी विकास और पर्यावरण मंत्रालय भी दिया गया है।

Dharmendra kumar
Published on: 12 Dec 2019 12:44 PM GMT
महाराष्ट्र सरकार में विभागों का बंटवारा, जानिए किसे क्या मिला
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन के बाद अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार में मंत्रालयों को बंटवारा हो गया है। इस बंटवारे में शिवसेना को गृह मंत्रालय मिला है। इसके साथ ही शिवसेना को शहरी विकास और पर्यावरण मंत्रालय भी दिया गया है।

इसके अलावा कांग्रेस को उच्च और तकनीकी शिक्षा, राजस्व, स्कूल और चिकित्सा शिक्षा, महिला बाल विकास के अलावा PWD विभाग मिला है, तो वहीं एनसीपी को वित्त मंत्रालय के साथ-साथ ग्रामीण विकास, जल संसाधन, सामाजिक न्याय मंत्रालय मिला है।

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इन मंत्रियों के विभागों का बंटवारा

-एकनाथ शिंदे (शिवसेना) को गृह मंत्रालय, शहरी विकास, पर्यावरण, पीडब्ल्यूडी, टूरिजम और संसदीय कार्य।

-सुभाष देसाई (शिवसेना) को इंडस्ट्री, उच्च और तकनीकी शिक्षा, खेल और युवा, रोजगार।

-छगन भुजबल (एनसीपी) को ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय, जल संसाधन, राज्य आबकारी।

-जयंत पाटील (एनसीपी) को वित्त मंत्रालय, हाउसिंग, खाद्य आपूर्ति और मजदूर।

-बालासाहेब थोराट (कांग्रेस) को राजस्व, स्कूली शिक्षा, पशुपालन एवं मत्स्य पालन।

-नितिन राउत (कांग्रेस) को पीडब्ल्यूडी आदिवासी विकास, अन्य पिछड़ा वर्ग विकास, महिला एवं बाल कल्याण, राहत एवं पुर्नस्थापन।

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लग रही थी ये अटकलें

पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी सरकार में उपमुख्यमंत्री बने एनसीपी नेता अजित पवार को नई सरकार में वित्त मंत्री बनाया जा सकता है। तो वहीं, एनसीपी के जयंत पाटिल को उपमुख्यमंत्री के साथ ही गृह मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन अब इन अटकलों पर विराम लग गया है।

तीनों दलों के बीच हुए समझौते के मुताबिक 56 विधायकों वाली शिवसेना को 10 पोर्टफोलियो, 54 विधायकों वाली एनसीपी को 7 मंत्री और एक उपमुख्यमंत्री का पद मिलने की संभावनाए थीं। कांग्रेस के 44 विधायक हैं और उसे स्पीकर के साथ ही 6 मंत्री पद दिए जा सकते हैं।

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बता दें कि बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ी शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग की थी। शिवसेना की इस मांग को बीजेपी ने मानने से इंकार कर दिया जिसके बाद शिवसेना ने उसके साथ गठबंधन तोड़ दिया। फिर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई।

Dharmendra kumar

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