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Prayagraj News: जानिए क्यों सूख रहा संगम, रेत के मैदान में तब्दील हो रही गंगा
Prayagraj News: गर्मी का प्रचंड स्वरुप मार्च के दूसरे सप्ताह में दिखना शुरू हो गया है। अभी मई-जून की भीषण गर्मी काफी दूर है, लेकिन अभी से नदियां सूखने लगी हैं।
Prayagraj News: गर्मी का प्रचंड स्वरुप मार्च के दूसरे सप्ताह में दिखना शुरू हो गया है। अभी मई-जून की भीषण गर्मी काफी दूर है, लेकिन अभी से नदियां सूखने लगी हैं। हालात यह है कि संगम क्षेत्र की गंगा नदी में कई जगह टापू नजर आ रहे हैं। फिलहाल गंगा की जो तस्वीर देखने को मिल रही है, वह बेहद दयनीय है। जिसे देखकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।
जहां लगा था माघ मेला, वहां विलुप्त हो रही गंगा
जिस जगह देश का सबसे बड़ा धार्मिक माघ मेला लगा हुआ था, आज उस क्षेत्र में गंगा का अस्तित्व खत्म होता दिख रहा है। संगम क्षेत्र में जगह-जगह अभी से ही टापू बन गए हैं। अधिकतर क्षेत्र रेत के मैदान में तब्दील होता नजर आ रहा है। गंगा नदी भी सिमटकर रह गई है। जहां कुछ दिन पहले लोग आस्था की डुबकी लगाते थे, वहां पर रेत के टापू नजर आ रहे हैं। श्रद्धालुओं के मुताबिक ऐसी तस्वीर मई के आखिरी दिनों में देखने को मिलती थी, लेकिन मार्च महीने के शुरुआती दिनों में ही ऐसी तस्वीर दिखना आश्चर्यचकित करने वाली बात है।
स्थानीय लोग परेशान, बांध से पानी छोड़ने की मांग
लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा दिक्कतें दूरदराज से संगम में स्नान करने के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को आती है। वो जब यहां टापू बना देखते हैं तो निराश हो जाते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि माघ मेले के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद था, लेकिन जैसे ही माघ मेला खत्म हुआ, गंगा विलुप्त होती नजर आ रही है। ऐसी स्थिति में सरकार को जल्द से जल्द बांध से पानी छोड़ना चाहिए ताकि गंगा के अस्तित्व को बचाया जा सके।
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फ़रवरी के महीने में ही गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया था। ऐसे में इसका असर गंगा पर भी दिख रहा है। गौरतलब है कि फरवरी के ही महीने में प्रयागराज का तापमान 31 डिग्री तक पहुंच चुका था और मार्च के शुरुआती दिनों की बात करें तो पारे में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में लोगों का कहना है कि अप्रैल और मई के महीने में गर्मी अपने सभी रिकॉर्ड को तोड़ देगी और तापमान 50 डिग्री तक पहुंच जाएगा। ऐसे में सरकार को तैयारी रखनी चाहिए।
अविरलता को सरकार प्रतिबद्ध: पूर्वांचल विकास बोर्ड
इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य विजय विक्रम सिंह ने कहा कि गौमाता और गंगा माता हमारी भारतीय संस्कृति की जीवन रेखा है। गंगा जी की स्वच्छता अविरलता के प्रति हमारी डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है। प्राकृतिक मौसम के उतार-चढ़ाव को बदले बिना जल चक्र की निरंतरता को बनाये रखने में अभी तक हमारी सरकार पूर्ण रूप से सफल रही है। इसी का नतीजा रहा है कि गंगा जी में तैरता फाइव स्टार होटल उच्च सुविधाओं से युक्त गंगा विलास क्रूज वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक चला था।