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हैदराबाद एनकाउंटर पर बोले CJI एसए बोबडे- मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी

तेलंगाना पुलिस द्वारा किए गए हैदराबाद एनकाउंटर केस में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरु कर दी है। सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोवडे ने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है।

Shreya
Published on: 12 Dec 2019 6:55 AM GMT
हैदराबाद एनकाउंटर पर बोले CJI एसए बोबडे- मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी
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हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस द्वारा किए गए हैदराबाद एनकाउंटर केस में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरु कर दी है। सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोवडे ने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है। साथ ही सीजेआई एसए बोवडे ने कहा कि मामले में निष्पक्ष जांच जरूरी है। उन्होंने कहा आप अगर पुलिस वालों के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल चलाते हैं तो हम कोई आदेश जारी नहीं करेंगे।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर किसी भी तरह की खबर प्रकाशित और प्रसारित करने पर रोक लगा दी है।

तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए रिटायर जज वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। इस तीन सदस्यीय जांच आयोग में बॉम्बे हाई कोर्ट की रिटायर जज रेखा बलदोटा और सीबीआई के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन भी शामिल हैं। ये जांच आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं मामले में फाइनल ऑर्डर आने तक मीडिया पर रोक बरकरार रहेगी।

वहीं तेलंगाना एनकाउंटर की सेवानिवृत्त न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर न्यायिक जांच करेंगे।

आरोपियों ने छीनी थी पुलिस कर्मियों की पिस्तौल

सीजेआई एसए बोवडे ने तेलंगाना पुलिस से सवाल किया कि, क्या आरोपी हिस्ट्रीशीटर थे? जिसके जवाब में तेलंगाना पुलिस की ओर से दलील रख रहे वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि, नहीं आरोपी लॉरी ड्राइवर और क्लिनर थे। उन्होंने कहा कि जब पुलिस आरोपियों को जगह की पहचान के लिए अपने साथ ले जाना चाहती थी तो थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किये गए। सैकड़ों की तादाद में भीड़ जमा थी। इसलिए हम उन्हें रात में क्राइम सीन पर ले गए थे। आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगाई गई थी। आरोपियों ने पुलिस वालों की पिस्तौल छीन ली और उन पर पत्थर फेंके।

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क्या आरोपियों ने पहले किया था हमला- CJI

इसके बाद चीफ जस्टिस ने सवाल पूछा कि, पहले चारों आरोपियों ने पुलिस कर्मियों पर हमला किया था? आरोपियों ने पुलिस कर्मियों से जो पिस्तौल छीनी थी उससे पुलिस वालों पर फायरिंग की थी? इसका जवाब देते हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि, जी हां, उन्होंने फायर किया था, लेकिन पुलिस कर्मियों को गोली नहीं लगी।

हम एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच चाहते हैं- CJI

इसके बाद वकील मुकुल रोहतगी ने PUCL मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को पढ़ना शुरु किया, जिसमें कोर्ट द्वारा एनकाउंटर को लेकर गाइड लाइन बनाई गई थी। इसके बाद चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने कहा कि हम इस एनकाउंटर के जांच के पक्ष में हैं। हम एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच चाहते हैं।

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IPS अधिकारियों की SIT बनाकर जांच शुरु- वकील

जिस पर वकील मुकुल रोहतगी ने तेलंगाना सरकार की ओर से कहा कि, पड़ोसी जिलों के वरिष्ठ IPS अधिकारियों की SIT बना कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि इन आरोपियों ने ही घटना को अंजाम दिया था। सीसीटीवी फुटेज इस बात का सबूत है कि, इसमें से एक आरोपी के पास महिला डॉक्टर की स्कूटी थी और वो पेट्रोल खरीद रहा था। पेट्रोल महिला डॉक्टर की लाश को जलाने के लिए पेट्रोल खरीदा गया था।

एक ही वक्त पर दो जांच नहीं चल सकती

सुप्रीम कोर्ट से कहा गया कि, राज्य सरकार ने जांच के लिए जो SIT का गठन किया है वो जांच चलती रहेगी। वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जो जज नियुक्त होंगे वो SIT की जांच पर नजर बनाए रखेंगे। साथ ही SIT जो भी जांच करेगी उसकी रिपोर्ट जज को देगी। अगर जज को ऐसा लगता है कि मामले के किसी पहलू की जांच नहीं हुई तो वो SIT से जांच को कहेंगे। लेकिन एक ही वक्त पर एक ही मामले के लिए दो अलग-अलग जांच नहीं चल सकती।

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वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मामले की जांच का नतीजा आने दें, तभी इसका फैसला होगा कि कौन जिम्मेदार है? पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने (आरोपियों ने) पुलिस वालों के पिस्तौल छीनकर उनकी हत्या की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि, प्रोक्सिक्यूशन के पास कोई गवाह नहीं तो ये कैसा ट्रायल होगा?

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, लोगों को सच जानने का अधिकार है। आप अगर पुलिस वालों के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल चलाते हैं तो हम कोई आदेश जारी नहीं करेंगे। लेकिन आप अगर ऐसा नहीं करते हैं तो हम जांच का आदेश देंगे।

जिस पर वकील ने कहा कि ऐसे तो हर एनकाउंटर की जांच कराई जाएगी। जो आरोपी मारे गए हैं उनके परिवार वाले पुलिस वालों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करा रहे हैं। हम दर्ज कर रहे हैं। इस दौरान वकील ने कहा कि मानवाधिकार आयोग की ओर से भी मामले की जांच हो रही है। डॉक्टरों की टीम ने प्रॉपर ऑटोप्सी की है, जिसकी रिपोर्ट मौजूद है।

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