TRENDING TAGS :
एक साथ ये चुनाव लड़ेंगी NCP-शिवसेना, दिल्ली हिंसा पर पवार ने लगाया गंभीर आरोप
NCP ने रविवार को देश की सबसे अमीर मानी जाने वाली बीएमसी के चुनाव की तैयारी के मद्देनजर मुंबई में ‘मिशन बीएमसी 2022’ की शुरुआत कर दी।
NCP ने रविवार को देश की सबसे अमीर मानी जाने वाली बीएमसी के चुनाव की तैयारी के मद्देनजर मुंबई में ‘मिशन बीएमसी 2022’ की शुरुआत कर दी। इस समय बीएमसी के मेयर और डिप्टी मेयर दोनो ही पद शिवसेना के पास हैं। और शिवसेना महाराष्ट्र की तत्कालीन सरकार में एनसीपी की साथी है। वैसे तो बीएमसी चुनाव दो साल बाद होने हैं, लेकिन राजनीति के मझे खिलाड़ NCP प्रमुख पवार अभी से चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।
देश को बांट रही भाजपा
मुंबई में लोगों को संबोधित करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश की राजधानी पिछले कुछ दिनों से जल रही है। केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव को जीत नहीं पाई, इसलिए वह अब समाज में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर उसे बांटने का प्रयास कर रही है।
वहीं इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार ने भी लोगों को संबोधित किया और कहा कि एनसीपी कार्यकर्ताओं को हमारे सहयोगियों के बारे में भ्रम या गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। क्योंकि आने वाले दिनों में हमें एक साथ चुनाव लड़ना है।
ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की याचिका की खारिज़
अजीत ने कहा कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में शिवसेना एक नंबर की पार्टी है और उन्हें बरकरार रहना चाहिए क्योंकि वह हमारे गठबंधन का साथी है। लेकिन एनसीपी बीएमसी चुनाव में दूसरे स्थान पर आना चाहेगी।
NCP ने शुरू किया 'मिशन बीएमसी 2022'
एनसीपी के 'मिशन बीएमसी 2022' को मुंबई में पार्टी के अधिवेशन में हरी झंडी दिखाई गई और इसने महाराष्ट्र की राजधानी में बैनर लगाने की घोषणा की है। सूत्रों ने जानकारी दी कि शरद पवार महाराष्ट्र में उनकी सहयोगी शिवसेना और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर किसी समझौते पर पहुंचना चाहेगी। साथ ही एनसीपी बीएमसी चुनाव के 227 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयारी कर रही है।
227 सीटों वाली मुंबई महानगर पालिका में शिवसेना के पास 93 पार्षद हैं, जबकि बीजेपी के पास 83 और कांग्रेस के पास 29 पार्षद हैं। जबकि एनसीपी 9 सीटों पर ही सिमट गई थी। जानकारी के अनुसार 2019-20 में बीएमसी का बजट 30,692 करोड़ रुपये है, जबकि 2016-17 में यह बजट 37,052 करोड़ रुपये था।
ये भी पढ़ें- राजाओं का ‘खतरनाक’ प्यार, जिस्म ने ऐसे किया बर्बाद ‘किधर’ के भी ना रहे
इतने भारी-भरकम बजट की वजह से ही बीएमसी देश की सबसे अमीर महानगर पालिका भी मानी जाती है। यह बजट बजट नागालैंड, मेघालय, सिक्किम और गोवा के बजट से भी ज्यादा है।
शिवसेना का है बीएमसी पर कब्जा
वर्तमान समय में बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा है। शिवसेना का मेयर पद पर कब्जा पिछले साल नवंबर महीने में शिवसेना की उम्मीदवार किशोरी पेडणेकर को मुंबई महानगर पालिका का निर्विरोध मेयर चुनकर हुआ था। जबकि डिप्टी मेयर पद पर भी शिवसेना के सुहास वाडकर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। दरअसल, मेयर पद के चुनाव में शिवसेना के अलावा किसी दूसरी पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।
ये भी पढ़ें- मोदी सरकार का ऐलान, अगर किए ये काम तो मिलेंगे एक करोड़ रुपए
मुंबई मेयर पद का कार्यकाल ढाई साल का होता है। इससे पहले फरवरी 2017 में बीजेपी के समर्थन से शिवसेना के विश्वनाथ महादेश्वर मुंबई के मेयर बने थे। उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद किशोरी पेडणेकर मेयर चुनी गईं।