अभी तो ये शुरुआत है! योगी के स्कैन पर अब इटावा, सैफई और कन्नौज में हुए अपॉइंटमेंट्स

यूपीएसएसएससी के अध्यक्ष राज किशोर यादव के इस्तीफा देने के बाद योगी सरकार की नजर अब इटावा, मैनपुरी और कन्नौज के लिए हुई नियुक्ति पर है।

tiwarishalini
Published on: 6 April 2017 12:16 PM GMT
अभी तो ये शुरुआत है! योगी के स्कैन पर अब इटावा, सैफई और कन्नौज में हुए अपॉइंटमेंट्स
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अभी तो ये शुरुआत है! योगी के स्कैन पर इटावा, सैफई और कन्नौज में हुए अपॉइंटमेंट्स

लखनऊ: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) के अध्यक्ष राज किशोर यादव के इस्तीफा देने के बाद योगी सरकार की नजर अब इटावा, मैनपुरी और कन्नौज के लिए हुई नियुक्ति पर है। सपा परिवार के इन जिलों में लोगों की नियुक्ति राजनीतिक कारणों से हुई थीं। तीनों जिलों के मेडिकल ओर इंजीनियरिंग कॉलेज में नियुक्ति का आधार राजनीतिक मेरिट था।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार (5 अप्रैल) को राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में राज्य में पांच लाख डॉक्टर्स की कमी बताते हुए ये भी कहा था कि अधिकतर अच्छे डॉक्टर की नियुक्ति इटावा के सैफई और मैनपुरी में कर दी गई। नतीजा ये हुआ कि राज्य के अन्य हिस्सों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी हो गई है।

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यही हालत इंजीनियरिंग कॉलेजों की भी है। इनमें एक नियुक्ति प्रोफेसर नीलम कुमार की है। जिन्हें पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी और सांसद डिंपल यादव के संसदीय क्षेत्र कन्नौज में स्टेट इंजीनियरिंग कॉलेज का डायरेक्टर बनाया गया है।

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दिलचस्प है कि उनकी नियुक्ति चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले की गई। उनकी नियुक्ति में वरीयता की अनदेखी की गई। उन्हें तुरंत अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से रिलीव भी कर दिया गया। रिलीव करने वाले कुलपति थे विनय पाठक।

जिनके सिर पर उनके राजनीतिक आकाओं का ​हाथ है और वो सपा सरकार के करीबी माने जाते थे। उनका काम भी संदेह के घेरे में रहा है। हालांकि उन्होंने इस बात का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया कि बिना औपचारिकता पूरी किए नीलम कुमार को रिलीव कैसे कर दिया।

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नीलम कुमार राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर थीं, लेकिन उन्हें कन्नौज इंजीनियरिंग कॉलेज में डायरेक्टर बना दिया गया। कन्नौज इंजीनियरिंग कॉलेज बहुत से सिविल काम भी करता है। नीलम कुमार वर्ल्ड बैंक के सहयोग से चल रही परियोजना टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (TEQIP) की मुख्य परियोजना समन्वयक हैं। इसके दूसरे चरण का काम पूरी तरह से असंतोषजनक है।

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टेक्निकल एजुकेशन विभाग के सूत्रों का कहना है कि पिछली सपा सरकार ने सभी नियुक्तियां चुनाव को ध्यान में रख कर कीं। अब ऐसी सभी नियुक्ति योगी के स्कैन पर है। विभाग अपना प्रेजेंटेशन मंगलवार (4 अप्रैल) को सीएम के समक्ष रख चुका है।

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