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CAB पर पूर्वोत्तर में बढ़ा तनाव, इंटरनेट बंद, फ्लाइटें रद्द, जानें दिनभर के बड़े अपडेट्स
नागरिकता संशोधन बिल संसद से पास हो गया है। इस बिल का कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन इस बिल को लेकर सड़क पर संग्राम जारी है। पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बिल के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन हो रहा है। इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है।
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल संसद से पास हो गया है। इस बिल का कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन इस बिल को लेकर सड़क पर संग्राम जारी है। पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बिल के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन हो रहा है। इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। कई जगह सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। असम के गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ समेत कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने लोगों से शांति और संयम बरतने की अपील की है। हालात पर काबू पाने के लिए गुवाहाटी समेत असम के कई शहरों में चप्पे-चप्पे पर सेना के जवान तैनात किए गए हैं। असम, मेघालय और त्रिपुरा में हालात बेकाबू हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पूर्वोत्तर में हालत खराब होने के पीछे कांग्रेस का हाथ है।
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विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर असम के गुवाहाटी में बुधवार को अनिश्चिकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया, शहर में सेना को और त्रिपुरा में असम राइफल्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है। तो वहीं नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लेफ्ट पार्टियां 19 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है।
गुवाहाटी में लगातार हो रहे प्रदर्शन के बाद यहां के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार को हटा दिया है। दीपक कुमार की जगह मुन्ना प्रसाद को गुवाहाटी का कमिश्नर बनाया गया है। असम में 48 घंटे के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। लखीमपुर जिले में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी, एजीपी के दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया है। इसके साथ ही असम की सरकार ने एक्शन लेते हुए चार एडीजीपी का ट्रांसफर कर दिया है।
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के बारे गृह सचिव ने गृह मंत्री अमित शाह को जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश सरकार के कहने पर असम कैडर के आईपीएस अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को असम भेजा गया है। हालात पर काबू करने के लिए केंद्र के सबसे भरोसेमंद अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भेजे गए हैं। जीपी सिंह 1991 बैच के असम कैडर के अधिकारी हैं।
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असम में हो रहे प्रदर्शन पर गृह मंत्रालय की नजर भी है। गृह मंत्रालय की तरफ से असम कैडर के एक वरिष्ठ अधिकारी को राज्य में भेजा गया है जो कि पूरे हालात पर नजर रखेगा।
दो की मौत
गुवाहाटी में बिल के विरोध में प्रदर्शन करने वाले दो लोगों को गोली लगी थी, जिनकी गुरुवार शाम को मौत हो गई। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ने इसकी पुष्टि की है।
मेघालय में भी मोबाइल इंटरनेट बंद
मेघालय में भी मोबाइल इंटरनेट और मैसेजिंग सेवा को बैन कर दिया गया है। राज्य गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 48 घंटों के लिए मेघालय में मोबाइल इंटरनेट और मैसेजिंग सेवा को बंद किया गया है।
बीजेपी नेता ने दिया इस्तीफा
अभिनेता और असम बीजेपी के नेता जतिन बोरा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद वह प्रदर्शन में शामिल हो गए।
राज्यपाल ने की शांति अपील
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने भी प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह प्रदर्शन के दौरान अनियंत्रित न हों और प्रदेश में शांति को बरकरार रखने में मदद करें। उन्होंने कहा कि कहा कि सदन में केंद्र सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि वे असम के हितों की रक्षा करेंगे। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश की संस्कृति, भाषा और क्लॉज 6 के तहत यहां के मूल नागरिकों के हितों की रक्षा का भी आश्वासन दिया है।
पीएम ने की लोगों से अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीएबी(नागरिकता संशोधन बिल) के पारित होने के बाद उन्हें चिंता करने की कोई बात नहीं है। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं- कोई भी आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और सुंदर संस्कृति को नहीं छीन सकता है। यह फलता-फूलता और विकसित होता रहेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार और मैं खंड 6 की भावना के अनुसार असमिया लोगों के राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों को संवैधानिक रूप से संरक्षित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
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मुझे असम के लोगों पर विश्वास: मुख्यमंत्री
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक परंपरा है। मेरा विश्वास है कि असम के लोग हमेशा की तरह आने वाले समय में भी शांति बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि एक वर्ग यह कहकर स्थिति को भयावह बनाने और लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है कि असम में 10-15 मिलियन लोग नागरिकता लेने जा रहे हैं। यह झूठा प्रचार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग प्रदेश के लोगों को गुमराह करने और स्थिति को बिगाड़ने के लिए भ्रामक बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस बिप्लब सरमाह के नेतृत्व में एक कमिटी बनाई है। रिटायर्ड जस्टिस सरमाह को ही असम के लोगों के संवैधानिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सिफारिशें तैयार करने का काम दिया गया था।
सोनोवाल ने कहा कि केंद्र ने बेहद स्पष्ट तौर पर कहा है कि धारा 6 के तहत प्रदेश के लोगों के अधिकारों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस बिप्लब सरमाह के नेतृत्व में काम करने वाली कमिटी जल्द अपनी सिफारिशें देगी और सरकार उन सिफारिशों को तुरंत लागू करेगी। मुझे लगता है कि असम के लोगों के अधिकारों की रक्षा पूरी तरह होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि असम के समझदार लोग भ्रमित करने वाली गलत खबरों पर भरोसा नहीं करेंगे, क्योंकि यहां के लोग शांतिप्रिय हैं। मुख्यमंत्री ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे आगे आएं और शांति का वातावरण बनाएं।
किरण रिजिजू का राहुल गांधी पर पलटवार
किरण रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के द्वारा सभी शरणार्थियों को हमारे संरक्षित इलाकों में लाया गया। कांग्रेस की पॉलिसी की वजह से अवैध घुसपैठिए नॉर्थ ईस्ट में आ गए। आपके ब्लंडर को अब सुधारा गया है।
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पूर्वोत्तर की पहचान को मिटाने की कोशिश: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा था कि नागरिकता संशोधन बिल लाकर मोदी-शाह सरकार ने पूर्वोत्तर की पहचान को मिटाने की कोशिश की है। यह पूर्वोत्तर के नागरिकों के जीवन जीने के तौर-तरीकों और भारत के विचार पर एक आपराधिक हमला है। मैं पूर्वोत्तर के लोगों के साथ खड़ा हूं और उनकी सेवा के लिए तैयार हूं।
संविधान की आत्मा को छलनी करने वाला बिल: प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा जिस समय महात्मा गांधी की जयंती के 150वर्ष पूरा होने का ढिंढोरा पीट रही है उसी दौरान CAB जैसा भेदभावपूर्ण व संविधान की आत्मा को छलनी करने वाला बिल ला रही है। भाजपा के विभाजनकारी मंसूबों के ख़िलाफ कांग्रेस पूरी मजबूती से लड़ेगी। प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी के बयान को ट्वीट कर ते हुए ये बातें कही हैं। नागरिकता संशोधन बिल पास होने पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे काला दिन बताया।
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बिल को वापस ले सरकार: गगोई
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है कि मोदी सरकार को इस बिल को तुरंत वापस ले लेना चाहिए। इसके साथ ही असम समझौते को भी लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व के हालात को भड़काने में कांग्रेस नेताओं की कोई भूमिका नहीं है।
अवार्ड किया वापस
शिरीन दलवी ने नागरिकता बिल के विरोध में अपना अवार्ड वापस कर दिया है। उनको 2011 में राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। चार्ली हेब्दो के विवादास्पद कार्टून को अपने अखबार में फिर से छापने के कारण शिरीन को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया था।
ट्रेनें, फ्लाइट और मैच रद्द
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से असम, त्रिपुरा जाने वाली सभी पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। अभी दिल्ली और कोलकाता से जाने वाली ट्रेन गुवाहाटी तक ही जा रही हैं, उसके आगे की सुविधा बंद कर दी गई है। तो वहीं स्पाइसजेट, विस्तारा, इंडिगो ने असम जाने वाली अपनी सभी फ्लाइट को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही असम और त्रिपुरा में होने वाले रणजी ट्रॉफी के मैच रद्द हो गए हैं। दोनों राज्यों में नागरिकता बिल के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
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रेलवे स्टेशन फूंका
पूर्वोत्तर में छात्र संगठनों समेत लोग इस बिल का जमकर विरोध कर रहे हैं और इसे उनकी स्थानीय अस्मिता पर हमला मान रहे हैं। इसकी वजह से लोग सड़क पर उतर आए हैं। असम के छाबुआ, पानितोला रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया है और आग लगा दी। इसके अलावा डिब्रूगढ़, तिनसुकिया के रेलवे स्टेशन को अलर्ट पर रखा गया है। तिनसुकिया में ही सेना ने मार्च भी निकाला है।
सीएम सर्वानंद सोनोवाल के घर पर हमला
नागरिकता बिल का विरोध असम में हिंसक होता जा रहा है। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के घर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। इसके साथ ही असम में सत्ता पार्टी के कई नेताओं के घरों पर हमला हुआ है। इसके अलावा मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा आज शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट में याचिका
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ इंडियन मुस्लिम लीग सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। कांग्रेस नेता चिदंबरम समेत कई नेताओं ने कहा है कि ये बिल सुप्रीम कोर्ट में फेल हो जाएगा।
क्या है CAB?
नागरिकता संशोधन बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी- हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।