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गायत्री प्रजापति की कहानी: ऐसे आए उतार चढ़ाव, चुनाव परिणाम आते ही गए जेल

अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पिछलीं समाजवादी पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति अपने पूरे कार्यकाल के दौरान बेहद विवादित रहे।

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Published on: 4 Sep 2020 10:05 AM GMT
गायत्री प्रजापति की कहानी: ऐसे आए उतार चढ़ाव, चुनाव परिणाम आते ही गए जेल
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गायत्री प्रजापति की कहानी (file photo)

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पिछलीं समाजवादी पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति अपने पूरे कार्यकाल के दौरान बेहद विवादित रहे। उन पर अवैध खनन के आरोप लगते रहे लेकिन बलात्कार के एक मामले में जब प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार का गठन हुआ तो गायत्री प्रजापति को जेल की हवा खानी पड़ी। तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक ने बलात्कार जैसे गम्भीर आरोप में वांछित होने के बावजूद प्रजापति को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त ना किये जाने पर आपत्ति दर्ज करते हुए इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी।

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अमेठी में अमिता सिंह को को हारने के बाद बढ़ा कद

वर्ष 2012 में जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार बनी तो उसमें गायत्री प्रजापति की अमेठी में जीत एक बडी जीत कही गयी। उनका समाजवादी पार्टी में बडा कद बन गया क्योंकि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के गढ में उन्होंने सेंध लगाई थी। इस जीत के साथ ही गायत्री प्रजापति राजनीति और सत्ता में चमक के साथ आगे बढ़ते गए। कांग्रेस के गढ़ अमेठी में अमिता सिंह को हराने के बाद गायत्री प्रजापति मुलायम सिंह के करीबियों में शामिल हो गए। सरकार में उनको रोकने वाला कोई नहीं था।

Gayatri Prasad Prajapati Gayatri Prasad Prajapati and akhilesh yadav (file photo)

पहले राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार, फिर कैबिनेट मंत्री बने

गायत्री प्रजापति 2013 में मंत्रिमंडल विस्तार में पहली बार राज्य मंत्री बने और उन्हें कृषि विभाग मिला। बाद में उन्हें खनन विभाग मिला लेकिन कैबिनेट मंत्री के तौर अखिलेश यादव ने इसे अपने पास रखा। कुछ समय बाद उनके कद में और बढोत्तरी हुई उन्हे राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बना दिया गया। यह विभाग पूरी तरह से उनके हवाले हो गया। एक पायदान और बढ़कर उन्हें जनवरी 2014 में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था

इसके बाद जब विभाग में भ्रष्ट्राचार का मामला गरमाया तब अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था इन्हें। सड़क से लेकर सदन तक इस विभाग की काली करतूतों की चर्चा हुई तो तत्कालीन मुख्मयंत्री अखिलेश यादव ने 12 सितंबर 2016 को अवैध खनन व भ्रष्टाचार के मामले में गायत्री प्रजापति को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया लेकिन कुछ दिन बाद मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद उन्हें फिर से खनन मंत्री बना दिया गया ।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ था केस

फरवरी 2017 को गायत्री प्रजापति के खिलाफ रेप की शिकायत पुलिस ने दर्ज हुई। केस भी सु्प्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ। उससे पहले पीड़ित पक्ष 2014 से न्याय की गुहार लगा रहा था। लेकिन उस पर पुलिस कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जूता पा रहा था। केस तो दर्ज हो गया लेकिन गायत्री को तब तक गिरफ्तार न किया जा सका जब तक विधानसभा चुनाव के परिणाम नहीं आये।

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विधानसभा चुनाव परिणाम आते ही हुए गिरफ्तार

जैसे ही 11 मार्च को नतीजे आये और यह तय हुआ कि प्रदेश में भाजपा की सरकार गठन होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के पहले ही 15 मार्च को गायत्री प्रजापति गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए।

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