हाईकोर्ट ने CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की याचिका की खारिज़

CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर इंडियन मुस्लिम लीग के नेता द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।

Aradhya Tripathi
Published on: 1 March 2020 11:34 AM GMT
हाईकोर्ट ने CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की याचिका की खारिज़
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नई दिल्ली: पूरे देश में CAA और NRC के विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। एक ओर जहां दिल्ली के शाहीनबाग में लागातार मुस्लिम महिलाओं द्वारा धरना कर विरोध प्रदर्शन ज़ारी है। तो वहीं देश के और राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में इंडियन मुस्लिम लीग के नेता जावेद खान ने जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर पब्लिक प्‍लेस पर CAA, NRC और NPR के विरोध में प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी। जिसे कोर्ट ने मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्लेस में धरना प्रदर्शन नहीं किया जा सकता।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जज जस्टिस विशाल घगट की पीठ ने CAA, NRC, NPR के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगने वाली मुस्लिम संगठन की याचिका ये कहते हुए खारिज कर दी कि सार्वजिनक जगहों पर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

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शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन की मांगी थी अनुमति

इंडियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष जावेद खान की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ संवैधानिक तरीके से विरोध-प्रदर्शन करना चाहते हैं। ऐसे में कोर्ट की ओर से इसके लिए उन्हें अनुमति दी जाए। इससे पहले जावेद खान ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन की अनुमति के लिए आधारताल इलाके के एसडीएम के समक्ष आवेदन दिया था।

एसडीएम ने संबंधित थाना प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर जावेद खान को प्रदर्शन की अनुमति प्रदान करने से इंकार कर दिया था। जिला कलेक्टर तथा संभागायुक्त से भी इसकी अनुमति न मिलने के बाद खान ने अदालत में याचिका दायर की थी।

पब्लिक प्लेस का दिया हवाला

स्‍थानीय प्रशासन से प्रदर्शन की अनुमति न मिलने पर जावेद खान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी बात को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 28 फरवरी को अपना फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को पब्लिक प्लेस में धरना प्रदर्शन की अनुमति प्रदान नहीं की जा सकती।

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हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि अभ्यावेदन के निराकरण के संबंध में न्यायालय हस्ताक्षेप नहीं करेगा और जिला कलेक्टर को किसी प्रकार के आदेश जारी नहीं किया जाएगा।

Aradhya Tripathi

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