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बच्चों के लिए जरूरी ये रिश्ते, नहीं मिला साथ तो होगा नुकसान, जानें क्यों..

न्यूकिलर फैमिली में बच्चों को अपने दादी-नानी का वो प्यार और लाड़ नहीं मिल पाता है, जिसका असर बच्चों के व्यक्तित्व पर साफ दिखाई देता है, इसलिए बच्चों की जिंदगी में इन रिश्तों की अहमियत को बताने की जरूरत हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 19 Sep 2020 3:58 PM GMT
बच्चों के लिए जरूरी ये रिश्ते, नहीं मिला साथ तो होगा नुकसान, जानें क्यों..
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न्यूकिलर फैमिली में बच्चों को अपने दादी-नानी का वो प्यार और लाड़ नहीं मिल पाता है, जिसका असर बच्चों के व्यक्तित्व पर साफ दिखाई देता है, इसलिए बच्चों की जिंदगी में इन रिश्तों की अहमियत को बताने की जरूरत हैं।

जयपुर:बचपन की छुट्टियों में दादी और नानी के घर जाना और वहां की गई शरारतें तो सभी को याद ही होगीं, साथ ही खेल-खेल में कितनी सारी अच्छी बातें और आदतें सीख जाते थे। जिनका हमें पता जिंदगी की कठिनाईयों में लगता था। लेकिन आज के दौर की न्यूकिलर फैमिली में बच्चों को अपने दादी-नानी का वो प्यार और लाड़ नहीं मिल पाता है, जिसका असर बच्चों के व्यक्तित्व पर साफ दिखाई देता है, इसलिए बच्चों की जिंदगी में इन रिश्तों की अहमियत को बताने की जरूरत हैं।

बच्चों को परवरिश

अगर अपने बच्चों को अपनी ही तरह की परवरिश देना चाहते हैं,तो उन्हें भी अपने दादा-दादी और नाना-नानी के पास जाने से न रोकें। क्योंकि उनके पास कहानियों और किस्सों में बहुत सारे संस्कार और व्यक्तित्व को निखारने के नुस्खे होते हैं। जो आज कही खोते जा रहे हैं

grandpa सोशल मीडिया से

मुश्किल वक्त से लड़ने की हिम्मत

धैर्य, सहनशक्ति और विनम्रता हम सबकी पर्सनेलिटी के वो गुण हैं, जिसके होने पर मुश्किल वक्त से लड़ने की हिम्मत पाते हैं। अगर ये गुण खुद में चाहते हैं तो बच्चे अपनी परेशानी को पहले समझे और बिना घबराए और घुटने टेकें उसको हल करने की कोशिश करें।

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अनुभवों का वो खजाना

बड़े-बुजुर्गों को अक्सर अनुभवों का वो खजाना कहा जाता है जो कभी खत्म नहीं होता। घर के बड़े अपने बच्चों और अपने नाती-पोतों को हर परेशानी से बचाने के लिए रोज नए-नए उपाय और टिप्स बताते हैं। जिनका असर कुछ समय के लिए ही नहीं बल्कि जिंदगी भर रहता है।

grand ma सोशल मीडिया से

बच्चों को अकेलेपन के साथी

आज के दौर में बच्चों और पेरेंट्स के बीच लगातार एक-दूसरे की बात न समझ पाने की वजह से दूरियां बढ़ती जा रही हैं। जिन्हें सिर्फ एक-दूसरे के साथ वक्त बिता कर ही दूर किया जा सकता है। ऐसे में अगर बच्चों को अपने दादी-दादा और नानी-नाना का साथ मिल जाता है तो कई बार बातों को बिगड़ने से रोका जा सकता है। इसका एक फायदा ये भी है कि घर के बड़े लोगों और बच्चों को अकेलेपन से नहीं जूझना पड़ेगा।

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child सोशल मीडिया से

गलत आदतें और बीमारियां

आज जब दोनों ही पेरेंट्स वर्किंग होते हैं,जिससे बच्चे में सोशल मीडिया और अकेलेपन की वजह से कई गलत आदतें और बीमारियां होने लगती हैं। अगर ऐसे में बच्चे अपने ग्रेंड पेरेंट्स के साथ रहते हैं,तो उनमें बड़ों को देखकर दूसरों की केयर करना और उनकी रिस्पेक्ट करने जैसे गुणों का विकास होने लगता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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