TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

प्रदूषण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, जानिए इसके बारे में

पिछले काफी दिनों से आटो सेक्टर अपने बुरे दौर से गुजर रहा है। बीते एक साल से देश के ऑटो सेक्टर में लगातार संकट का दौर देखने को मिला है।

Aradhya Tripathi
Published on: 1 March 2020 3:19 PM IST
प्रदूषण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, जानिए इसके बारे में
X

नई दिल्ली: पिछले काफी दिनों से आटो सेक्टर अपने बुरे दौर से गुजर रहा है। बीते एक साल से देश के ऑटो सेक्टर में लगातार संकट का दौर देखने को मिला है। वहीं दूसरी ओर प्रदूषण भी भारत में एक प्रमुख समस्या बनता जा रहा है। इसीलिए अब प्रदूषण के स्तर का देखते हुए सरकार ने एक फैसला लिया है। सरकार ने 1 अप्रैल 2020 से BS6 एमिशन स्टैंडर्ड को लागू करने का फैसला लिया है।

प्रमुख तेल उत्पादन कंपनियां भी नए BS6 इंजन के लिए अपने रिफाइनरीज़ को अपग्रेड कर BS6 ईंधन उपलब्ध कराने के लिए तैयारी है। साथ ही अब मोटर व्हीकल कंपनियां भी इसके लिए BS6 को लागू करने का मन बना रहीं हैं। अभी BS4 एमिशन स्टैंडर्ड लागू है। सरकार ने ये फैसला बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया है। सरकार ने BS5 एमिशन स्टैंडर्ड को छोड़कर BS6 को लागू करने का फैसला लिया है।

नई गाड़ियों को CNG के आधार पर किया जाएगा तैयार

ऐसा माना जाता है कि जिस ईंधन में सल्फर की मात्रा जितनी कम होगी, वो ईंधन उतना ही साफ और प्रदूषण के लिहाज से बेहतर होगा। सल्फर कम होने की वजह से ईंधन के उत्सर्जन में NOx और कार्बन मोनाऑक्साइड (CO) और हाइड्रोकॉर्बन की मात्रा कम होगी। रिपोर्ट्स में दावा किया जा चुका है कि BS4 ईंधन में 50 फीसदी पार्टिकुलेट मैटर पाया जाता है। जबकि ईंधन की सल्फर कंटेट की मात्रा होना भी एफिसिएंसी के लिए जरूरी होता है।

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी पर शशि थरूर का बड़ा बयान, कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कहा कुछ ऐसा…

BS6 ईंधन से चलने वाली डीजल व पेट्रोल इंजन कारों में मैन्युफैक्चरर्स को मामूली बदलाव करना होगा। हालांकि, नए वाहनों को पहले से ही CNG के आधार पर तैयार किया जा रहा है। कई दिग्गज ऑटो कंपनियां तो पहले इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड व्हीकल्स पर भी ध्यान देने लगी हैं।

BS4 वाले भी कर सकेंगे BS6

सवाल ये उठता है कि अब BS4 इंजन वाली कारों का क्या होगा? तो उनके लिए राहत की बात ये है कि अगर आपके पास BS4 इंजन वाली कार है तो भी आप इसमें BS6 ईंधन का प्रयोग कर सकते हैं। आमतौर पर, ईंधन में सल्फर ल्यूब्रिकेंट की तरह काम करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए BS6 ईंधन में अतिरिक्त एडि​टिव्स होंगे जो कि इंजन में ल्यूब्रिकेंट का काम हो सके।

उत्सर्जन स्तर का स्तर तभी मेंटेन किया जा सकेगा, जब BS6 इंजन में BS6 ईंधन का ही प्रयोग किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो प्रदूषण के लिहाज से कोई फायदा नहीं है। हालांकि, एक BS6 इंजन की कार BS6 ईंधन पर काम कर सकती है। लेकिन, यह BS6 एमिशन स्टैंडर्ड के अनुपालन में नहीं होगा।

महंगा होगा BS6 ईंधन

ये भी पढ़ें-घर में घुसकर मारेंगे, अमित शाह के इस बयान से मची खलबली

नए स्टैंडर्ड के आधार पर ईंधन बनाने के लिए तेल रिफाइनरी कंपनियों को अपनी रिफाइनरीज को अपग्रेड करना पड़ा है। इस अपग्रेडेशन पर होने वाले खर्च का कुछ बोझ​ रिटेल कस्टमर्स पर डाला जाएगा। कई प्रमुख कंपनियों ने इस बारे में जानकारी दी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि BS6 स्टैंडर्ड वाले ईंधन की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी ही होगी। किसी पुराने वाहन को BS6 स्टैंडर्ड के लिए कन्वर्ट किया जाता सकता है। लेकिन, इसका खर्च बहुत अधिक होता है। साथ ही भारत में ऐसा करना गैरकानूनी है।

BS4 इंजन वालों को बनवाना होगा पॉलुशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट

भारत में सबसे पहले साल 2000 में एमिशन स्टैंडर्ड लागू किया गया था। BS2 को 2005 में और BS6 को 2010 में लागू किया गया था। BS4 को साल 2017 में लागू किया। लेकिन, प्रदूषण के स्तर पर और लंबे गैप को देखते हुए BS5 को छोड़ने का फैसला किया गया।

भारतीय रोड पर चलने वाले BS4 इंजन वाले वाहनों को पॉलुशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की जरूरत होगी। इसका प्रावधान मोटर व्हीकल एक्ट में भी है।

1 अप्रैल से बंद हो जाएगी BS4 की मैन्युफैक्चरिंग

1 अप्रैल 2020 के बाद BS4 वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग और रिजस्ट्रेशन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। जबकि पुराने BS4 वाहनों को चलाने की अनुमति होगी। अभी तक इसे बंद किए जाने के बारे में कोई डेडलाइन तय नहीं की गई है।

BS6 वाहनों में लगने वाला इंजन BS4 की तुलना में साफ होगा। नए इंजन में एक्जॉस्ट सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए नए कम्पोनेन्ट लगाया जा रहा है। इससे कार की परफॉर्मेंस में मामूली अंतर होगा। यही कारण है कि कई मैन्युफैक्चरर्स ऐसे इंजन बनाने पर जोर दे रहे जो कि परफॉर्मेंस, Efficiency और उत्सर्जन के लिहाज से बेहतर हों।

ये भी पढ़ें- जहां हुआ था हाइड्रोजन बम विस्फोट, हालात देख कांप उठेगी आपकी रूह

दोनों इंजन में तुलना करने पर माइलेज में मामूली अंतर होगा। टेस्टिंग के दौरान BS6 इंजन वाली Maruti Dzire का माइलेज 21.21 किलोमीटर प्रति लीटर था। जबकि, BS4 वाले इंजन के साथ यह 22 किलोमीटर प्रति लीटर था। इस प्रकार, दोनों इंजन वाली वाहनों के माइलेज में मामूली अंतर होगा।



\
Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

Next Story